Coronavirus & Brain: SARS-COV-2 से होने वाला संक्रमण कोविड-19 सिर्फ एक श्वसन वायरस से कहीं ज़्यादा है, जो आपके शरीर पर हमला कर स्वास्थ्य के लिए गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है। चीज़ों को साफ तरह से कहें, तो कोरोना वायरस आपके दिमाग़ पर भी प्रभाव डाल सकता है, जो हमारे कामकाज के लिए अहम अंग है और जिसका असर काफी गहरा पड़ सकता है।
शोध में यह बात सामने आई है कि कोविड-19 हमले से एक व्यक्ति का दिमाग़ 10 साल बूढ़ा हो सकता है, और उन्हें भ्रम, याददाश्त कमज़ोर होना और स्वभाव में बदलाव आने जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है। कोविड-19 के 5 में से लगभग एक मरीज़ मानसिक बीमारियों और जीवन की गुणवत्ता में बदलाव का अनुभव कर सकता है।
नाक के ज़रिए दिमाग़ में संक्रमण फैला सकता है कोविड-19
कोविड-19 कैसे दिमाग़ में घुसकर बुरी तरह क्षति पहुंचा सकता है, ये बात मेडिकल एक्सपर्ट्स को भी हैरान कर रही है। हालांकि, नए शोध में ये बात सामने आई है कि ये संक्रमण नाक के ज़रिए दिमाग़ तक पहुंच सकता है और वहां इंफेक्शन को फैला सकता है। हाल ही में हुए शोध के अनुसार, न्यूरोलॉजिकल क्षति सिर्फ कोविड-19 संक्रमण के गंभीर होने का संकेत नहीं हो सकता, लेकिन कैसे, वायरस नाक से निकलकर दिमाग़ में फैलना शुरू हो जाता है।
एक नया अध्ययन, जो नेचर, जर्नल में प्रकाशित हुआ, के अनुसार, न्यूरोसाइंस के हिसाब से कुछ संकेत और स्पष्टीकरण हैं, जो कोरोना के अप्रत्याशित व्यवहार के बारे में बताते हैं, जो कुछ लोगों में भ्रम की स्थिति के तौर पर देखा गया है।
क्या कहती है रिसर्च
वैज्ञानिकों के अनुसार, कोविड-19 आपके दिमाग़ पर कैसे आक्रमण करता है, इसका एक ज़रिया नाक में मौजूद श्लेष्म झिल्ली के माध्यम से रक्तप्रवाह में प्रवेश करना भी है- ऐसा तब भी हो सकता है जब एक व्यक्ति सही तरीके से मास्क न पहने और नाक खुली रहे।
इस शोध के लिए वैज्ञानिकों ने जर्मनी के 33 मरीज़ों की ऑटोप्सी का अध्ययन किया, जिनकी कोविड-19 से मौत हो गई थी। उनके नाक के अंदर के बलगम के नमूनो का विश्लेषण किया।
इस शोध में देखा गया कि कोरोना वायरस की आनुवंशिक सामग्री नाक के म्यूकोसल दीवारों और स्पाइक प्रोटीन के साथ मौजूद थी, जो कि वायरल प्रतिकृति का था और दिमाग़ के ऊतकों में भी पाया गया था।
वैज्ञानिकों ने फिर निष्कर्ष निकाला कि वायरस तंत्रिका तंत्र पर हमला करने के लिए शरीर के घ्राण तंत्रिका और कोशिकाएं का उपयोग करता है, और अंत में, दिमाग़ के कुछ हिस्सों, तंत्रिका घाटे, जिससे समस्याएं शुरू होती हैं। यह भी देखा गया कि दिमाग़ में मौजूद मस्तिष्कीय तरल पदार्थ में मौजूद प्रतिरक्षा कोशिकाएं संक्रमण के आते ही सक्रिय हो जाती हैं।
इन लक्षणों को न करें नज़रअंदाज़
1. कोविड-19 से हो सकती हैं न्यूरोलॉजिकल समस्याएं- शरीर के घ्राण तंत्रिका और कोशिकाओं में मौजूद वायरस की वजह से ही लोगों को सूंघने और स्वाद की शक्ति की हानि का अनुभव होता है।
2. सांस में तकलीफ- सांस लेने में दिक्कत होना कोविड-19 संक्रमण का आम लक्षण है, लेकिन वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि दिमाग़ की रक्त वाहिकाओं पर वायरस के हमले से भी सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, या ब्लड ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट आ सकती है।
3. स्वाद और सूंघने की शक्ति का ख़त्म होना- गंध और स्वाद की हानि, इस संक्रमण का सबसे अजीब लक्षण है, जो संक्रामक वायरस द्वारा मस्तिष्क को संक्रमित करने का परिणाम हो सकता है। अगर इस वजह से आपको भूख लगना बंद हो जाती है, तो ये चिंता की बात हो जाती है।
4. भ्रम और चक्कर आना- जब कोविड-19 दिमाग़ और महत्वपूर्ण नसों पर हमला करता है, तो इससे हिप्पोकैम्पस में सूजन आ जाती है, जो स्मृति प्रतिधारण और सीखने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है, साथ ही हाइपोक्सिया और व्यवहार में परिवर्तन का कारण भी बनता है।5. ब्रेन फ़ॉग- तीव्र स्मृति हानि से लेकर ध्यान केंद्रित करने में समस्या का सामना करना, ब्रेन फ़ॉग कोविड-19 से संक्रमित लोगों के लिए मुश्किलें पैदा करता है। यह मस्तिष्क के ऊतकों पर हमला करने वाली प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया हो सकती है। शोध में देखा गया है कि याददाश्त जाना और ब्रेन फ़ॉग, की वजह से कुछ मरीज़ डिमेशिया अनुभव करते हैं।