हरियाणा के जेलों में डिटेक्शन डॉग सप्लाई घोटाला:29 लाख लिए, ट्रेनिंग के लिए भेजा कुत्ता नहीं लौटाया; चंडीगढ़ की फर्म पर FIR

हरियाणा की जेलों में नशा और मोबाइल जैसी गैरकानूनी गतिविधियों की पहचान के लिए मंगवाए गए प्रशिक्षित कुत्तों की सप्लाई और ट्रेनिंग को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है।

चंडीगढ़ की एक फर्म ने करोड़ों रुपए लिए, लेकिन न केवल सही तरीके से कुत्तों की सप्लाई की, बल्कि एक कुत्ता वापस देने से भी इनकार कर दिया। इस घोटाले की शिकायत सोनीपत जेल अधीक्षक ने की, जिसके आधार पर अब सोनीपत शहर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।

मामला साल 2020 से जुड़ा है, जब पंजाब होम गार्ड्स कैनाइन ट्रेनिंग एंड ब्रीडिंग इंस्टीट्यूट की ओर से प्रस्ताव आया था कि हरियाणा की 9 जेलों में 23 प्रशिक्षित डिटेक्शन डॉग भेजे जाएंगे। इन्हें नशा और मोबाइल जैसी चीजों की पहचान के लिए उपयोग में लाना था।

इस योजना के तहत 13 कुत्ते ‘ई एस डी नेटवर्क इंडिया’, सेक्टर-35 डी, चंडीगढ़ के जरिए भेजे गए थे। अब जांच में सामने आया है कि फर्म ने न केवल भारी रकम ली, बल्कि जिम्मेदारियों को भी सही ढंग से पूरा नहीं किया।

5 साल के लिए मेडिकल और फीडिंग खर्च अलग से

हरियाणा जेल विभाग ने प्रत्येक कुत्ते के लिए ₹2 लाख 25 हजार की दर से कुल 29.25 लाख का भुगतान संबंधित फर्म को किया। इसके अलावा दो कुत्तों के लिए पांच वर्षों तक ₹8500 प्रति माह की दर से फीड और मेडिकल खर्च भी फर्म को दिया गया। यानि कि जेल विभाग ने न सिर्फ कुत्ते खरीदे, बल्कि उनका संपूर्ण रखरखाव व ट्रेनिंग का खर्च भी ईमानदारी से वहन किया। ट्रेनिंग के लिए भेजा गया कुत्ता नहीं लौटा

इस मामले में विवाद तब शुरू हुआ, जब जनवरी 2021 में एक कुत्ता ट्रेनिंग के लिए ई एस डी नेटवर्क इंडिया को भेजा गया, लेकिन 19 महीने बीत जाने के बाद भी वह न तो वापस आया, न ही कंपनी ने कोई जानकारी दी। जेल विभाग द्वारा बार-बार संपर्क करने के बावजूद फर्म ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।

जेल महानिदेशक ने 5 बार भेजा पत्र, नहीं मिली प्रतिक्रिया

इस घोटाले को लेकर हरियाणा के महानिदेशक (जेल) द्वारा साल 2023 से लेकर 2025 को कंपनी को कई पत्र लिखे गए, जिनमें कुत्ता लौटाने की मांग की गई। कंपनी की ओर से 30.07.2024 को जवाब आया, जिसमें कहा गया कि जैसे ही भुगतान मिलेगा, 7 कार्य दिवस में कुत्ते को डिप्लॉय किया जाएगा। हालांकि विभाग ने ₹1,80,540 का भुगतान भी कर दिया, फिर भी कुत्ता न तो लौटा और न ही डिप्लॉय हुआ।

फर्म पर विश्वासघात और धोखाधड़ी का आरोप

जेल विभाग का स्पष्ट कहना है कि कंपनी को कुत्ते की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन उसने जानबूझकर और धोखे से विभाग की संपत्ति (कुत्ता) को अपने पास रखा। इस तरह का कृत्य आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी और अन्य गंभीर अपराधों की श्रेणी में आता है।

जेल अधीक्षक राजेंद्र सिंह, डिप्टी सुप्रीन्टेंडेंट, केंद्रीय/जिला जेल सोनीपत द्वारा लिखे गए पत्र पर कार्रवाई करते हुए थाना शहर सोनीपत में मामला दर्ज दर्ज किया गया है।

इसमें आरोपी सिमरत पाल सिद्धू, निदेशक, ई एस डी नेटवर्क इंडिया चंडीगढ़ और उनकी फर्म के खिलाफ धारा 314, 316(2) BNS के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। एफ आई आर की प्रतियां ACP सिटी, DCP वेस्ट जोन, CP सोनीपत और इलाका मजिस्ट्रेट को भेज दी गई हैं।

मामले की जांच ASI सुनील (1124/SPT) को सौंपी गई है और कागजात सहित रिपोर्ट PP कोर्ट कॉम्प्लेक्स, सोनीपत भेजी गई। मुकदमा ASI राजेश (2003/SPT) की उपस्थिति में दर्ज किया गया।