लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) बदहाल हो चुके फुटओवर और सब-वे की दशा सुधारने के लिए अब कोरोना काल के बाद तकनीकी अध्ययन कराएगा। विभाग के अभियंताओं की एक टीम इस कार्य में लगाई जाने की तैयारी चल रही थी कि इसी बीच कोराेना का प्रकोप फैल गया। उसके बाद से इस बारे में काम आगे नहीं बढ़ सका है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोरोना काल समाप्त होने के बाद इस दिशा में काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना में 2012 से पहले के बने सभी फुटओवर ब्रिज और सब-वे को शामिल किया गया है।
बता दें कि कुछ माह पहले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के निर्देश पर योजना विभाग ने 2019 में 74 एफओबी और 37 सब-वे का लोगों के इस्तेमाल करने और नहीं करने के नजरिए से अध्ययन कराया था। जिसकी रिपोर्ट लोक निर्माण विभाग काे सौंपी गई थी। जिसमें यह भी बताया गया था कि किस पुुटओवर का कितने लोग इस्तेमाल करते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार 74 एफओबी में से 57 में लिफ्ट नहीं है। जिन 17 एफओबी में लिफ्ट है उनमें से केवल 9 जगह ही वर्किंग लिफ्ट हैं और बाकी जगह लिफ्ट टूटी है या खराब हैं। वहीं,केवल 17 एफओबी में ही एस्केलेटर्स है। सिफारिश की गई है कि सभी एफओबी में लिफ्ट और एस्केलेटर्स होने चाहिए। एफओबी और सब-वे का प्रयोग नहीं करने वाले ज्यादातर लोगों ने सुरक्षा का मुद्दा उठाया है और कहा है कि अगर सुरक्षा गाड्र्स हों तो वे इनका प्रयोग कर सकते हैं।
कई एफओबी में गंदगी और जीर्ण स्थिति में
64 फीसद एफओबी पर ही छत।
78 फीसद एफओबी में लाइट मिली।
32 फीसद एफओबी में फ्लोरिंग नहीं।
फर्श टूटा-फूटा होने के कारण लोगों को चोट लगने की संभावना बनी रहती है।
बहुत बार लोगों को पता नहीं चलता कि एफओबी और सब-वे कहां पर है।
सर्वे के दौरान एफओबी का इस्तेमाल करने वालों की संख्या
228226 लोगों ने पूर्वी जोन में एफओबी का इस्तेमाल किया।
52978 लोगों ने उत्तरी जोन में एफओबी का किया इस्तेमाल।
179870 लोगों ने दक्षिणी जोन में एफओबी का इस्तेमाल किया।
60893 लोगों ने दक्षिणी जोन में एफओबी का इस्तेमाल नहीं किया
फुटओवर ब्रिज की सूची
2007-12
2006-1
2008-1
2009-2
2010-29
2011-7
2012-3
2013-2
2015-2
सब-वे
1998-9
1999-2
2001-4
2002-2
2004-4
2005-3
2006-5
कुल-29
ये हैं खास फुटओवर ब्रिज
2010 में 12 करोड़ 33 लाख की लागत से जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम के पास अर्ध चंद्राकार दो फुटओवर ब्रिज बनाए गए थे। जो अभी भी मौजूद हैं। जिनकी चौड़ाई 50 मीटर से अधिक है। इसी तकनीक से राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर दो फुटओवर ब्रिज बनाए गए थे। इस राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ाकर एनएच-9 बना देने की योजना के चलते दो फुटओवर ब्रिज तोड़ दिए गए हैं। वहीं गाजीपुर गांव के पास मुख्य मार्ग पर इसी तकनीक से बनाया गया फुटआेवर ब्रिज अभी भी मौजूद है। इसके अलावा ब्रिटानिया चौक के पास भी 7 करोड़ 20 लाख की लागत से फुटओवर ब्रिज बनाए गए हैं।