कोरोना काल में लोगों में आए कई तरह के बदलाव, अब खुद को मजबूत बनाने के लिए अपनाएं ये टिप्‍स

अमेरिका में कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक लोगों के अंदर कई तरह के बदलाव देखे गए हैं। अमेरिकन साइक्‍लोजिकल एसोसिएशन के हालिया सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है। इसकी रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना काल में करीब 42 फीसद व्‍यस्‍क लोगों ने अपना वजन बढ़ने, 18 फीसद लोगों ने वजन कम होने, 66 फीसद लोगों की स्लिपिंग हैबिट, 23 फीसद लोगों ने शराब पीने की आदत में इजाफा होने की बात मानी है।

महामारी की वजह से लोगों को सही तरह से चिकित्‍सीय सुविधा नहीं मिल सकी या देर से मिली है। इसके अलावा बच्‍चों के टीकाकरण और दांतों से जुड़ी समस्‍याओं का समाधान भी समय पर नहीं किया जा सका। इस कोरोना काल का लोगों के जीवन पर और लोगों के मानसिक संतुलन पर भी काफी असर पड़ा है।

मिशिगन स्‍टेट यूनिवर्सिटी स्थित कॉलेज ऑफ ह्यूमन मेडिसिन के डायरेक्‍टर ऑफ वेलनेस के मुताबिक इसकी शुरुआत अमेरिका में मार्च 2020 में हुई थी जब लोगों को मास्‍क लगाने के लिए बाध्‍य करना पड़ा और बाद में लोगों का ऑफिसों में आना रोक दिया गया। इसकी तैयारी के लिए काफी कम समय मिला। उनके मुताबिक वो अब कामकाज पर लौटे स्‍टाफ की सेहत को लेकर गंभीर है। लेकिन अब अमेरिका में स्थिति काफी बदल गई है। अब लोग दोबारा अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने के लिए काम कर रहे हैं। हर कोई तेजी के साथ वापस लौटना चाहता है। ऐसे में कुछ बातों का यदि ध्‍यान रखा जाए तो ये हर किसी के लिए फायदे का सौदा हो सकती हैं।आपका व्‍यवहार मायने रखता है। डायलेक्टिकल बिहेवियर थेरेपी (डीबीटी) इसका एक सच है। डीबीटी को इस तरह से समझा जा सकता है कि यदि कोई थेरेपिस्‍ट अपने मरीज से कहता है कि वो उसे इसी तरह से प्‍यार करता है जैसा हो है। या वो ये कहे आपमें बदलाव के लिए वो यहां पर मौजूद है। ये बातें सामने वाले पर अनुकूल असर डालती हैं। इसके लिए जरूरी ये है कि हम उन बातों पर ध्‍यान न दें जो हम कोरोना काल के दौरान नहीं कर सके, बल्कि अपने में नए बदलाव को लेकर सकारात्‍मक सोच रखे। वो ये न कहे कि वो पहले ऐसा नहीं कर सका, बल्कि ये कहे वो ऐसा कर सकता है और करेगा। खुद को नेगेटिव सेल्‍फ जजमेंट का जरिया न बनने दें।

पने प्‍लान या सोच को असलियत में बनाने के लिए जरूरत होगी कि आप इसके लिए एक योजना तैयार करें। इसके लिए पर्सनल गाइडेंस का भी सहारा लिया जा सकता है। हाल ही में न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने कम वजन के फायदे बताते हुए एक लेख प्रकाशित किया था।

खुद को नॉर्मल और पॉजीटिव सोच का बनाए रखने के लिए भरपूर नींद जरूरी है, लेकिन ये आसान भी नहीं है। इसके लिए अच्‍छा होगा कि आप वहां पर सोने की कोशिश करें जहां पर बेडरूम में टीवी न हो। अपने कमरे में सोने से पहले अंधेरा कर लें। नींद अच्‍छी हो इसके लिए स्लिपिंग मास्‍क का भी उपयोग किया जा सकता है।

छोटे बच्‍चे या ऐसे लोग जो इन कदमों को सही नहीं मानते हैं वो भरपूर नींद के लिए बदलाव भी कर सकते हैं। अच्‍छी नींद के लिए समय पर सोना और शराब के अधिक सेवन से बचना भी जरूरी है। यदि आपको पूरे दिन नींद आती रहती है या ऐसा महसूस होता रहता है तो इसके लिए आप डॉक्‍टर से राय भी ले सकते हैं। यदि अधिक शराब आपकी नींद न आने की परेशानी बढ़ा रहा है तो इसको कम कर दें। सेल्‍फ स्‍क्रीनिंग टेस्‍ट के लिए आप अपने डॉक्‍टर से संपर्क कर सकते हैं।Vफिजिकल एक्‍टीविटी पर जरूर ध्‍यान दें। कोशिश करें की घुटने, लंग्‍स, दिल को मजबूत रखने के लिए काम पूरी इमानदारी के साथ अपना आंकलन करें। ऐसा करते हुए अपनी उम्र, अपनी फिजिकल कंडीशन अपने वजन, कोरोना काल से पहले की जाने वाली एक्टिविटी का भी जरूर ध्‍यान में रखें।