मुंबई के एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलायी गयी थी। विनोद खन्ना मीडिया से कुछ कहने वाले थे। क्या कहने वाले थे? यह जानने के लिए पत्रकार भी उतावले थे। कुर्बानी जैसी सुपर हिट फ़िल्म देकर करियर की बुलंदी पर विराजमान सुपरस्टार के अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने से उत्सुकता होना स्वाभाविक था। विनोद खन्ना प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने परिवार के साथ पहुंचे।
पहली पत्नी गीतांजलि और दोनों बेटे राहुल और अक्षय साथ थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हुई और विनोद खन्ना ने फ़िल्म इंडस्ट्री छोड़ने का एलान करके धमाका कर दिया। 1968 में मन का मीत से डेब्यू के बाद से अस्सी की शुरुआत तक जिस वैभव और सफलता के साथ विनोद खन्ना का करियर परवान चढ़ा था, उसे देखते हुए उनका यह फ़ैसला सन्न कर देने वाला था।
विनोद ने ओशो रजनीश से प्रभावित होकर आध्यात्मिक शांति के लिए 1982 में मायानगरी को अलविदा कह दिया था। हालांकि, उनका यह संन्यास अस्थायी साबित हुआ। 1987 में इंसाफ़ से उनकी फ़िल्मी दुनिया में वापसी हुई और फिर 2017 में निधन से कुछ वक़्त पहले तक वो पर्दे पर सक्रिय रहे।
इस बारे में विनोद खन्ना ने मुंबई में 2016 में कार्यक्रम में कहा था-
”मैं एक ऐसे मुक़ाम पर पहुंच गया था, जहां मेरे पास सब कुछ था। ख़ूब नाम और पैसा कमाया। दुनिया घूम चुका था, लेकिन फिर भी मेरे अंदर आवाज़ आती थी कि अभी कुछ और करना है, जो नहीं कर रहे हो। लेकिन समझ नहीं आ रहा था। फिर मेरी मुलाक़ात मेरे गुरु से हुई, जिन्हें आज ओशो के नाम से जाना जाता है। उन दिनों उन्हें भगवान रजनीश कहा जाता था। मैं ध्यान करने लगा और अध्यात्म की ओर मुड़ गया, जो मेरे अंदर पहले ही कहीं था, लेकिन उसे दबा दिया था, क्योकि मेरे लिए करियर महत्वपूर्ण था।”
बुलंदी पर पहुंचकर इसे छोड़ने की विनोद खन्ना जैसी मिसाल तो कम ही मिलती है, मगर अध्यात्म का आकर्षण और भी कई सितारों को फ़िल्मी दुनिया छोड़ने के लिए प्रेरित कर चुका है,
सना ख़ान
कुछ दिन पहले एक्ट्रेस सना ख़ान ने अपना यह फ़ैसला सार्वजनिक करके चौंका दिया था। सना ने एक अपने फॉलोअर्स के नाम एक लम्बा सा पैग़ाम लिखकर अपने फ़ैसले से अवगत कराया। अपने इस ख़त में सना ने वही बुनियादी सवाल उठाए, जो अक्सर अध्यात्म का रास्ता चुनने वाले अपने-आप से करते हैं- इंसान का इस दुनिया में आने का मक़सद क्या है? क्या सिर्फ़ इतना कि दौलत और शोहरत कमाये। सना बिग बॉस जैसे विवादित शो में भी भाग ले चुकी हैं और कई फ़िल्मों में उन्होंने अहम किरदार निभाये हैं।
ज़ायरा वसीम
2019 में ऐसा ही फ़ैसला ज़ायरा वसीम ने लिया था। उन्होंने मज़हबी कारणों से फ़िल्म इंडस्ट्री छोड़ने का एलान किया था। ज़ायरा के फ़ैसले ने इसलिए भी चौंकाया, क्योंकि उनकी उम्र महज़ 19 साल थी और उन्हें एक उभरती हुई प्रतिभाशाली अदाकारा के रूप में देखा जा रहा था। ज़ायरा ने आमिर ख़ान की बेहद कामयाब फ़िल्म दंगल से करियर शुरू किया था, जो रेस्लिंग कोच महावीर फोगाट और उनकी चैम्पियन बेटियों की ज़िंदगी पर आधारित थी। आमिर ख़ुद महावीर फोगाट के रोल में थे, जबकि ज़ायरा ने यंग गीता फोगाट का रोल निभाया था।
फ़िल्म इंडस्ट्री छोड़ने से पहले ज़ायरा की फ़िल्म सीक्रेट सुपरस्टार हिट हुई थी, जिसने चीन में बड़ी सफलता अपने नाम दर्ज़ की थी। ज़ायरा आखिर बार स्काई इज़ पिंक में दिखी थीं, जिसमें उन्होंने प्रियंका चोपड़ा और फरहान अख्तर की बेटी का रोल निभाया था। धार्मिक कारणों से ज़ायरा के इंडस्ट्री छोड़ने पर सोशल मीडिया में एक बहस छिड़ गयी थी।
बरखा मदान
बरखा मदान 1994 में मिस इंडिया फाइनालिस्ट रही थीं। मॉडलिंग के साथ उन्होंने कुछ हिंदी और पंजाबी फिल्मों में काम किया। अक्षय कुमार की फ़िल्म खिलाड़ियों का खिलाड़ी में बरखा एक किरदार में नज़र आयीं। इंडो-डच फ़िल्म ड्राइविंग मिस पामेन का बरखा हिस्सा बनीं। राम गोपाल वर्मा की फ़िल्म भूत में बरखा की परफॉर्मेंस को सराहा गया। 2012 में फ़िल्म सुर्खाब में बरखा आख़िरी दफ़ा नज़र आयीं। बौद्ध धर्म से प्रभावित होकर 2012 में बरखा ने इसे अपने जीवन का मक़सद बना लिया और ग्लैमर इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया। उन्होंने विधिपूर्वक बौद्ध धर्म अपनाया और बौद्ध भिक्षुक बन गयीं।
2015 में बरखा ने एक टीवी इंटरव्यू में बताया था-
”मुझे इस नए सफ़र (अध्यात्म) पर निकले हुए ढाई साल हो गये हैं और बौद्ध धर्म अपनाने के बाद मुझे लगा कि मैंने 10 साल देर कर दी। मैं अब बहुत ख़ुश और संतुष्ट हूं।”
आशिकी गर्ल अनु अग्रवाल ने एक भीषण एक्सीडेंट के बाद अपनी ज़िन्दगी को फिल्मी चकाचौंध से दूर ले गयी थीं और ख़ुद को योग के लिए समर्पित कर दिया था, जिसने उन्हें दूसरी ज़िंदगी दी। बिग बॉस में नजर आ चुकीं सोफिया हयात ने ग्लैमर को छोड़कर नन बनने का एलान किया था।