अफगानिस्तान से अमेरिकी वापसी की डेडलाइन से पहले ही अमेरिकी सैनिकों ने काबुल छोड़ दिया है। इसके बाद काबुल एयरपोर्ट पर तालिबान का कब्जा हो गया है। अफगानिस्तान से निकलने से पहले अमेरिका ने ऐसा काम किया है कि तालिबान उनके सैन्य हथियारों का इस्तेमान नहीं कर पाएगा। काबुल से रवाना होने से पहले अमेरिकी सैनिकों ने वहां मौजूद विमानों, बख्तरबंद वाहनों समेत उच्च तकनीक वाले राकेट डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया है।
मध्य कमान के प्रमुख जनरल केनेथ मैकेंजी ने कहा कि हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहले से मौजूद 73 विमानों को अमेरिकी सैनिकों ने देश पर तालिबान के नियंत्रण के बाद से तकनीकी तौर बेकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि ये विमान फिर कभी उड़ान नहीं भर सकेंगे … उनको कभी भी किसी के द्वारा संचालित नहीं किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि पेंटागन ने 14 अगस्त को एयरलिफ्ट शुरू होने से पहले काबुल हवाई अड्डे को संचालित करने के लिए लगभग 6,000 सैनिकों को लगाया था। उनके पास मौजूद लगभग 70 बख्तरबंद वाहनों को बेकार कर दिया गया है, जिनकी कीमत 10 लाख डालर तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि सैनिकों द्ववारा पीछे छोड़े गए वाहनों और विमानों को फिर कभी इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
इसके अलावा अमेरिका ने सी-रैम सिस्टम (C-RAM system)- काउंटर राकेट, आर्टिलरी और मोर्टार को भी पीछे छोड़ दिया, जिसका इस्तेमाल हवाईअड्डे को राकेट हमलों से बचाने के लिए किया जा रहा था। इसी प्रणाली की मदद सेने सोमवार को इस्लामिक स्टेट के राकेट हमलों को रोका गया था।
मैकेंजी ने कहा कि हमने काबुल से आखिरी अमेरिकी विमान के जाने से पहले तक उन प्रणालियों को चालू रखा था। इन प्रणालियों को खत्म करने की प्रक्रिया जटिल और समय लेने वाली है। इसलिए हम उन प्रणालियों को बेकार कर देते हैं ताकि उनका फिर कभी उपयोग नहीं किया जा सके।