मनबा फाइनेंस लिमिटेड के इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO के लिए बोली लगाने का आज आखिरी दिन है। दो दिन में मनबा फाइनेंस का IPO टोटल 73.65 गुना सब्सक्राइब हुआ। रिटेल कैटेगरी में यह इश्यू 71.01 गुना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) में 4.15 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटगरी में 172.49 गुना सब्सक्राइब हुआ।
30 सितंबर को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे। मनबा फाइनेंस इस इश्यू के जरिए टोटल ₹150.84 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी पूरे ₹150.84 करोड़ के 12,570,000 फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है। कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए एक भी शेयर नहीं बेच रहे हैं।
मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं?
मनबा फाइनेंस ने इश्यू का प्राइस बैंड ₹114 से ₹120 तय किया है। रिटेल निवेशक कम से कम एक लॉट यानी 125 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइस बैंड ₹120 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹15,000 इन्वेस्ट करने होंगे।
वहीं, रिटेल निवेशक मैक्सिमम 13 लॉट यानी 1625 शेयर्स के लिए अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹195,000 इन्वेस्ट करने होंगे।
इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व
कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है।
ग्रे मार्केट में मनबा फाइनेंस का प्रीमियम 48.33%
लिस्टिंग से पहले कंपनी का शेयर ग्रे मार्केट में 48.33% यानी ₹58 प्रति शेयर के प्रीमियम पर पहुंच गया है। ऐसे में अपर प्राइस बैंड ₹120 के हिसाब से इसकी लिस्टिंग ₹178 पर हो सकती है। हालांकि, इससे केवल अनुमान लगाया जा सकता है, शेयर की लिस्टिंग की प्राइस ग्रे मार्केट की प्राइस से अलग होती है।
नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी है मनबा फाइनेंस
मनबा फाइनेंस लिमिटेड एक नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी है, जिसकी स्थापना 1998 में हुई थी। कंपनी टू व्हीलर, थ्री व्हीलर, इलेक्ट्रिक टू व्हीलर, इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर, पुरानी कारों, छोटे बिजनेस के साथ ही इंडिविजुअल लोन देती है।
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।