टिकरी बॉर्डर पर 26 मई को काला दिवस मनाने के लिए एक हजार काले झंडे सील रहीं महिला किसान

विरोध जताने के लिए अब किसान अलग-अलग चीजें कर रहे हैं। टीकरी बॉर्डर समेत हरियाणा व पंजाब समेत प्रदेशों में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की ओर से 26 मई को काला दिवस मनाया जाएगा। आंदोलनकारियों की ओर से काला दिवस मनाने की तैयारियां की जा रही हैं। पंजाब में महिला किसानों की ओर से विभिन्न धरनों पर काले झंडे बनाने शुरू कर दिए हैं। झंडों की सिलाई की जा रही है। महिलाओं की ओर से 1000 झंडे टीकरी बॉर्डर पर भेजे जाएंगे तथा 800 झंडे गांव में घर-घर पर लगाने के लिए भी तैयार किए जाएंगे।  इस दिन सभी किसान अपने घरों पर काले झंडे लगाकर सरकार के खिलाफ अपना रोष जताएंगे। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के बैनर तले ये झंडे बनाए जा रहे हैं।

उधर तीन दिन तक चली बरसात के बाद अब किसानों ने धरना स्थल पर बरसात का पानी तकरीबन निकाल दिया है और अपने तंबुओं को भी ठीक करना शुरू कर दिया है। कई जगह  किसानों ने तंबू  छोड़ दिए हैं तो कई जगह फिर से अस्थाई तंबुओं बना दिए गए हैं। कई जगह नए तंबू भी बनाए गए हैं। इसके अलावा बहादुरगढ़ बाईपास की ऑटो मार्केट में दोबारा से टेंट व स्टेज सजा दी है और यहां पर सभा का आयोजन होने लगा है।  तीन दिन की बारिश के बाद दो दिन किसानों की ओर से यहां पर सभा का संचालन नहीं किया गया था। यहां पर जलभराव होने और टेंट उखड़ने  की वजह से जनसभा नहीं हुई थी।

मगर अब आंदोलनकारियों की ओर से दोबारा से अपने टेंट व तंबू बना लिए हैं और फिर से आंदोलन को तेज करना शुरू कर दिया है। वहीं पंजाब से भारी संख्या में किसान टीकरी बॉर्डर पर पहुंच गए हैं। 26 मई को काला दिवस मनाने के लिए यहां पर भारी मात्रा में किसान पहुंच गए हैं। किसानों को सरकार से वार्ता का इंतजार है। अगर वार्ता जल्द ही नहीं होती है तो किसान अपने आंदोलन को तेज करने के लिए जल्द ही कार्यक्रमों की भी घोषणा करेंगे।