चौ. रणबीर सिंह विश्वविद्यालय बीएड की परीक्षाएं 16 सितंबर से ले रहा है। विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों की सुविधा के लिए आनलाइन व आफलाइन मोड में परीक्षा देने का विकल्प दिया हुआ है। जींद के साथ पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद, पलवल, दादरी व महेंद्रगढ़ के करीब 35 हजार विद्यार्थी ये परीक्षा देंगे। इनमें से करीब 18 हजार विद्यार्थियों ने आनलाइन परीक्षा देने का विकल्प चुना था। जिनमें से करीब 1500 विद्यार्थियों ने वापस आफलाइन परीक्षा देने का विकल्प चुना है। आनलाइन परीक्षाओं में नकल की वजह से ज्यादा अनफेयर मीन्स केस (यूएमसी) बन रहे हैं। विश्वविद्यालय के टीचिंग डिपार्टमेंट और डिग्री कालेजों में इस साल हुई परीक्षाओं में करीब 2300 यूएमसी बनी थी। ज्यादातर यूएमसी आनलाइन परीक्षाओं में बनी।
छात्र संगठन ने किया था प्रदर्शन
विश्वविद्यालय ने सख्त रवैया अपनाते हुए आनलाइन परीक्षा में परीक्षार्थी के पीछे चार बाय तीन फीट का शीशा लगाने, उत्तर पुस्तिका में लिखाई का मिलान करने का फैसला किया। जिसके विरोध में विद्यार्थी संगठन उतर आए थे और छह सितंबर को विश्वविद्यालय के गेट पर ताला जड़कर प्रदर्शन भी किया था। रजिस्ट्रार डा. राजेश बंसल ने ज्ञापन देने आए छात्र संगठनों से स्पष्ट कर दिया था कि परीक्षाओं में नकल के मामले में किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। आनलाइन परीक्षा में अगर किसी अन्य तकनीकी कारण से यूएमसी बन गई है, तो उस पर विचार किया जाएगा और यूएमसी कमेटी के समक्ष विद्यार्थी अपना पक्ष रख सकता है। उप परीक्षा नियंत्रक डा. अनुपम भाटिया ने बताया कि नकल मुक्त परीक्षाएं कराना विश्वविद्यालय का लक्ष्य है। विद्यार्थी हित में कोई भी फैसला लेने के लिए विश्वविद्यालय तैयार है। लेकिन परीक्षाओं में नकल किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं होगी।
विश्वविद्यालय की सख्ती के बाद आफलाइन विकल्प चुना
आनलाइन परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा सख्ती बरते जाने के बाद बीएड के परीक्षार्थी, जिन्होंने आनलाइन परीक्षा देने का विकल्प चुना था। वे दोबारा आफलाइन परीक्षा देने का विकल्प चुनने लगे। विश्वविद्यालय ने 11 सितंबर तक आफलाइन परीक्षा का विकल्प चुनने का मौका दिया था। आनलाइन परीक्षा का विकल्प चुनने वाले 18 हजार में से 1500 विद्यार्थियों ने वापस आफलाइन परीक्षा देने का विकल्प चुन लिया। आनलाइन परीक्षा का विकल्प चुनने वाले विद्यार्थियों में ज्यादातर हरियाणा के हैं।