Haryana Power Crisis: अदाणी और टाटा से बिजली आपूर्ति के लिए सीएम मनोहर लाल खुद संभालेंगे मोर्चा

हरियाणा में बिजली संकट की आहट से मनोहर लाल सरकार सजग हो गई है। बिजली को लेकर किसी भी हालात से निपटने के लिए मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खुद सक्रिय हो गए हैं। वह हरियाणा को बिजली सप्लाई करने वाले अदाणी और टाटा ग्रुप से बातचीत करने के लिए खुद मोर्चा संभालेंगे

बिजली विभाग के अधिकारियों की इन दोनों कंपनियों के साथ वार्ता सिरे नहीं चढ़ पाई, जिस कारण अब मुख्यमंत्री इन दोनों कंपनियों के टाप मैनेजमेंट से बात कर हरियाणा को बिजली की आपूर्ति सुचारू कराएंगे। हरियाणा सरकार और अदाणी ग्रुप के बीच 2008 से समझौता है।

अदाणी ग्रुप की ओर से हरियाणा को करीब 1400 मेगावाट बिजली दी जाती है, लेकिन बिजली के दाम को लेकर विवाद पैदा होने से अब हरियाणा को बिजली नहीं मिल रही है। मनोहरलाल विशाखापट्टनम से लौटते ही दोनों कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से बात करेंगे।  हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने दावा किया है कि जल्दी ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल अदाणी और टाटा ग्रुप के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत कर बिजली सप्लाई शुरू कराएंगे।

बता दें कि मुख्यमंत्री फिलहाल निजी यात्रा पर विशाखापट्टनम गए हुए हैं। हरियाणा को आरएस इन्फ्रा भी बिजली देने को तैयार है। उसका रेट सवा पांच रुपये प्रति यूनिट का है, लेकिन वह सरकार के साथ 500 मेगावाट बिजली सप्लाई करने का लंबा करार करना चाहते हैं। इसका फैसला भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ही करेंगे।

हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने दावा किया कि पानीपत में तीन यूनिट में 710 मेगावाट बिजली का उत्पादन चल रहा है। यमुनानगर में 600 मेगावाट की दो यूनिट काम कर रही हैं। खेदड़ में 600 मेगावाट की एक यूनिट संचालित है, जबकि सीएलपी झज्जर से 600 मेगावाट बिजली मंगलवार से मिलनी आरंभ हो जाएगी।

उन्‍होंंंनेकहाकि  ह राज्य सरकार के पास करीब 6500 मेगावाट बिजली की उपलब्धता है। फिलहाल मांग 7700 मेगावाट बिजली की है। करीब 1200 मेगावाट बिजली की मांग को हरियाणा पावर एक्सचेंज से 12 रूपये प्रति यूनिट की दर से खरीदकर लोगों को दे रहा है।

रणजीत चौटाला ने बताया कि हरियाणा की बिजली कंपनिया करीब दो हजार करोड़ रुपये के लाभ में हैं। गुजरात के बाद हरियाणा का लाइन लास सबसे कम 13.46 प्रतिशत है, जो कि बहुत ही बढ़िया है। हमने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भले ही हमें बिजली अधिक रेट पर खरीदनी पड़ी, लेकिन लोगों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए।

दूसरी तरफ बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने बताया कि इस बार मार्च और अप्रैल के महीने में काफी गर्मी पड़ी है। पिछले साल की तुलना में इस बार 20 से 25 प्रतिशत तक बिजली की मांग बढ़ी है। हमारे आकलन से कहीं ज्यादा बिजली की खपत हो रही है। हमारे कट मांग के विपरीत मात्र एक प्रतिशत है। गांवों में कोई कट नहीं है। जो गांव जगमग योजना में शामिल नहीं हैं, उन्हें 24 घंटे बिजली वैसे भी नहीं मिल सकती। इसलिए शोर ज्यादा है, जबकि समस्या कम है।

पीके दास ने बताया कि हरियाणा विद्युत उत्पादन निगम (एचपीजीसीएल) को इंपोर्टेड कोयले का इंतजाम करने के आदेश दिए गए हैं। अभी तक हम चार प्रतिशत इंपोर्टेड कोयला खरीद सकते थे, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे 10 प्रतिशत तक ले जाने के लिए कहा गया है।

एचपीजीसीएल के एमडी मोहम्मद शाईन के नेतृत्व में अधिकारी बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। घरेलू खदानों से हम कोयला पहले सड़क तक लाने का इंतजाम कर रहे हैं और फिर उसे रेल के जरिए अपने यहां शिफ्ट कर रहे हैं। राज्य के पास भरपूर मात्रा में कोयला है, लेकिन बारिश में आने वाली किसी भी दिक्कत से निपटने के लिए हम कोयले का अग्रिम इंतजाम कर रहे हैं।