संसद में विपक्ष लगातार कर रहा है शोर-शराबा, सरकार की कोशिश, सुचारू रूप से चले कार्रवाई

संसद के शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन है। इस सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष सदन में लगातार हंगामा कर सदन की कार्रवाई को बाधित कर रहा है। निलंबित सांसदों के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा किए जा रहे शोर शराबे के चलते सदन की कार्रवाई को कई बार रोकना पड़ा है। विपक्ष जहां कह रहा है कि इस पर सांसद माफी नहीं मांगेंगे तो वहीं सरकार और दोनों सदनों के अध्‍यक्ष चाहते हैं कि सांसदों को माफी मांगनी चाहिए। बता दें कि शोर-शराबे की वजह से विपक्ष के 12 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था।

हालांकि अब कहा जा रहा है कि सरकार सदन की कार्रवाई को सुचारू रूप से चलाना चाहती है। सरकार की कोशिश है कि विभिन्‍न बिलों को पारित किया जाए। इसके लिए सांसदों को चेतावनी देकर छोड़ने पर भी विचार कर रही है। इसकी पहल लोकसभा अध्‍यक्ष की तरफ से की गई है। सरकार की कोशिशों के चलते ही लोकसभा में एक बिल को पारित कर दिया गया। राज्यसभा में गुरुवार को बहुप्रतीक्षित बांध सुरक्षा विधेयक, 2019 लंबी चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। विधेयक को पुनर्विचार के लिए प्रवर समिति के पास भेजे जाने का विपक्ष का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया, जिसके लिए मतविभाजन कराना पड़ा।

कांग्रेस के सांसद मणिकम टैगोर ने लखीमपुर में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हुए आंदोलन के दौरान गाड़ी से कुचल कर मारे गए किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्‍थगन प्रस्‍ताव रखा है। इस मामले में गृह राज्‍य मंत्री का बेटा आरोपित है। उनकी मांग है कि इस मामले में सरकार ये सुनिश्चित करे कि दोषी को सजा मिले। इसके अलावा उन्‍होंने पीएम मोदी से आग्रह किया है कि वो गृह राज्‍य मंत्री को बर्खास्‍त करें।

कांग्रेस, राजद, सीपीआई, सीपीआईएम, एनसीपी, डीएमके और आप ने संयुक्‍त रूप से राज्‍य सभा में नियम 267 के तहत बिजनेस नोटिस को सस्‍पेंड कर त्रिपुरा के निगम चुनाव पर उठे सवालों पर चर्चा करने की मांग की है।