हरियाणा लोकायुक्त ने ULB डिपार्टमेंट के CVO को किया तलब:याशी कंपनी-12 IAD को क्लीन चिट देने का मामला; बिना वेरिफिकेशन 63 करोड़ कर दिए जारी

हरियाणा लोकायुक्त ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग (ULB) डिपार्टमेंट के चीफ विजिलेंस ऑफिसर (CVO) को तलब कर लिया है। यह कार्रवाई लोकायुक्त जस्टिस हरिपाल वर्मा ने प्रॉपर्टी आईडी (PPP) सर्वें घोटाले में 12 आईएएस व याशी कंपनी को अपनी जांच में क्लीन चिट देने के मामले में की है। अपने आदेश में इस मामले के शिकायतकर्ता पीपी कपूर को भी मौजूद रहने के लिए कहा है।

लोकायुक्त कोर्ट में पिछले वर्ष 19 जुलाई 2023 को RTI दस्तावेजों सहित लिखित शिकायत देकर 12 आईएएस अधिकारियों व सर्वे करने वाली याशी कम्पनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।

शिकायत में 63 करोड़ रुपए जारी करने का मामला

शिकायत में आरोप लगाया था कि याशी कंपनी के सर्वें में बड़ा घोटाला हुआ है, किए गये सर्वें की बिना फिजिकल वेरिफिकेशन किए अधिकारियों ने साइन ऑफ सर्टिफिकेट जारी कर याशी कंपनी को करीब 63 करोड़ रुपए की पेमेंट करवा दी। जबकि सर्वे बिल्कुल बोगस होने व इसमें भारी त्रुटियां होने के कारण आज तक लोग धक्के खा रहे हैं।

लोकायुक्त जस्टिस हरिपाल वर्मा ने शिकायत पर एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) से प्राथमिक जांच रिपोर्ट लेने के बाद शहरी निकाय विभाग के प्रधान सचिव से रिपोर्ट मांगी थी।

इसी साल दे दी गई क्लीन चिट

इस बीच 6 मई 2024 को अपनी जांच रिपोर्ट में निकाय विभाग के चीफ विजिलेंस ऑफिसर जेएस बोपाराय ने याशी कंपनी सहित सभी आरोपी आईएएस अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी। शिकायतकर्ता ने सीवीओ की इस जांच रिपोर्ट को गलत बताया और लिखित तौर पर चुनौती देते हुए इसे रद्द करके घोटाले की एंटी करप्शन ब्यूरो से विस्तृत जांच कराने की मांग की। इस पर लोकायुक्त ने निकाय विभाग की सीवीओ को तलब किया है।

यहां पढ़िए क्या है पूरा मामला…

पीपी कपूर ने बताया कि सीवीओ की जांच रिपोर्ट अनुसार सभी 88 शहरों में कुल 42,70,449 प्रॉपर्टियों का सर्वें किया गया था। इनमें से करीब आधी सम्पतियां यानी 21.35 लाख संपत्तियां तो खाली प्लॉट, निर्माणाधीन अथवा बंद पड़े भवन थे। फिर भी अधिकारियों ने याशी कंपनी को इन सबका भुगतान कर दिया।

सर्वे कंपनी को भुगतान करने से पहले सभी संपत्तियों के 10वें हिस्से की फिजिकल वेरिफिकेशन की जानी थी। प्रॉपर्टी आईडी सर्वें का डेटा गत 16 नवंबर 2022 को एनडीसी पोर्टल पर ऑनलाइन करने से 21 मार्च 2023 तक 15 माह में कुल 8,02,480 संपत्ति मालिकों ने कुल 18,74,676 आपत्तियां दर्ज कराई। यानी हर महीने औसतन 52,523 प्रॉपर्टी मालिकों ने कुल करीब 1,25,000 आपतियां दर्ज करवाई।

शिकायतकर्ता का ये कहना है

कपूर ने आरोप लगाया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सरकार की यह फ्लैगशिप योजना बड़े भृष्टाचार के चलते प्रदेशवासियों के लिए जी का जंजाल बन कर रह गई। आज तक रोजाना हज़ारों लोग अपनी संपत्तियों की प्रॉपर्टी आईडी दुरुस्त कराने के लिए धक्के खा रहे हैं, दलालों के पास लुट रहे हैं। आरोप लगाया कि सरकार ने इस घोटाले में संलिप्त 12 आईएएस को बचाने के लिए उनके दबाव में याशी कम्पनी को क्लीन चिट दी है।