शेयर बाजार में निवेश के इच्छुक लोगों के लिए शानदार मौका आ रहा है। अकेले जुलाई में 11 कंपनियों के इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) बाजार में आने वाले हैं। यह 11 साल में किसी भी एक महीने में आइपीओ की सबसे बड़ी संख्या है। इस साल करीब दो दर्जन कंपनियां बाजार से 32 हजार करोड़ जुटा चुकी हैं। जुलाई में बाजार से 31 हजार करोड़ रुपये जुटाने की और कोशिश होगी। पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास आए आवेदनों की बात करें तो अगले चार-पांच महीने में 40 कंपनियों की ओर से 80 हजार करोड़ के आइपीओ आ सकते हैं। निवेशकों को जोमैटो, पेटीएम, ओला, एलआइसी जैसी जानी मानी कंपनियों में निवेश का मौका मिलेगा। ग्लेनमार्क साइंसेज और श्रीराम प्रापर्टीज के आइपीओ भी इसी महीने आने हैं।
आइपीओ लेकर बढ़ी हलचल के बीच सेबी भी सतर्क है। पूर्व में कुछ कंपनियां शेयर बाजार की तेजी का फायदा उठाकर आइपीओ से पैसे जुटाकर भाग चुकी हैं। सेबी अब ऐसी स्थिति नहीं आने देने के लिए सतर्क है। कंपनियों की जांच सख्त की गई है। जोमैटो, पेटीएम, पॉलिसीबाजार जैसे स्टार्टअप के आइपीओ को देखते हुए भी नियामक एजेंसी ज्यादा सतर्कता बरत रही है। जोमैटो के आइपीओ का आकार 8000-9000 करोड़ रुपये माना जा रहा है। यह एसबीआइ कार्ड्स के बाद सबसे बड़ा आइपीओ होगा।
वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी फिंटू (एफआइएनटीओओ) के संस्थापक मनीष पी हिंगर का कहना है कि 2021 में अब तक 23 आइपीओ आ चुके हैं। इससे बाजार से जितनी राशि जुटाई गई है, उतनी अकेले जुलाई में जुटाई जा सकती है। इससे बाजार में तरलता की स्थिति का भी पता चलेगा, क्योंकि इसमें से आधी राशि खुदरा या बड़े थोक निवेशकों से जुटाई जाएगी। एक साथ इतने आइपीओ आने का एक खतरा होता है कि अगर एक-दो बड़ी कंपनियों के आइपीओ फेल हो जाते हैं, तो उसका असर अन्य आइपीओ व पूरे बाजार पर पड़ता है। उन्होंने खुदरा निवेशकों को हर आइपीओ में आवेदन करने के बजाय अध्ययन के बाद ही कंपनी चुनने का सुझाव दिया।
इक्विटी 99 एडवाइजर के को-फाउंडर राहुल शर्मा का कहना है कि खुदरा निवेशकों को हमेशा कंपनी के बिजनेस मॉडल और उसके पुराने प्रदर्शन को निवेश का आधार बनाना चाहिए। आइपीओ के जरिये कम समय में पैसा कमाने की कोशिश में कई बार बड़ा नुकसान होता है। यह भी ध्यान रखें कि अगर कंपनी अच्छी है, तो आइपीओ आने के बाद उसके शेयरों की कीमत उसके सही मूल्य पर पहुंच ही जाएगी। तब भी निवेशक वहां पैसा लगा सकता है।शुक्रवार को जीआर इन्फ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड के आइपीओ बंद हुए हैं और इसके शेयरों के लिए 108 गुणा ज्यादा आवेदन आए हैं। क्लीन साइंस का आइपीओ भी 93.41 गुना सब्सक्राइब हुआ है। यह बताता है कि आम निवेशकों में आइपीओ को लेकर काफी उत्साह है। बाजार में इस तरह से आइपीओ की भीड़ 2010-11 में ही देखने को मिली थी।