देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा सोमवार को 83 वर्ष के हो गए। बिजनेस के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले रतन टाटा ने अपनी बुद्धिमत्ता, कड़ी मेहनत, कारोबारी कुशलता और दूरदृष्टि से टाटा समूह को एक नए मुकाम पर पहुंचाया। नैनो के जरिए देश के निम्न-मध्यमवर्गीय लोगों को सपने की कार दिलाने वाले रतन टाटा वर्ष 1990 से लेकर 2012 तक नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक का निर्माण करने वाली टाटा संस के चेयरमैन रहे। 29 दिसंबर, 2012 को टाटा को कंपनी का मानद चेयरमैन बनाया गया था।
टाटा समूह की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक टाटा के नेतृत्व में कंपनी की कुल आमदनी में कई गुना वृद्धि देखने को मिली और 2011-12 में वह बढ़कर 100 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया।
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को गुजरात के सूरत में हुआ था। रतन टाटा के पिता का नाम नवल टाटा और मां का नाम सूनी टाटा था। टाटा ने 1962 में कॉरनेल से आर्किटेक्चर में ग्रेजुएशन किया था। 1962 में भारत लौटने से पहले उन्होंने कुछ समय के लिए लॉस एंजिलिस के जोन्स एंड एमन्स में काम किया था। उन्होंने 1975 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया था।
टाटा वर्ष 1962 में टाटा समूह से जुड़े। कई कंपनियों में काम करने के बाद 1971 में टाटा को नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी लिमिटेड का डायरेक्टर-इन-चार्ज नियुक्त किया गया था।
जे आर डी टाटा वर्ष 1991 में टाटा संस के चेयरमैन पद से सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद रतन टाटा को टाटा संस का पांचवां चेयरमैन बनाया गया। अपने कार्यकाल के दौरान टाटा ने नई प्रतिभाओं को मौके दिए और कंपनी की बुनियाद को सुदृढ़ किया। टाटा के नेतृत्व में कंपनी ने कई अन्य कंपनियों का अधिग्रहण किया। इस कड़ी में टाटा टी ने Tetley, टाटा मोटर्स ने Jaguar Land Rover और टाटा स्टील ने Corus का अधिग्रहण किया।
रतन टाटा के कार्यकाल के दौरान ही वर्ष 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को शेयर बाजारों में लिस्ट किया गया था। उन्होंने 2008 में दुनिया की सबसे सस्ती कार को डिजाइन और लांच किया।
रतन टाटा एक सफल निवेशक भी हैं। उन्होंने कई स्टार्टअप में भरोसा दिखाते हुए बहुत शुरुआती चरण में निवेश किया और आज के समय में ये कंपनियां यूनिकॉर्न बन चुकी है। न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक टाटा ने कैब एग्रीगेटर ओला, पेटीएम, कार देखो, क्योरफिट, स्नैपडील, आबरा, क्लिमासेल, फर्स्ट क्राई, अर्बन लैडर और लेंसकार्ट जैसी कई कंपनियों में निवेश किया था।
टाटा को सन 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।