भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और रेसलर्स विवाद में नाबालिग पहलवान के पिता ने साक्षी मलिक के धमकी मिलने के बाद बयान बदलने के दावे का खंडन किया है। पहलवान के पिता ने कहा- उनके परिवार को कोई धमकी नहीं मिली थी। साक्षी मलिक को अपना बयान स्पष्ट करना चाहिए। हमें जो करना चाहिए था, हमने कर दिया है। हमारे परिवार के खिलाफ धमकियों के ऐसे दावों में कोई सच्चाई नहीं है।
वहीं, साक्षी मलिक ने वीडियो जारी कर दावा किया था नाबालिग पहलवान पुलिस और मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान दे चुकी है। इस बार परिवार को धमकियां मिलने के कारण उसने अपने बयान बदल दिए। जिसके आधार पर ही पुलिस ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है।
नाबालिग पहलवान के आरोप पर लगा था पॉक्सो एक्ट
दरअसल, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सहित भारत के प्रमुख पहलवान बृजभूषण सिंह पर 7 पहलवानों के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। इन 7 पहलवानों में एक नाबालिग का नाम भी शामिल था। इसी नाबालिग पहलवान की शिकायत पर बृजभूषण पर पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था।
जानिए.. नाबालिग पहलवान केस में क्लोजर रिपोर्ट क्यों?
नाबालिग पहलवान ने पहले बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। बाद में वह बयान से पलट गई और कहा कि सिर्फ ट्रायल में भेदभाव हुआ है। दिल्ली पुलिस ने दोनों बयान कोर्ट में दर्ज कराए।
कल गुरुवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पुलिस ने नाबालिग के यौन शोषण केस क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी। इसमें दिल्ली पुलिस ने कहा, जांच में यौन शोषण के कोई सबूत नहीं मिले हैं। इसलिए इस केस को बंद कर रहे हैं।
दिल्ली पुलिस की प्रवक्ता सुमन नलवा ने बताया कि POCSO मामले में हमने शिकायतकर्ता यानी पीड़ित के पिता और पीड़ित के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने के लिए कोर्ट से अपील की है। इस मामले में अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी। कोर्ट तय करेगा कि बृजभूषण के खिलाफ POCSO एक्ट में केस चलेगा या नहीं।
नाबालिग पहलवान के दादा बोले- ‘हमारी बच्ची मोहरा क्यों बने’
नाबालिग पहलवान के यौन शोषण केस में दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में गुरुवार को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। इसके बाद नाबालिग पहलवान के दादा अब मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा- हमारी बच्ची मोहरा क्यों बने? शुरू में ये तीन लड़कियों का नाम ले रहे थे। हमारी बेटी के अलावा दो और कौन हैं, उन्हें सामने क्यों नहीं लाया गया।
रेसलर्स के धरने में अब तक क्या हुआ?
- 18 जनवरी को जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना शुरू किया। आरोप लगाया कि WFI के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया।
- 21 जनवरी को विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात कर कमेटी बनाई।
- 23 अप्रैल को पहलवान बृजभषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए।
- 28 अप्रैल को पहलवानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट में 2 FIR दर्ज की।
- 3 मई की रात को पहलवानों और पुलिसकर्मियों के बीच जंतर-मंतर पर झड़प हो गई।
- 21 मई को महापंचायत हुई और इंडिया गेट पर कैंडल मार्च और 28 मई को नए संसद भवन पर महिला महापंचायत करने का फैसला लिया गया।
- 28 मई को पहलवानों ने नए संसद भवन के सामने महापंचायत के लिए जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
- 29 मई को सारा दिन पहलवान घर पर रहे और मेडल गंगा में बहाने व इंडिया गेट पर आमरण अनशन का फैसला किया।
- 30 मई को पहलवान हरिद्वार हर की पौड़ी में मेडल बहाने गए। जहां किसान नेता नरेश टिकैत के मनाने पर सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम देकर उन्होंने फैसला टाल दिया।
- 2 जून को कुरुक्षेत्र में महापंचायत हुई। इसमें 9 जून तक बृजभूषण को गिरफ्तार करने लिए अल्टीमेटम दिया गया।
- 3 जून को दिल्ली पुलिस को इस मामले में 4 गवाह मिले हैं, जिन्होंने बृजभूषण पर लगे आरोपों की पुष्टि की है।
- 4 जून को पता चला कि पहलवानों की गृह मंत्री अमित शाह से मीटिंग हुई।
- 5 जून को विनेश, साक्षी और बजरंग ने रेलवे में ड्यूटी जॉइन कर ली।
- 6 जून को अमित शाह से मीटिंग का पता चलने पर किसानों और खाप ने 9 जून को जंतर-मंतर पर अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया।
- 7 जून को रेसलर्स खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मिलने पहुंचे थे। यह बैठक 6 घंटे चली थी।
- 15 जून को बृजभूषण के खिलाफ बालिग पहलवान केस में चार्जशीट और नाबालिग पहलवान केस में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई।