नेपाल में पांच दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन ने रविवार को न्यूनतम साझा कार्यक्रम घोषित कर दिया। इसमें सभी नागरिकों को कोविड से बचाव की वैक्सीन मुफ्त लगाए जाने, महामारी से मुश्किल में आए उद्योगों को राहत देने, कमजोर तबके के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं से भ्रष्टाचार खत्म करने और राजनीतिक शांति प्रक्रिया पूरी किए जाने की घोषणा की गई है।
14 पन्नों का यह दस्तावेज नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और न्यूनतम साझा कार्यक्रम के समन्वयक पूर्ण खडका ने सार्वजनिक किया। इस सिलसिले में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के चेयरमैन पुष्प कमल दहल प्रचंड, जनता समाजवादी पार्टी के चेयरमैन उपेंद्र यादव और राष्ट्रीय जनमोर्चा के अध्यक्ष चित्र बहादुर केसी मौजूद थे।
कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख का मसला भी सुलझाया जाएगा
साझा कार्यक्रम में संतुलित विदेश नीति का वादा किया गया है। राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने, राष्ट्रहित के खिलाफ पूर्व में किए गए सभी समझौतों की समीक्षा करने और पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद सुलझाने की घोषणा की गई है। जिन सीमा विवादों को सुलझाने की बात कही गई है उनमें भारत के कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख इलाके भी शामिल हैं।
केपी शर्मा ओली सरकार ने इन तीनों इलाकों को नेपाल का हिस्सा बताया था
केपी शर्मा ओली सरकार ने इन तीनों इलाकों को नेपाल का हिस्सा बताते हुए उन्हें नेपाल के आधिकारिक मानचित्र में शामिल कर लिया था। इससे भारत के साथ नेपाल के संबंधों में तनाव आ गया था। भारत ने नेपाल की इस हरकत की निंदा करते हुए उसे पूरी तरह से अस्वीकार कर दिया था। साझा कार्यक्रम में सीमा पर होने वाली तस्करी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की घोषणा भी की गई है।