उत्तर प्रदेश एसटीएफ और बस्ती पुलिस ने बस्ती से अपह्रत व्यापारी पुत्र को छुड़ाया, दो गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश एसटीएफ टीम के साथ ही बस्ती पुलिस की सटीक कार्रवाईसे बस्ती के रुधौली से 23 अपह्त व्यापारी पुत्र को छुड़ा लिया गया है। व्यापारी पुत्र को छुड़ाने के साथ ही पुलिस ने उन दो लोगों को गिरफतार किया है, जिन्होंने बस्ती के रुधौली से 23 अप्रैल को अखंड का अपहरण कर 50 लाख रुपया की फिरौती मांगी थी। बस्ती के रुधौली से अपहरण करने के बाद इन दोनों ने व्यापारी पुत्र अखंड को सहजनवां कस्बे के एक मकान में बंधक बनाकर रखा था। गोरखपुर मंडल में पुलिस बीते तीन दिन से अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है।

बस्ती जिले के रुधौली से व्यापारी के बेटे का अपहरण करने वाले दो बदमाशों को एसटीएफ और बस्ती जिले की पुलिस ने शनिवार की सुबह सहजनवां कस्बे से गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर एक मकान में बंधक बनाकर रखे गए व्यापारी के बेटे को टीम ने सकुशल बरामद कर लिया। सहजनवां के रहने वाले बदमाशों ने व्यापारी से 50 लाख फिरौती मांगी थी।

एसटीएफ गोरखपुर यूनिट के इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश सिंह को सूचना मिली कि बस्ती के रुधौली के रहने वाले व्यापारी अशोक कसौधन के बेटे अखंड का अपहरण करने वाले बदमाश सहजनवां में छिपे हैं। सूचना के आधार पर छानबीन में जुटी एसटीएफ की टीम ने सर्विलांस की मदद से शनिवार की सुबह सहजनवां के पाली निवासी सूरज सिंह और उसके भाई आदित्य सिंह को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनों ने बताया कि व्यापारी के बेटे अखंड को सहजनवां कस्बे के शिवपुरी कालोनी में किराए के मकान में बंधक बनाकर रखा है। आरोपियों के साथ कमरे पर पहुंची एसटीएफ और बस्ती जिले की पुलिस ने कमरे में बंधक बनाकर रखे गए अखंड को मुक्त कराया और उपचार के लिए अस्पताल ले गए। एसटीएफ और बस्ती जिले की पुलिस आरोपितों से गहन पूछताछ कर रही है।

यह है मामला : बस्ती के रुधौली कस्बा निवासी अशोक कसौधन कपड़े का व्यापार करते हैं। 23 अप्रैल की शाम साढ़े चार बजे उनका 13 वर्षीय बेटा अखंड कसौधन बाजार में सब्जी लेने गया था। इस बीच बाइक सवार बदमाशों ने उसका अपहरण कर लिया। घटना के कुछ देर बाद अपहरणकर्ताओं ने अशोक कसौधन को फोन कर 50 लाख की फिरौती मांगी। फिरौती की रकम न देने पर बच्चे को नुकसान पहुंचाने की बात कही। जिससे स्वजन डर गए और घटना की जानकारी पुलिस को दी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने अज्ञात अपहरणकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर छानबीन कर रही थी। दो दिन तक कुछ पता न चलने पर एसटीएफ की टीम को लगाया गया था।