हरियाणा के कई शहरों में बारिश और आंधी चलने के आसार, मौसम विभाग ने दी ये जानकारी

पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते मंगलवार को मौसम में अचानक परिवर्तन देखने को मिला है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बादल छाये रहे, जिससे अधिकतम तापमान में 4.6 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है। सोमवार को अधिकतम तापमान 42.0 डिग्री सेल्सियस के मुकाबले मंगलवार को 37.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जिससे गर्मी से मामूली राहत जरूर मिली है। मौसम विभाग ने पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता का अनुमान जताते हुए 13 से 17 अप्रैल तक मौसम में व्यापक बदलाव का अंदेशा जाहिर किया है। प्रदेश में मौसम की पहली धूलभरी आंधी चलने की संभावना, गरज के साथ बूंदाबांदी भी हो सकती है।

केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक इस समय उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे जम्मू-कश्मीर के पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। प्रेरित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान के ऊपर बना हुआ है। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों और उससे सटे बिहार के निचले स्तरों पर देखा जा सकता है। एक टर्फ रेखा बिहार से सटे पूर्वी उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश होते हुए विदर्भ तक जा रही है। दक्षिण तमिलनाडु और आसपास के इलाकों में सर्कुलेशन बना हुआ है।

धूलभरी आंधी के साथ तेज बरसात या ओलावृष्टि की यदि स्थिति बनी तो गेहूं कटाई का काम प्रभावित होगा। सीजन लंबा खींच सकता है। क्योंकि गीली फसल सूखने में समय लग सकता है। इसके साथ ही गेहूं की फसल पानी में भीगने से गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है।

जिला बागवानी अधिकारी डा. जोगिंद्र बिसला ने बताया कि अप्रैल में होने वाली बारिश बेमौसमी मानी जाती है। इसका सब्जियों पर नकारात्मक प्रभाव ज्यादा रहता है। वह इसलिए कि कभी तेज बरसात के बाद जो तेज धूप निकलती है, उससे पैदा होने वाली उमस से सब्जियों में कीट लगने की संभावना बन जाती है। सब्जियों के फूल झड़ने लगते हैं, फल सूखने की भी संभावना रहती है। बैंगन, भिंडी, लौकी, कद्दू, करेला, मिर्च आदि पर इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है।