Heatstroke Causes: क्यों होता है हीट स्ट्रोक? एक्सपर्ट्स से जानें भीषण गर्मी से कैसे बचें

Heatstroke Causes: देश भर के कई इलाकों में गर्मी का पारा गंभीर रूप से बढ़ रहा है। देश की राजधानी दिल्ली का तापमान पिछले रविवार को 45 डिग्री तक पहुंच गया था। मौसम विभाग भी अगले कुछ दिनों के लिए लू की चेतावनी दे रहा है। ऐसे में हम सभी के लिए ज़रूरी हो जाता है कि हम अपना और अपने परिवार का पूरा ख्याल रखें।

उदाहरण के तौर पर बेहतर है कि दिन में 12 से 3 बजे तक घर से बाहर क़दम न रखें, क्योंकि इस वक्त धूप सबसे तेज़ होती है। सूरज से निकली गर्मी हमारी ऊर्जा को एकदम ख़त्म कर सकती है, जिसकी वजह से शरीर में पानी की कमी, सिर दर्द, हीट स्ट्रोक आदि आसानी से हो सकता है। तो ऐसे में आइए जानें कि हीट स्ट्रोक के लक्षण क्या हैं और यह क्यों होता है।

गर्मी से क्यों होता है हीट स्ट्रोक?

एमडी चेस्ट एंड ट्यूबरकुलोसिस, मासीना हॉस्पिटल में कंसल्टिंग चेस्ट फिज़िशियन, डॉ. सुलेमान लधानी का कहना है, “भीषण गर्मी और लू की वजह से स्वास्थ्य को कई तरह से नुकसान पहुंच सकता है। गर्मी के मौसम में अगर हेल्द को नज़रअंदाज़ किया जाए, तो हीट स्ट्रोक और हीट एक्सॉशन आसानी से परेशानी बढ़ा सकते हैं।” जब बात करते हैं हीट स्ट्रोक की, तो इसके पीछे कई कारण हैं:

1. जब शरीर का तापमान बढ़ जाता है

डॉ. सुलेमान लधानी ने बताया कि हीट स्ट्रोक तब होता है जब शरीर का तापमान बढ़कर 104 F डिग्री तक पहुंच जाता है। आमतौर पर छोटे बच्चे और उम्रदराज़ लोगों में इसका जोखिम ज़्यादा होता है, क्योंकि उनके लिए शरीर के तापमान को बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। एसी बस या ऑफिस से निकलकर अगर आप एकदम से गर्मी में कदम रखते हैं, तो शरीर के लिए इतनी जल्दी तापमान को मैनेज करना मुश्किल हो जाता है, जिससे हीटस्ट्रोक हो सकता है।

2. शरीर में पानी की कमी

हमारा शरीर 70 प्रतिशत पानी से बना होता है, ऐसे में अगर हम दिनभर में पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं, तो हमारे शरीर में इसकी कमी होने लगेगी। खासतौर पर अगर आप दिन के समय घर या ऑफिस से बाहर हैं।

3. सिर दर्द

इसी तरह अगर आप गर्मी के पीक समय में घर से बाहर तेज़ धूप में हैं, इससे कई बार हमारे शरीर में गर्मी पैदा होने लगती है, क्योंकि सूरज की किरणें सीधे तौर पर हमारे सिर पर पड़ती हैं। यही वजह है कि धूप में कई लोग सिर दर्द जैसी समस्या से जूझते हैं, लेकिन इससे हीट स्ट्रोक भी हो सकता है।

हीट स्ट्रोक के शुरुआती लक्षण

– चक्कर आना

– ब्लड प्रेशर का हाई या लो होना

– त्वचा का रूखा होना

– मतली और उल्टी होना

– बेहोशी होना

– सांसों का तेज़ हो जाना

– दिल की धड़कनों का बढ़ जाना

भीषण गर्मी से खुद को बचाने के लिए क्या कर सकते हैं? 

  • तेज़ धूप या गर्मी के पीक घंटों में घर से बाहर न निकलें। हमारे लिए यह समझना ज़रूरी है कि दिनभर में पर्याप्त पानी कितना महत्वपूर्ण है। अगर आप दिन भर खूब तरल पदार्थ का सेवन करेंगे तो आपका शरीर सही तरीके से काम कर सकेगा।
  • अगर आप घर से बाहर निकलें हैं, तो कोशिश करें कि सीधे धूप में न खड़ें हों, छांव ढूंढ़ें। पेड़ के नीचे खड़े हो सकते हैं।
  • दोपहर के समय लंबी दूर का सफर तय न करें।
  • बाहर का खाना न खाएं, हेवी डाइट या फिर प्रोटीन डाइट न लें। कोशिश करें कि छोटे और दिन में कई मील्स लें।
  • चाय या कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स और शराब जैसी डिंक्स से दूर रहें।
  • ढीले और हल्के कपड़े पहनें
  • खुद को सनबर्न से बचाएं। रोज़ाना सनस्क्रीन ज़रूर पहनें। आंखों की सुरक्षा के लिए सनग्लासेज़ पहनें।
  • इस मौसम में छोटे बच्चों और बुज़ुर्गों का खास तौर पर ध्यान रखें। उनको पीक समय में घर से बाहर न निकालें।
  • अगर आप दिनभर में गर्मी के ज़्यादा संपर्क में आते हैं, तो दिन में दो-तीन बार नहाएं। इससे स्किन इंफेक्शन नहीं होंगे।
  • दिन के समय एक्सरसाइज़ न करें। बेहतर है कि घर के अंदर ही वर्कआउट कर लें या फिर सुबह जल्दी और देर शाम को करें।

मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल में पल्मोनोलॉजी एंड क्रिटिकल केयर के सीनियर कंसल्टेंट, डॉ. हरीश चाफले का कहना है:

  • कोशिश करें कि आप एयर-कंडिशन्ड जगहों के आसपास ही रहें। अगर आप जहां रहते हैं, वहां कूलर या एसी नहीं है, तो दिन के समय मॉल, लाइब्रेरी जैसी जगहों पर बिताएं, जहां ठंडक होती हो। शाम को वापस घर लौट सकते हैं।
  • बच्चों को कार में लेकर न निकलें क्योंकि तीव्र गर्मी में गाड़ी तेज़ी से गर्म हो जाती है। फिर चाहे आप खिड़कियों को भी क्यों न खोल लें। कार पार्क करते वक्त भी किसी को उसमें न छोड़ें, खासतौर पर बच्चों और पालतू जानवरों को, इससे उनमें हीट स्ट्रोक का ख़तरा बढ़ सकता है।