कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पिछले दिनों पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व की तुलना पंज प्यारे से करने के अपने बयान पर प्रायश्चित करने शुक्रवार को नानकमत्ता गुरुद्वारा पहुंचे। यहां उन्होंने झाड़ू लगाकर सफाई की और श्रद्धालुओं के जूते साफ किए। उधर, उनके इस बयान के विरोध में नानकमत्ता, बाजपुर और किच्छा में प्रदर्शन भी किया गया।
खटीमा में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के शुभारंभ के बाद हरीश रावत प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा और पूर्व सांसद महेंद्र पाल सिंह के साथ गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रधान कार्यालय में पहुंचे। यहां गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रधान सेवा सिंह, मैनेजर रंजीत सिंह, सुखवंत सिंह आदि से उन्होंने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अपने बयान पर प्रायश्चित करते हुए गुरुद्वारे में सेवा की। उसके बाद रावत नानकमत्ता स्थित कृषि उत्पादन मंडी समिति पहुंचे। यहां कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2024 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनेगी। तब मोदी सरकार की ओर से किसानों पर लादे गए कृषि कानून को खत्म कर दिया जाएगा। सरकार बनने पर वह इस कानून की प्रतियां फाड़कर यमुना में बहा देंगे। उन्होंने सरकार में आने पर नानकमत्ता में राय सिख भवन का निर्माण कराए जाने और किसानों के ट्यूबवेल की बिजली फ्री करने की बात भी कही।
बाजपुर, किच्छा, नानकमत्ता में प्रदर्शन
पंज प्यारे से संबंधित बयान से आक्रोशित बाजपुर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने हरीश रावत के खिलाफ बैठक की। कमेटी की अध्यक्ष मनमीत कौर ने कहा कि सिख कौम की भावनाएं भड़काने के आरोप में हरीश रावत के खिलाफ सरकार मुकदमा दर्ज करे। इधर, नानकमत्ता में आप कार्यकर्ताओं ने हरीश रावत को काले झंडे दिखाए। किच्छा में भी हरीश रावत का पुतला फूंका गया।