Taj Mahal News: अदालत ने कहा की पहले एम. ए करके आओ

उत्तर प्रदेश स्थित आगरा में ताजमहल के 22 कमरों को खोले जाने की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई। बेंच ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि जाइए एमए कीजिए। बेंच ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वह अपनी याचिका तक ही सीमित रहें।

आपको बता दें कि हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर कर आगरा के ताजमहल के बंद पड़े 22 कमरों को खुलवाने की मांग की गई थी। इस याचिका पर गुरुवार को लखनऊ बेंच में जस्टिस डीके उपाध्याय और सुभाष विद्यार्थी की बेंच ने मामले की सुनवाई की। अदालत में सुनवाई में याचिकाकर्ता रजनीश सिंह के वकील ने कहा कि देश के नागरिकों को ताजमहल के बारे में सच जानने की जरूरत है। और इस बाबत वह आरटीआई भी लगा चुका है। वह जानना चाहता है कि 22 कमरे किस वजह से बंद है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि अगर कोई चीज ताजमहल में छिपाई गई है तो उसकी जानकारी जनता को होनी चाहिए। याची के वकील ने कहा कि मैंने औरंगजेब की एक चिट्ठी देखी है जो उसने अपने अब्बा को लिखी थी। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता अपनी याचिका तक ही सीमित रहे। आप दरवाजे खोलने के लिए आदेश मांग रहे हैं। आप एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की मांग कर रहे हैं।

इसके जवाब में यूपी सरकार के वकील ने कहा कि इस मामले में आगरा में पहले से ही मुकदमा दर्ज है और याचिकाकर्ता का इस पर कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। वहीं याचिकाकर्ता ने कहा कि वह इस तथ्य पर बात ही नहीं कर रहा कि वह जमीन भगवान शिव से जुड़ी है या अल्लाह से। उसका मकसद वो बंद कमरें हैं और हम सभी को जानना चाहिए कि आखिर उन कमरों के पीछे क्या है।

बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि जाइए एमए करिए और उसके बाद ऐसा विषय चुनिए। अगर कोई संस्थान आपको रोकता है तो हमारे पास आइए। अदालत ने पूछा कि आप किससे सूचना मांग रहे हैं? हालांकि इस मामले में याचिका ने कोर्ट से समय मांगा तो उसे तथ्य उपलब्ध कराने के लिए दोपहर दो बजे तक का समय दिया गया है।