पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अंतरिम जमानत याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया। ईडी से तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है।
यही नहीं, आम चुनाव को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट हेमंत की याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए भी तैयार हो गया है। अब 17 मई को इस मामले की सुनवाई होगी।
हेमंत की ओर से सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट कपिल सिब्बल सोमवार को कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कहा कि ऐसे ही मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी गई है। इसलिए हेमंत सोरेन को भी चुनाव प्रचार के लिए राहत मिलनी चाहिए।
चुनाव प्रचार के लिए राहत हासिल करना हेमंत का अधिकार
कपिल सिब्बल ने अपनी दलील में कहा कि केजरीवाल मामले में दिया गया आदेश हेमंत पर भी पूरी तरह से लागू होता है। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को चुनाव प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दी है, इसलिए हेमंत को भी प्रचार के लिए राहत हासिल करने का अधिकार है। इसके बाद खंडपीठ ने इस याचिका पर सुनवाई के लिए 20 मई की तारीख तय की। जिस पर सिब्बल ने कहा कि सुनवाई पहले होनी चाहिए और इसी खंडपीठ में होनी चाहिए, क्योंकि चुनाव को देखते हुए तत्काल सुनवाई की जरूरत है। अगर खंडपीठ पहले सुनवाई नहीं करेगा तो हम याचिका वापस लेने पर विचार करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले हमें हाईकोर्ट जाने को कहा था। वहां सुनवाई पूरी होने के दो महीने बाद फैसला सुनाया गया। इसमें हमारी गलती नहीं है। हम कोर्ट से न्याय की उम्मीद रखते हैं। अगर खंडपीठ इस याचिका पर तत्काल सुनवाई नहीं करना चाहता तो वह हेमंत को भी केजरीवाल की तरह अंतरिम जमानत दे। इस पर कोर्ट ने कहा कि वह ईडी का पक्ष सुने बिना आदेश जारी नहीं कर सकता। अब 17 मई को सुनवाई होगी।
नियमित जमानत याचिका निचली अदालत से खारिज
इधर, पीएमएलए कोर्ट के विशेष जज राजीव रंजन की कोर्ट ने हेमंत सोरेन की नियमित जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी। चार मई को सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। हेमंत को ईडी ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। एक फरवरी को उन्हें जेल भेज दिया गया था। तब से वह जेल में बंद हैं।