IPL 2024 के लिए दुबई में फर्स्ट फेज के ऑक्शन हो चुके हैं। ऑक्शन के बाद सिक्सर किंग समीर रिजवी का नाम सबसे ज्यादा चर्चाओं में है। मेरठ के इस लड़के को कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी की टीम चेन्नई सुपर किंग्स ने पूरे 8.40 करोड़ में खरीदा है। अपने बेस प्राइस से 42 गुना अधिक कीमत पर बिके समीर सबसे महंगे अनकैप्ड प्लेयर की लिस्ट में टॉप पर हैं।
ऑक्शन से घर में दावत का माहौल
यहां आफताब की कोठी में समीर का पूरा परिवार रहता है। घर के बाहर बधाई देने वालों की भीड़ लगी थी। घर में काफी मेहमान थे, जो दूर-दराज से बधाई देने पहुंचे थे। घर में बिरयानी-मटन की दावत चल रही थी। घर की बुजुर्ग महिला मटन की हांडी संभालते हुए, हर मेहमान को खाना खिला रही थीं। पिता हसीन लोहिया, मां रुकसाना के साथ समीर की दोनों बहनें मेहमानों के स्वागत में लगी थीं।
अब पढ़िए समीर के पिता से बातचीत…
‘आज मेरे बेटे ने मुझे गलत साबित कर दिया’
इस बीच हमने समीर के पिता हसीन लोहिया से बातचीत की। उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं चाहा कि वो क्रिकेटर बने। इस क्रिकेट के चक्कर में मैंने समीर की कई मर्तबा पिटाई भी की थी। मैं कहता- तू क्रिकेट छोड़ दे और पढ़ाई कर। लेकिन समीर का मामा तंकीब, जो क्रिकेट कोच है। वो इसे क्रिकेट में लगाए रहता।
मैं अपने काम में बिजी हो जाता। मेरे पीछे से समीर मामा के साथ चला जाता और क्रिकेट खेलता रहता। मेरी पत्नी समीर को क्रिकेट खिलाने के लिए हमेशा तैयार रहती और मैं चाहता ये क्रिकेट न खेले पढ़ाई करे। हम पति-पत्नी में अक्सर समीर और क्रिकेट के कारण बहस हो जाती। हमारा झगड़ा भी हो जाता।
लेकिन आज लगता है, मेरी सोच गलत थी। हालांकि जब मैं इसे लेकर गांधी पार्क मैदान में जाता था, तो देखता था बहुत कम बच्चों का खेलने में नंबर आता था। क्रिकेट की दुनिया बहुत बड़ी है, बहुत कम बच्चों का नंबर आता है। मेरे दिल में यही दर्द रहता था कहीं मेरा बेटा भी ऐसे ही न रह जाए। मैं गलत सोच रहा था।”
अब पढ़िए मां रुकसाना बेटे की कामयाबी पर क्या कहती हैं…
‘पत्थर और धपकी से खेलता था क्रिकेट’
समीर की मां रुकसाना कहती हैं, “मुझे उम्मीद थी कि वो एक रोज तरक्की करेगा, बहुत ऊपर जाएगा। क्योंकि उसमें बहुत टैलेंट है। लेकिन इतनी जल्दी, इतनी कम उम्र में इतना फेम मिलेगा, ये नहीं सोचा था। मुझे बच्चे की खुशी अजीज़ थी। वो चाहे डॉक्टर बनता या क्रिकेटर मेरे लिए दोनों अच्छा है। समीर मुझसे बहुत अटैच है।
बचपन में एक रात समीर मेरे साथ लेटा था। उसने कहा-अम्मी मैं 2019 का वर्ल्डकप इंडिया की टीम से खेलना चाहता हूं। उस दिन हमें लगा कि बच्चा है, कुछ भी कहता है। लेकिन आज लगता है कि समीर के अंदर क्रिकेट का जुनून उस वक्त भी था। पत्थर और कपड़े धोने की धपकी से खेलना शुरू किया। 5 साल की उम्र में मामा के साथ ग्राउंड जाने लगा था।”
‘मेरा बेटा हुनरमंद है’
रुकसाना कहती हैं, “मेरा बेटा बहुत हुनरमंद है, लेकिन उसका दिल बहुत नाजुक है। मैं कभी बच्चों की कमजोरी नहीं बनी, अपनी भावनाओं को अपने अंदर ही दबाकर रखा। जब कभी उससे रन नहीं बन पाए, अच्छा परफार्म नहीं कर पाया तो मुझे कॉल करता। परेशानी बताता लेकिन मैं हमेशा कहती मायूस होने की जरूरत नहीं है। आज रन नहीं बनेंगे, कल बनेंगे। मैं उसकी ताकत बनकर हमेशा उसके साथ खड़ी रही। उसे हौसला दिया है।”
‘आज भी चोट का देसी इलाज कराता है’
समीर को खेलते समय जब चोट लगती थी, तो उसकी मरहम पट्टी मैं ही करती थी। आज भी उसकी चोट देसी नुस्खे का मरहम लगाकर ठीक करती हूं। अंडर-14 के समय उसकी अंगुली फट गई, इसमें टांकें भी आए थे। इंग्लैंड टूर के वक्त भी उसे बड़ी चोट लगी थी।
‘बेटे के लिए दुआ करती हूं’
रुकसाना कहती हैं, “मैं अल्लाह से यही दुआ करती हूं कि अल्लाह मेरे बच्चे को कभी कमजोर न पड़ने देना। वो बहुत कमजोर दिल का है, बहुत जल्दी मायूस हो जाता है। अपने अल्लाह से बच्चे के लिए दुआ मांगती हूं। कहते हैं तन्हाई में अल्लाह तक बात सीधे पहुंचती हैं। यही दुआ करती हूं।”
‘धोनी सर के गाइडेंस में अच्छा करेगा’
किसी का नाम अखबार में देखती थी तो सोचती थी कि काश मेरे बेटे का भी ऐसे ही नाम आए। मैं भी फख्र महसूस कर सकूं। अपनी इच्छा मैंने कभी किसी बच्चे पर जाहिर नहीं की। लेकिन आज बच्चे ने बिना बताए मेरे उस सपने को पूरा किया है। एमएस धोनी सर बहुत कूल हैं, उनका मार्गदर्शन मिलेगा। वो अच्छा सिखाएंगे, अच्छे से गाइड करेंगे तो उम्मीद है कि समीर अच्छा परफार्म करेगा।