स देश में कोरोना का सिर्फ एक केस आने पर लगा था लाकडाउन, अब 15 अक्‍टूबर तक

कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा अभी तक दुनिया से टला नहीं है। भारत जैसे देशों में कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार पर लगाम जरूर लगी है, लेकिन अमेरिका जैसे देशों में हालात ठीक नहीं हैं। अमेरिका के साथ ही कई यूरोपीय देशों में भी कोरोना वायरस चिंता का कारण बना हुआ है। कई देशों ने इस महामारी पर काबू पाने के लिए वैक्‍सीन के साथ-साथ लाकडाउन का विकल्‍प भी अपनाया है। ऑस्‍ट्रेलिया ऐसे ही देशों की सूची में शामिल हैं, जहां कोरोना वायरस को काबू करने के लिए लाकडाउन लगाया गया है।

ऑस्‍ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में 12 अगस्‍त को कोरोना वायरस के डेल्‍टा वेरिएंट का एक मामला सामने आया था। सरकार ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया और राजधानी में लाकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया। ऑस्‍ट्रेलिया शायद पहला ऐसा देश होगा, जहां सिर्फ एक कोरोना केस आने के बाद लाकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया। राजधानी कैनबरा में कोविड-19 के अब 22 नए मामले सामने आए हैं। ऐसे में लाकडाउन को 15 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है।

ऑस्ट्रेलियाई राजधानी क्षेत्र के मुख्यमंत्री एंड्रयू बर्र ने बताया कि कैनबरा के लाकडाउन को 15 अक्टूबर तक बढ़ाया जाएगा। बता दें किे कैनबरा न्यू साउथ वेल्स राज्य से घिरा हुआ है, जहां ऑस्ट्रेलिया में सबसे पहले डेल्टा स्वरूप के मामले सामने आए थे।

ऑस्‍ट्रेलियाई सरकार कोरोना वायरस पर काबू पाने में काफी हद तक कामयाब रही है। कैनबरा में डेल्टा स्वरूप आने से पहले, 4,30,000 लोगों के शहर में 10 जुलाई, 2020 से कोरोना वायरस सामुदायिक संक्रमण का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया था। शायद यही वजह है कि पहला मामला सामने आते ही यहां लाकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया।

इधर अमेरिका, ब्राजील, रूस आदि देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के रोजाना हजारों मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन यहां की सरकारों ने लाकडाउन लगाने का निर्णय नहीं लिया गया है। भारत में भी पिछले काफी समय से कोरोना वायरस संक्रमण के 30 हजार के आसपास मामले सामने आ रहे हैं। बीते 24 घंटों की बात करें, तो 25 हजार से ज्‍यादा(25,404) मामले सामने आए हैं।