भगवंत मान ने कहा- मोदी सरकार को उल्टा पड़ेगा मसले को लंबा खींचना

कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में आम आदमी पार्टी बढ़-चढ़ कर भाग ले रही है। आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा 8 दिसंबर के भारत बंद को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है। दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर भगवंत मान ने कहा कि यह मसला किसी एक राजनैतिक, धार्मिक या प्रांत के एक समुदाय का नहीं है, बल्कि पूरे देश के किसानों का है, जो अपने साथ-साथ अपने कृषि प्रधान देश के अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा। भगवंत मान ने मोदी सरकार को चेताया कि वह किसानों की हां में हां कहकर मामले का तुरंत निपटारा करे, वरना इस आंदोलन को लंबा खींचने का इरादा सरकार को ही उल्टा पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की अपील पर देश के लोग आप समर्थक व आप कार्यकर्ता किसानों के भारत बंद को सफल बनाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि और किसान के बगैर भारत माता के अस्तित्व की कल्पना नहीं की जा सकती और प्रत्येक नागरिक का फर्ज बनता है कि इस संघर्ष को बढ़चढ़ कर समर्थन दिया जाए। मान ने कहा कि कई लोग किसान आंदोलन को लेकर भयभीत हैं। वे कोशिश कर रहे है कि कैसे भी इस आंदोलन को कमजोर व खत्म किया जाए। एक जाल सभी आंदोलनकारी किसानों को जेलों में बंद करने का भी बुना गया था। जिस पर अरविंद केजरीवाल सरकार ने पानी फेर दिया। उन्होंने कहा कि याद कीजिए जब मोदी सरकार ने दिल्ली के स्टेडियमों को अस्थाई जेलों में तब्दील करने की योजना बनाई थी, परन्तु केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार की इस मांग पर अनुमति नहीं दी। किसानों के साथ डटे रहते हुए मोदी सरकार के भारी दबाव के सामने झुकी नहीं।

भगवंत मान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह और बादल परिवार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आंदोलन को खत्म करने वाले मोदी सरकार के मंसूबों में ये लोग भी पूरी तरह भागीदार थे और हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह यदि शुरू से ही बिलों का विरोध करते हुए खुलकर किसानों के साथ डटते तो मोदी सरकार इस कदर किसानों को अनसुना नहीं करती।

भगवंत मान ने कहा कि सभी की भलाई इसी में है कि केंद्र सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर या तुरंत अध्यादेश लाकर इन कानूनों को रद करे। मान ने कहा कि मोदी सरकार को शायद यह पता नहीं है कि पंजाब योद्धाओं व शहीदों की सरजमीं है। देशव्यापी बने इस आंदोलन का नेतृत्व पंजाब का किसान ही कर रहा है, जिनके पूर्वज मुगलों से 200 साल तक लड़ते रहे। अंग्रेजों से तब तक लड़ते रहे जब तक देश को आजाद नहीं करवा लिया।