Exclusive Interview: हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा आजकल सुर्खियों में हैं। कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं और पार्टी नेतृत्व के बीच सुलह के लिए कई बार मध्यस्थता कर चुके हैं। हरियाणा कांग्रेस का पिछले आठ साल से संगठन नहीं होने पर अपनी ही पार्टी के नेताओं पर सवाल उठा चुके हैं।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से दैनिक जागरण की बातचीत
हुड्डा का कहना है कि कांग्रेस हाईकमान का पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह काे मुख्यमंत्री पद से हटाने का निर्णय गलत था। उनको कांग्रेस नेताओं के ग्रुप को जी-23 नाम देने पर भी आपत्ति है। वह कहते हैं कि हम जी-23 नहीं, कांग्रेस के ग्रेट- 23 नेता हैं।
प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय राजनीति पर भूपेंद्र हुड्डा ने पहली बार की हर विषय पर खुलकर बातचीत
हुड्डा विधानसभा में विभिन्न मुद्दों पर कभी मुख्यमंत्री मनोहर लाल से टकराते नजर आते हैं तो कभी खुशनुमा अंदाज में दोनों की फोटो सामने आती है। तमाम राज्य और राष्टीय स्तर के मसलों पर दैनिक जागरण के स्टेट ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से बातचीत की। पेश हैं इस बेबाक बातचीत के प्रमुख अंश-
– आजकल आप कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं जी-23 का नेतृत्व कर रहे हैं। राहुल गांधी से आपकी मुलाकात हुई, क्या बातचीत हुई?
– कांग्रेस में जी-23 जैसा कोई ग्रुप नहीं है। हम सब पार्टी के वरिष्ठ लोग हैं और इनकी संख्या सिर्फ 23 नहीं बल्कि सैकड़ों-हजारों में है। हम सब कांग्रेस पार्टी के भले के लिए सुझाव देते हैं। हमारे दिए गए सुझावों पर अमल भी होता है। आगे भी जरूरत पड़ी तो अपने बड़े नेताओं को पत्र लिखकर व मिलकर मौखिक सुझाव देते रहेंगे। आप इसे जी-23 की बजाय ग्रेट-23 ग्रुप कह सकते हैं।
– पांच राज्यों के चुनाव नतीजे सबके सामने हैं। राहुल गांधी और कैप्टन अमरिंदर सिंह की लड़ाई का पंजाब पर कोई असर पड़ा है क्या?
– पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह को विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पद से हटाना हाईकमान का गलत निर्णय था। यदि कैप्टन को हटाना ही था तो कम से कम दो-ढ़ाई साल पहले हटाते। इसका पार्टी को नुकसान हुआ है। यदि कैप्टन के नेतृत्व में कांग्रेस चुनाव लड़ती तो पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनती।
– दिल्ली के बाद पंजाब में आप आदमी पार्टी की सरकार बनने से हरियाणा पर इसका क्या असर पड़ने जा रहा है। लगता है कि दूसरे दलों में भगदड़ मचने वाली है?
– हरियाणा, दिल्ली और पंजाब समेत विभिन्न राज्यों की राजनीतिक परिस्थितियां अलग-अलग हैं। दिल्ली के तीन तरफ हरियाणा है। पिछली बार केजरीवाल ने हरियाणा में चुनाव लड़ा मगर कोई सीट नहीं आई। हमारे चुनाव में अभी वक्त है। चुनाव से पूर्व की कोई भी एक घटना पूरा माहौल बदल देती है। इसलिए मैं आम आदमी पार्टी को किसी तरह का खतरा नहीं मानता। आम आदमी पार्टी में नेताओं के शामिल होने का क्रम ठीक वैसा है, जो कभी टीएमसी में होता था।
– नेशनल पालिटिक्स में क्षेत्रीय दलों की बढ़ती सक्रियता को कैसे देखते हैं। इनका भविष्य कैसा माना जाए?
– राष्ट्रीय राजनीति में क्षेत्रीय दलों का कोई महत्व नहीं होता। मैंने बरसों पहले अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सुझाव दिया था कि क्षेत्रीय दलों के लोकसभा चुनाव लड़ने पर रोक संबंधी कानून बनाना चाहिए। ऐसा करने से वह अपने राज्यों तक सीमित रहेंगे और देश को बिना बैसाखियों वाली स्थिर सरकारें मिलेंगी। मेरे इस सुझाव पर प्रणब मुखर्जी तैयार थे, लेकिन यह सिरे नहीं चढ़ा।
– आपने सोनिया और राहुल गांधी को सुझाव दिया था कि कांग्रेस को भाजपा विरोधी दलों के साथ गठबंधन करना चाहिए?
– यह बात सही है कि मैंने भाजपा विरोधी दलों के साथ गठबंधन की बात कही थी, लेकिन यह सुझाव राष्ट्रीय संदर्भ में था। उत्तर प्रदेश में यदि हम ऐसा करते तो वहां भी नतीजे बदले हुए होते। हरियाणा में कांग्रेस को किसी के साथ गठबंधन की जरूरत नहीं है। यहां हम सिंगल लार्जेस्ट पार्टी हैं।
– भाजपा ने अपनी संगठनात्मक बैठक में इस बार मिशन-10 और मिशन-70 का नारा दिया है?
– भाजपा-जजपा गठबंधन में दरार की खबरें आ रही हैं, लेकिन मुझे लगता है कि यह गठबंधन टूटेगा नहीं, क्योंकि बिना सिद्धांतों के बनाए गए गठबंधन देर तक चलते हैं। भाजपा व जजपा दोनों का काम ठीक चल रहा है। इसलिए कोई नहीं चाहेगा कि पकी-पकाई सत्ता हाथ से चली जाए।
– भजनलाल के बाद आपको सरकार बनाने और सरकार गिराने का मास्टर समझा जाता है?
– यह बात सही है कि भाजपा व जजपा के समेत कई निर्दलीय विधायक मेरे संपर्क में हैं, लेकिन मैं गठबंधन की सरकार को तोड़कर कांग्रेस की सरकार बनाने के हक में बिल्कुल भी नहीं हूं। यदि हमने ऐसा कर दिया तो हमारी स्थिति दो माह बाद वैसी ही हो जाएगी, जैसी अब जजपा की वजह से भाजपा की है। अब लोग भाजपा से सवाल पूछते हैं। फिर हमसे पूछेंगे। इसलिए हम पूर्ण बहुमत की अपनी ही सरकार बनाएंगे।
– सार्वजनिक मंच पर आप अब कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बोल रहे हैं। टिकट बंटवारे को लेकर आपकी नाराजगी अभी खत्म हुई या नहीं?
– 2019 के चुनाव में कांग्रेस में टिकट का वितरण सही ढंग से नहीं हुआ था। यदि टिकट सही लोगों को मिल जाता और हमारे उम्मीदवारों को चार हजार वोट और मिल जाते तो कांग्रेस की सरकार बननी तय थी। कांग्रेस में आठ साल से संगठन नहीं बन पाया है। इसका नुकसान तो होता ही है। यह बात मैं और बाकी विधायक हाईकमान को बता चुके हैं।
– कांग्रेस विधायक चाहते हैं कि आप पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष बनें और मोर्चा संभालें?
– हरियाणा कांग्रेस में संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। जुलाई से अगस्त के बीच प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा। आनलाइन और आफलाइन दोनों तरीकों से सदस्यता हो रही है। फार्म भी ठीक ढंग से मिल रहे हैं। लेकिन मैं अध्यक्ष पद का न तो दावेदार हूं और न ही बनूंगा। फिलहाल मैं कांग्रेस विधायक दल का नेता ही ठीक हूं।
– कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव होने जा रहे हैं। क्या वहां भी नेतृत्व परिवर्तन संभव है। लोग तो आपका और अशोक गहलोत का नाम भी चला रहे हैं?
– गांधी परिवार की कुर्बानियों को भुलाया नहीं जा सकता। देश की आजादी कांग्रेस की देन है। मेरे पिताजी भी स्वतंत्रता सेनानी थे। कांग्रेस का राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव लड़ने का मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है। मैं हरियाणा में ही ठीक हूं। कुछ लोग तो यह भी पूछते हैं कि गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा राज्यसभा जा रहे हैं। यह तो राहुल गांधी ही बता सकते हैं। अशोक गहलोत को अध्यक्ष बनाने की बात भी आती है, लेकिन वह मुख्यमंत्री पद क्यों छोड़ेंगे।
– पिछले दिनों दिल्ली में राहुल गांधी के घर पर हरियाणा के कांग्रेस दिग्गजों की बैठक हुई। वहां से आते ही फिर आप लोगों की लड़ाई तेज हो गई?
– राहुल गांधी और सोनिया गांधी हमारे नेता हैं। हम उनसे मिलते रहते हैं। मैंने चार अप्रैल को पहले से ही दिल्ली में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुला रखी थी। चंडीगढ़ की बैठक बाद में तय हुई है। मेरे में कोई ईगो नहीं है, जिसमें ईगो है, वह छोड़ दे, कांग्रेस का भला हो जाएगा।
– सैलजा ने पैदल यात्रा निकालने व सात अप्रैल को महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान किया है। आपने विपक्ष आपके द्वार कार्यक्रम चला रखा है?
– सब अपने-अपने ढंग से पार्टी को मजबूत करते हैं। मैं आज ही दिल्ली जा रहा हूं। इसलिए कल के प्रदर्शन में नहीं रहूंगा। हर किसी का रहना जरूरी भी नहीं है। 24 अप्रैल को हमारा विपक्ष आपके द्वार कार्यक्रम फरीदाबाद में होगा, जो आगे भी चलता रहेगा।
खास बातें-
- – मेरे में कोई ईगो नहीं है, जिसमें ईगो है, वह इसे छोड़ दें।
- – क्षेत्रीय दलों की अहमियत नहीं, आप से भी कोई खतरा नहीं।
- – भाजपा-जजपा का गठबंधन असैद्धांतिक, नहीं टूटेगा यह मेल।
- – मैंने सरकार गिरा दी तो फिर लोग मुझसे जवाब मांगने लगेंगे।
- – मैं अध्यक्ष पद का दावेदार नहीं, विधायक दल के नेता का पद सही।
- – सैलजा पैदल यात्रा करें, मैं विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम करता रहूंगा।