काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र में लाखों के गुंडा-टैक्स को लेकर फायरिंग:200 दुकानदारों से रोज 100-200 रुपए वसूले जा रहे, दो गुटों में वर्चस्व की जंग

वाराणसी में रविवार दोपहर मीरघाट पर फायरिंग और जानलेवा हमला वर्चस्व की लड़ाई और दबंगई में हुआ। विश्वनाथ मंदिर की बाउंड्री, मणिकर्णिका मार्ग और कॉरिडोर के आसपास की फूल, पूजन सामग्री और धार्मिक सामग्री की करीब 200 दुकानों से हर महीने लाखों का गुंडा टैक्स वसूला जा रहा है।

सपा नेता के घर पर पथराव, फायरिंग और जानलेवा हमले की असली वजह भी वसूली है। घाट से लेकर मंदिर तक की इन दुकानों पर अब तक वसूली में बंटवारा था। अब दोनों गुट पूरी तरह से अपनी कब्जेदारी में जुटे हैं। दिनदहाड़े गोलियां बरसाकर और दबंगई दिखाकर प्रशासन को चुनौती के साथ दुकानदारों में धौंस जमाना भी हमलावरों का प्लान था।

कैमरे से बोलने से डर रहे दुकानदार, बोले- रोज 100-200 रुपए यादव गैंग को देते हैं
काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र में वसूली गैंग का रेट तय है। केवल फूल-माला बेचने वालों से नहीं, बल्कि बड़ी दुकान वालों से भी वसूली की जाती है। पुलिस की नाक के नीचे दबंग दुकानों से गुंडा टैक्स वसूलते हैं। मामले में पुलिस जानकर भी अनजान बनी रहती है या उनकी मूक सहमति शामिल रहती है।

दुकानदारों ने बताया कि फूल-माला वाले हर दिन 100-200 रुपए गुंडाटैक्स देते हैं। एक नहीं, कई लोग महीने में आ जाते हैं और वसूली कर जाते हैं। हर फूल माला वाले महीने में 3 से पांच हजार रुपए यादव गैंग से जुड़े लोगो को देकर अपनी सुरक्षा रखते हैं।

मीरघाट क्षेत्र में फूलमाला बेचने वालों की संख्या लगभग 200 है तो इसके अलावा साड़ी की दुकान, पूजा सामग्री, धार्मिक सामग्री के दुकानदारों से महीने के हिसाब से वसूली होती है। मणिकर्णिका मोक्ष द्वार से लेकर घाट तक की तमाम दुकानों पर वसूली ही रविवार को हुई फायरिंग की जड़ है।

मोटर बोट पर सवार होकर आए थे 38 हमलावर
रविवार को सपा नेता विजय यादव के परिवार समेत हत्या के इरादे से 10-12 नहीं, 38 हमलावर आए थे। पांच के हाथ में पिस्टल और तमंचा था तो 17 के हाथ लाठी-डंडा और धारदार हथियार थे। हमलावर मोटर बोट में रॉड, लाठी, असलहा लेकर आए थे।

काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में फायरिंग और दहशत फैलाने की फुलप्रूफ प्लानिंग थी। वारदात के लिए पुलिस ड्यूटी चेंज होने का समय चुना गया। विजय के घर पहुंचने के लिए सड़क नहीं, जलमार्ग को चुना।

हमलावर मणिकर्णिका घाट, ललिता घाट के सामने से होते हुए मीरघाट पहुंचे। वहां मोटर बोट से उतरकर सभी विजय यादव के घर की गली में पहुंचते ही गालियां देने लगे। आसपास के दुकानदारों को धमकाते हुए विजय यादव के घर पर पथराव, फायरिंग शुरू कर दी।

ललकारते हुए 15-20 राउंड फायरिंग की
हमलावरों ने विजय यादव की हत्या का लक्ष्य बनाया था और घर के बाहर आकर जमकर उपद्रव किया। जिन्होंने पूरी वारदात देखी, उनके मुताबिक- हमलावर ललकारते हुए गोलियां चला रहे थे। उनकी मंशा साफ थी कि जो सामने आएगा मार देंगे। हमलावरों ने फायरिंग शुरू की तो 15-20 राउंड गोलियां चलाई, जिससे मोहल्ले में दहशत फैल गई। लोगों ने घरों के दरवाजे बंद कर लिए।

पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले तो हमलावरों की संख्या, वारदात स्पष्ट हो गई। विजय यादव की तहरीर पर 5 नामजद और 12 अज्ञात पर दशाश्वमेध थाने में केस दर्ज किया गया है। विजय यादव के परिवार के 3 लोग और एक आरोपी को BHU ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है।

गोविंद यादव फायरिंग कर भागा, दोबारा लौटा तो भीड़ ने पकड़ लिया
हमलावर गोविंद यादव पहले अन्य साथियों के साथ मीरघाट की ओर भाग निकला था। घाट उतरते समय अचानक उसने पीछे लोगों के आने की आहट सुनी तो ललकारते हुए लौट आया। गली में जुटी भीड़ को ललकारते हुए ताबड़तोड़ दो फायर झोंक दिए।

हमलावर और पीड़ित, दोनों पक्ष हिस्ट्रीशीटर

इसके बाद तीसरा फायर मिस हुआ तो पिस्टल देखने लगा। तभी छत से लोगों ने ईंट-पत्थर मारे और चारों ओर से घेर लिया। उसे पहले कमरे में बंद किया और जमकर पीटा। बाद में पुलिस के सुपुर्द कर दिया। गोविंद यादव की पिस्टल परिजनों ओर मोहल्ले वालों ने छीन ली, उसे पुलिस को सौंप दिया।

हिस्ट्रीशीटर विजय यादव समेत उसका छह भाइयों का परिवार मीरघाट स्थित तिमंजिला मकान में रहता है। विजय का पूर्व पार्षद बंशी यादव से पुराना विवाद चला आ रहा है। विजय पर हमले में नामजद एक आरोपी अंकित यादव का पिता बंशी यादव कुख्यात बदमाश था। बंशी भी पार्षद रह चुका था। साल 2004 में जिला जेल में कुख्यात अन्नू त्रिपाठी ने बंशी की हत्या कर दी थी। इसके बाद अंकित ने 2017 में पानदरीबा वार्ड से पार्षदी का चुनाव जीता था।

विजय ने लगाया हमलावरों पर गुंडाटैक्स वसूलने का आरोप
विजय के अनुसार, उनके परिजन की दो दुकानें विश्वनाथ धाम के गेट नंबर दो के पास हैं। इनमें से एक साड़ी और दूसरी प्रसाद और फूल-माला की हैं। हमलावर उनसे रंगदारी की मांग करते रहे हैं। रविवार दोपहर करीब एक बजे रामघाट निवासी गोविंद यादव, सूजाबाद के साहिल यादव, मछोदरी के अंकित यादव, शीतला गली के शिवम और शोभित शर्मा समेत करीब 40 लोग उनके घर पहुंचे।

सभी रॉड-डंडे समेत असलहों से लैस थे। गुंडा टैक्स नहीं देने पर घर में घुसकर मारपीट शुरू कर दी। विजय यादव की तहरीर पर अंकित यादव, गोविंद यादव, साहिल यादव, शोभित शर्मा समेत 5 नामजद और कई अज्ञात पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।

DCP काशी जोन प्रमोद कुमार ने बताया- विजय यादव को सुरक्षाकर्मी देने के अलावा घर पर फोर्स तैनात है। घटना के सभी पहलुओं की जांच हो रही है। हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए टीम में लगाई गई है।

विजय के भाई और नाती को लगी गोली, तीन अन्य चोटिल
हमले में विजय यादव के भतीजे रोहित यादव के 7 साल के बेटे निर्भय, भाई दिनेश यादव, भाभी किरण यादव, पत्नी रजनी यादव घायल हो गईं। दिनेश और निर्भय के पैर और जांघ में गोली लगी है। वहीं, किरण के भी पैर में गोली लगी है। रजनी यादव के सिर में छर्रा लगा है। विजय यादव के बेटे शुभम, भतीजे उमेश यादव को भी चोट आई है। इन सभी को प्राथमिक उपचार के बाद कबीरचौरा अस्पताल से BHU ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है।