महाराष्ट्र में अर्न्स्ट एंड यंग (EY) कंपनी के पुणे ऑफिस में 26 साल की CA एना सेबेस्टियन की मौत मामले में लेबर डिपार्टमेंट के अधिकारी मंगलवार (24 सितंबर) को जांच करने पहुंचे। जांच में सामने आया कि EY कंपनी 2007 से स्टेट परमिट के बिना काम कर रही है।
महाराष्ट्र के एडिशनल लेबर कमिश्नर शैलेंद्र पोल ने कहा कि कंपनी के पास शॉप एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत दिया जाने वाला सर्टिफिकेट नहीं था। यह कानून किसी भी कंपनी में कर्मचारी के अधिकतम 9 घंटे (हफ्ते में 48 घंटे) की ड्यूटी करने की परमीशन देता है। इस पर EY कंपनी को जवाब देने के लिए 7 दिन का वक्त दिया है।
दरअसल, एना की 20 जुलाई को कार्डियक अरेस्ट से मौत हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, उसे वर्कलोड के चलते कार्डियक अरेस्ट आया था। मौत से कुछ दिन पहले जब माता-पिता उससे मिलने पुणे आए तो उसने सीने में दर्द की शिकायत की। डॉक्टर को दिखाने पर पता चला था कि ऑफिस वर्कलोड के चलते एना परेशान थी।
एना ने मार्च में कंपनी जॉइन की, 5 महीने में मौत केरल की रहने वाली CA एना ने 19 मार्च को अर्न्स्ट एंड यंग कंपनी जॉइन की थी। 6 जुलाई को जब एना के माता-पिता उससे मिलने पुणे आए तो उसने सीने में दर्द की शिकायत की। डॉक्टर को दिखाने पर पता चला कि ऑफिस वर्कलोड के चलते एना परेशान थी।
एना के पेरेंट्स का कहना है कि उनकी बेटी डॉक्टर से मिलने के बाद ऑफिस लौट गई थी। रात में देर से घर आई और अगली सुबह फिर जल्दी चली गई। जिसके बाद 20 जुलाई को एना की मौत हो गई। जिस कंपनी के लिए काम करते हुए एना की जान गई, उस कंपनी से कोई भी उसके अंतिम संस्कार तक में शामिल नहीं हुआ।
एना की मौत से पहले कई कर्मचारी रिजाइन कर चुके थे एना की मां अनीता ऑगस्टिन ने चेयरमैन राजीव मेमानी को लेटर लिखकर अपनी कंपनी के टॉक्सिक वर्क कल्चर में सुधार करने को कहा था। अनीता ने यह भी दावा किया है कि कई कर्मचारी वर्कलोड के चलते रिजाइन कर चुके थे। इसलिए उनकी बेटी के बॉस ने एना को रिजाइन करने से रोक दिया था।
साथ ही कहा था कि उसे टीम के बाकी लोगों की राय बदलनी चाहिए। एना का मैनेजर अक्सर क्रिकेट मैचों के दौरान मीटिंग्स को रीशेड्यूल करता था। दिन खत्म होने पर उसे काम सौंपता, जिससे उनका तनाव बढ़ता जा रहा था।
एना की मौत पर राजनीतिक बयानबाजी, कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने
22 सितंबर: सीतारमण बोलीं- CA में आत्मशक्ति की कमी थी CA एना की मौत पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22 सितंबर को बयान दिया। उन्होंने कहा कि एक महिला CA काम के दबाव को सहन नहीं कर पाई। दबाव झेलने की ताकत ईश्वर से आती है, इसलिए ईश्वर की शरण में जाएं।
इस पर शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि CA की पढ़ाई के दौरान एना के अंदर दबाव झेलने की शक्ति आ गई थी, लेकिन टॉक्सिक वर्क कल्चर और लंबे समय तक काम करने की वजह से उसकी जान गई। आप विक्टिम शेमिंग बंद करें और थोड़ा संवेदनशील बनें। अगर आप कोशिश करेंगी तो भगवान आपकी मदद करेंगे।कांग्रेस महासचिव बोले- यह बयान अमानवीय कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि वित्त मंत्री का यह बयान अन्यायपूर्ण और अमानवीय है कि एना के परिवार को उसे घर पर स्ट्रेस मैनेजमेंट सिखाना चाहिए था। इस प्रकार का पीड़ित पर आरोप लगाना घृणित है। ऐसे बयानों से जो गुस्सा और नफरत महसूस होती है, उसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है।
सीतारमण की सफाई- मैंने विक्टिम शेमिंग नहीं की अपने बयान पर विवाद खड़े होने के बाद वित्त मंत्री ने सफाई दी कि मैंने विक्टिम शेमिंग नहीं की, न मेरी ऐसी नीयत थी। मैंने साफतौर पर कहा था कि CA जैसा मुश्किल एग्जाम पास करने के बाद वह बहुत ज्यादा दबाव में थी। मैंने किसी का नाम नहीं लिया, न तो महिला का और न कंपनी का।
तमिलनाडु की जिस यूनिवर्सिटी में मैं भाषण दे रही थी, वहां स्टूडेंट्स और फैसिलिटी के लिए मेडिटेशन हाल बनाया गया है। मैंने इसी संदर्भ में कहा था कि स्टूडेंट्स में आंतरिक शक्ति पैदा करना कितना जरूरी है। इस घटना से मैं भी दुखी हूं। मैंने सिर्फ इस तरफ ध्यान खींचा था कि संस्थानों और परिवारों को बच्चों को सपोर्ट करना होगा। श्रम मंत्रालय ने इस मामले की जांच का आदेश दे दिया है।