नवीन ने तकनीक की मदद से बदली लद्दाख के किसानों की लाइफ, बढ़ी आय और काम हुआ आसान

भारतीय हिमालय दुनिया के सबसे पारिस्थितिक रूप से मुश्किल क्षेत्रों में से एक है। ठंड में रहना और समुद्र तल से 3500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित दूरदराज के गांव जैसी तमाम चुनौतियां लोगों के समक्ष होती है। सर्दियों के दौरान बिजली, भोजन और हीटिंग संसाधनों की सीमित आपूर्ति, और

इन सभी समस्याओं से निपटने के लिए स्थानीय लोगों की सीमित वित्तीय क्षमता इस परेशानी को और बढ़ा देती है।हिमालयी क्षेत्र के लोग अक्सर अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ईंधन की लकड़ी, बायोमास और मिट्टी के तेल का सहारा लेते हैं । इसके परिणामस्वरूप प्राकृतिक संसाधनों का ह्रास होता है, और उत्सर्जन में वृद्धि होती है, जबकि इसका लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

आजीविका का प्रमुख साधन

लद्दाख में खुबानी प्राथमिक खाद्य वृक्ष होने के साथ-साथ वहां के लोगों के आजीविका कमाने के साधन के तौर पर सबसे मुख्य है। हालांकि, कुल उपज का 50% से अधिक मौजूदा विधियों के कारण खराब हो जाता है। मौजूदा विधि इसकोो केवल खुले में सुखाने की है। लेकिन इस स्थिति में धूल और कीड़ों के कारण इसकी गुणवत्ता प्रभावित होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए नवीन गहलावत ने ऐसी तकनीक विकसित की है जो स्वच्छ ऊर्जा के इस्तेमाल के साथ फसल को सुखाने और स्पेस हीटिंग की सुविधा देती है।

तकनीक ने कम किया नुकसान, बढ़ाए फायदे

नवीन बताते हैं कि सोलर ड्रायर-कम-स्पेस हीटिंग सिस्टम किसानों को उनके खाद्य उत्पादों को तेजी से सुखाने में मदद करता है। इससे समय की बचत होती है। पारंपरिक खुली धूप में सुखाने की तुलना में यह 90 फीसद तक समय बचाता है। यह भोजन को भी धूल और अवांछित नमी से सुरक्षित रखता है। साथ ही उसमें किसी तरह फंगस से भी बचाव में सहायक होता है। इससे किसानों का नुकसान भी कम होता है और बाजार में सही कीमत भी उन्हें मिलती है। एक बार में यह तकनीक 100 किग्रा की सुखाने की क्षमता के साथ डिजाइन की गई है।

प्रबंधन हुआ बेहतर

सोलर ड्रायर-कम-स्पेस हीटिंग सिस्टम ने कटाई के बाद के काम को कम कर दिया है। साथ ही फलों और हिमालयी क्षेत्र में फसलों के नुकसान को पचास फीसद से लगभग शून्य कर दिया है।

मौसम के अनुरुप करता है काम

नवीन बताते हैं कि इसे मौसम के अनुरुप तैयार किया गया है। कक्ष के अंदर तापीय ऊर्जा भंडारण सामग्री सौर घंटों के दौरान अतिरिक्त गर्मी जमा करती है और गैर-सौर घंटों के दौरान खाद्य उत्पादों के निरंतर सुखाने के लिए इसका इस्तेमाल करता है। ये सिस्टम सर्दियों के दौरान स्‍पेस हीटिंग आवश्यकताओं को पूरा करने में भी समर्थ है।

पर्यावरण के लिए बेहतर तकनीक

नवीन कहते हैं कि यह उत्पाद उन लोगों के जीवन को आसान बना रहा है जो पहले से ही बहुत कठिन जीवन जी रहे हैं। यह उन लोगों की तमाम समस्याओं का हल है। इस तकनीक से 2030 तक सालाना 4 मिलियन टन ग्रीन हाऊस गैसों का उत्सर्जन कम होने की संभावना है।

नवीन के प्रयासों से खुबानी पहुंची विदेशों तक

पहली बार लद्दाख की ताजा खुबानी को देश विदेश के बाजारों में पहुंचाने के प्रयासों में सफलता मिली है। इस बार यह फल मुंबई, हैदराबाद, अहमदाबाद और दिल्ली-एनसीआर के बाजारों सहित दुबई में पहुंच गया है। नवीन गहलावत की संस्था ने अब तक केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सैकड़ों किसानों से खरीदे गए कई मीट्रिक टन ताजा खुबानी का निर्यात किया है।