कांग्रेस ने उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण की शुरुआत के मौके पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि दावों से उलट यह योजना भी सिर्फ जुमला साबित हुई है और इससे गरीबों को कोई फायदा नहीं मिला है। घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत ज्यादा होने से गरीबों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पिछले सात साल में मोदी सरकार ने गैस सिलेंडर की सब्सिडी खत्म कर रसोई गैस के दाम को दोगुना कर दिया और इसकी वजह से रसोई गैस गरीबों की पहुंच से दूर हो चुकी है। पार्टी ने उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस सिलेंडर के दाम घटाकर 400 रुपये प्रति सिलेंडर करने की मांग करते हुए कहा है कि जब तक कीमतें नहीं घटाई जातीं तब तक गरीबों को इस योजना का फायदा नहीं मिल पाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उज्ज्वला के दूसरे चरण की उत्तर प्रदेश के महोबा से की गई शुरुआत के बाद सुरजेवाला ने कहा कि लगभग आठ करोड़ उज्ज्वला गैस लेने वाले परिवारों में से चार करोड़ ने महंगाई की वजह से दोबारा गैस नहीं भरवाई है। इस लिहाज से उज्जवला योजना विफल रही है और यह न तो अपने घोषित लक्ष्यों को हासिल कर पाई और न ही गरीबों के लिए रसोई गैस ही उपलब्ध हुई है।
40 फीसद उज्ज्वला परिवारों ने नहीं भरवाई गैस
उनके मुताबिक सरकारी आंकडों से ही पता चलता है कि आठ करोड़ में से 40 प्रतिशत परिवारों ने कोरोना काल में तीन मुफ्त सिलेंडर की योजना का लाभ भी नहीं लिया। इसकी वजह है कि बीते नौ महीने में रसोई गैस की कीमतों में 240 रुपये प्रति सिलेंडर का इजाफा हुआ है।
सऊदी अरैमको के आधार पर कीमतें
सुरजेवाला ने कहा कि भारत में रसोई गैस के दाम सऊदी कंपनी अरैमको के एलपीजी मूल्यों के आधार पर तय होते हैं, जो अब 611.14 डालर प्रति मीट्रिक टन है। इस आधार पर गैस मूल्य की गणना की जाए, तो वह 644 रुपये 18 पैसे प्रति सिलेंडर बनता है मगर आम जनता से 850 से लेकर 900 रुपये प्रति सिलेंडर वसूला जा रहा है।