World No Tobacco Day 2021: हार्ट व लंग के अलावा और भी कई बॉडी पार्ट्स पर बुरा असर डालती है स्मोकिंग

हर फ्रिक को धुएं में उड़ाता चला गया बॉलीवुड का ये मशहूर गाना आमतौर पर परेशानियों के बीच बेफ्रिक्री से सिगरेट पीकर समस्याओं से आगे बढ़ जाने की नसीहत देता है। मगर, आज के। दौर में ऐसा करना ठीक नहीं क्योंकि वैसे ही स्मोकिंग एक किलर टेंडेंसी है, वही कोरोना पैनडेमिक फेज में ये टेंडेंसी न केवल आपके लिए, बल्कि आपके चाहने वालों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है, इसलिए, वर्ल्ड एंटी टोबैको डे पर इस आदत को बदल डालने का प्रण लीजिए।

– टोबैको कंजम्पशन दुनिया में प्री मेच्योर डेथ्स का एक अहम कारण है और इसकी वजह से पूरी दुनिया इकोनॉमिक बर्डन से जूझ रही है। यह पारिवारिक आर्थिक क्षमता में ह्वास का कारण भी बनता है क्योंकि इस कारण से हेल्थकेयर की कॉस्ट बढ़ जाती है।

– बच्चे जिन्हें टोबैको फार्मिंग में लगाया जाता है उनमें भी ग्रीन टोबैको सिकनेस हो जाती है। यह गीले टोबैको लीव्स को हैंडल करते वक्त स्किन के जरिए उनके शरीर में एब्जॉर्ब हो जाता है।

– स्टडी बताती है कि टोबैको यूजर्स को इसे छोड़ने में मदद की जरूरत पड़ती है क्योंकि कई लोग इससे जुड़े स्पेसिफिक हेल्थ रिस्क को नहीं जानते।

– ये भी एक तथ्य है कि टोबैको के खतरों के बारे में सही तरीके से अवेयर कराने के बाद ज्यादातर लोग इसे छोड़ना चाहते हैं।

– प्रॉपर काउंसलिंग और मेडिकेशन के साथ स्मोकिंग को छोड़ने में आसानी होती है। ऐसा होने से सक्सेस ऑफ क्विटिंग के चांस डबल हो जाते हैं।

– 57% अफ्रीका व मिडिल ईस्ट में इसका कंजम्पशन बढ़ा है।

– पिक्चर वॉर्निंग के जरिए लोगों को स्मोकिंग छोड़ने के लिए अवेयर करना असरदार साबित हुआ है। इससे नए स्मोकर्स के जुड़ने से छोड़ने वालों का ग्राफ ज्यादा होता है।

– 50% यूजर्स को टोबैको की वजह से दर्दनाक मौत मिलती है।

– 60 लाख लोगों की पूरी दुनिया में एट एन एवरेज स्मोकिंग के कारण होने वाली बीमारियों के कारण मौत हो जाती है।

– 50 लाख स्मोकर्स अपनी लत के कारण सलाना हो जाते हैं मौत का शिकार, करीब 10 लाख लोगों की पैसिव स्मोकिंग के कारण दुनियाभर में मौत हो जाती है।

– 40% पुरुष और 10% महिलाएं किसी न किसी रूप में टोबैको का सेवन करती हैं दुनिया की पूरी आबादी में।

– 77 लाख मौतें हुई हैं 2019 में टोबैको के कारण दुनियाभर में। हर 5 में से एक पुरुष की मौत तंबाकू के सेवन की वजह से हो रही हैं।

– 38% स्मोकर्स ही जानते हैं कि कोरोनरी हार्ट डिजीज भी होती है स्मोकिंग से।

– 27% ये जानते हैं कि इससे हार्ट स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। चीन में 2009 के सर्व के मुताबिक।

– 19 देशों में ही हालांकि स्मोकिंग संबंधी बेस्ट प्रैक्टिस है। वहीं 42 देशों में टोबैको प्रोडक्ट्स पर पिक्टोरियल वॉर्निंग को मैंडेटरी रखा गया है।

– 1990 से 2002 के बीच सिगरेट कंजम्पशन 26 परसेंट घटा है यूरोप में।

– 38% मास मीडिया कैंपेन से भी टोबैको कंजम्पशन को कम करने में मदद मिलती है। हालांकि, इसके बावजूद केवल 38 परसेंट देशों में मिनिमल या न के बराबर रिस्ट्रिक्शंस हैं टोबैको प्रोडक्ट्स की एडवरटाइजिंग, प्रोमोशन और स्पॉन्सरशिप पर।

– सेकेंड हैंड स्मोक के कारण सीरियस कार्डियोवेस्कुलर व रेस्पिरेटरी डिजीज हो सकती है। इसमें कोरोनरी हार्ट डिजीज व लंग कैंसर समेत कुल 20 तरह के कैसंर होने का खतरा भी मंडराता है।