ओडिशा सेक्शुअल हैरेसमेंट केस- छात्रा की मौत:राहुल बोले- बेटियां जल रहीं, PM चुप; केंद्रीय मंत्री प्रधान बोले- कांग्रेस राजनीतिक रोटियां सेंक रही

ओडिशा के बालासोर स्थित फकीर मोहन ऑटोनॉमस कॉलेज में खुद को आग लगाने वाली 20 साल की स्टूडेंट ने सोमवार देर रात दम तोड़ दिया। छात्रा 95 फीसदी झुलस चुकी थी और पिछले 3 दिनों से भुवनेश्वर के AIIMS में जिंदगी की जंग लड़ रही थी।

छात्रा की मौत के बाद लोकसभा में कांग्रेस प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया X पर लिखा- मोदी जी, ओडिशा हो या मणिपुर – देश की बेटियां जल रही हैं, दम तोड़ रही हैं। और आप? खामोश बने बैठे हैं। देश को आपकी चुप्पी नहीं, जवाब चाहिए।

राहुल के इस बयान को केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान ने ओछी राजनीति करार दिया। प्रधान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि ओडिशा की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है, लेकिन कांग्रेस ने इसे भी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का मौका बना लिया है।

क्या है पूरा मामला, 3 पॉइंट

  • छात्रा फकीर मोहन कॉलेज में इंटीग्रेटेड BEd कोर्स में सेकेंड ईयर की स्टूडेंट थी। उसने 12 जुलाई को हेड ऑफ डिपार्टमेंट (HOD) के सेक्शुअल हैरेसमेंट से परेशान होकर कॉलेज कैंपस में खुद पर केरोसीन छिड़ककर आग लगा ली थी।
  • घटना से पहले वह प्रिंसिपल के पास गई थी, लेकिन प्रिंसिपल ने उसे अपनी शिकायत वापस लेने को कहा था। इसके बाद उसने आत्मदाह कर लिया था। छात्रा को पहले बालासोर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से डॉक्टरों ने AIIMS भुवनेश्वर रेफर कर दिया था।
  • ओडिशा पुलिस ने 12 जुलाई को ही आरोपी HOD समीर कुमार साहू को गिरफ्तार कर लिया था। राज्य सरकार ने कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप घोष को सस्पेंड किया था। हालांकि, राज्यभर में विरोध-प्रदर्शन के बीच 14 जुलाई को पुलिस ने प्रिंसिपल को भी गिरफ्तार कर लिया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने पीड़ित छात्रा से मुलाकात की थी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 14 जुलाई को AIIMS के बर्न यूनिट में जाकर पीड़िता से मुलाकात की थी। राष्ट्रपति दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए भुवनेश्वर AIIMS पहुंची थीं। उन्होंने पीड़िता के परिवार को अच्छे से अच्छा इलाज का आश्वासन दिया था।

प्रिंसिपल ने कहा था- छात्रा मिलने आई, फिर उसने आग लगा ली

घटना पर कॉलेज प्रिंसिपल दिलीप कुमार घोष ने कहा था कि ​​​​ 30 जून को मेरे पास इंग्लिश डिपार्टमेंट के हेड समीर कुमार साहू के खिलाफ शिकायत आई थी। कुछ छात्राओं ने बताया था कि समीर साहू उनका मानसिक उत्पीड़न कर रहा है।

प्रिंसिपल के मुताबिक, एक लड़की ने आरोप लगाया था कि HOD ने गार्डन के पास उससे शारीरिक संबंध बनाने की मांग की थी। उसी दिन छात्रों ने कॉलेज का घेराव किया था। पुलिस को भी बुलाया गया था। छात्रों की मांग पर इंटरनल कम्प्लेंट कमेटी बनाई थी। कमेटी में सीनियर महिला टीचर, प्रतिनिधि और कुछ बाहरी सदस्य थे।

प्रिंसिपल ने कहा, ‘कमेटी ने 7 दिन में रिपोर्ट दी थी। हालांकि, कुछ छात्र तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे थे। 12 जुलाई को पीड़ित छात्रा फिर से मेरे पास आई थी। मैंने 20 मिनट तक उसे समझाया, लेकिन वह यह कहकर चली गई कि अब और इंतजार नहीं कर सकती। करीब 15-20 मिनट बाद उसने खुद को आग लगा ली।’

नवीन पटनायक बोले- शिकायत के बाद छात्रा को न्याय नहीं मिला

ओडिशा में इस घटना से लोगों में आक्रोश फैल गया है। राज्य के लोगों ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई और कॉलेज प्रशासन से जवाबदेही की मांग की है। विपक्षी दलों का भी विरोध-प्रदर्शन जारी है।

मामले पर ओडिशा के पूर्व CM नवीन पटनायक ने X पोस्ट में कहा-

पता चला है कि बार-बार शिकायत के बाद छात्रा को न्याय नहीं मिला। 1 जुलाई को पीड़ित ने सोशल मीडिया पर भी अपने शिकायत रखी थी, लेकिन एक्शन नहीं लिया गया। वो कई महीनों तक भय और पीड़ा में रही। कॉलेज प्रिंसिपल, केंद्रीय मंत्री, ओडिशा CM से शिकायत के बाद उसे न्याय नहीं मिला। राज्यपाल हरि बाबू कभमपति छात्रा को न्याय दिलाएं।