उत्‍तर प्रदेश में 75,000 करोड़ की 1,500 निवेश परियोजनाओं की रखी जाएगी नींव, हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

उत्तर प्रदेश की सत्‍ता में लगातार दूसरी बार काबिज होने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ही योगी आदित्यनाथ ने अपने इरादे तथा वरीयता को जाहिर कर दिया था। इसी के तहत अब वो प्रदेश में हजारों करोड़ के न‍िवेश के जर‍िए व‍िकास की नई इबारत ल‍िखने की तैयारी में हैं।

राज्य सरकार को प्राप्त हुए निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए तीन जून को आयोजित किये जाने वाले शिलान्यास समारोह में 75,000 करोड़ रुपये से अधिक की 1,500 निवेश परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी। इनमें से 21,000 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाएं सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) और इलेक्ट्रानिक क्षेत्रों की हैं। योगी सरकार के अब तक के कार्यकाल का यह तीसरा शिलान्यास समारोह होगा।

तीसरे शिलान्यास समारोह के माध्यम से सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र में 3586 करोड़ रुपये के निवेश से 865 औद्योगिक इकाइयों को जमीन पर उतारने की प्रक्रिया शुरू होगी। एमएसएमई क्षेत्र की इन परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश में रोजगार के 48,766 अवसर सृजित होंगे।

 

इनमें से सबसे ज्यादा 283 एमएसएमई इकाइयां मेरठ में स्थापित की जाएंगी। इन इकाइयों में 702 करोड़ रुपये का निवेश होगा और 13,985 रोजगार के अवसर पैदा होंगे। अयोध्या में 915 करोड़ रुपये के निवेश से 128 एमएसएमई इकाइयां स्थापित की जाएंगी जिनमें 5991 से अधिक रोजगार सृजित होंगे।

इस मौके पर जिन अन्य प्रमुख परियोजनाओं का शिलान्यास होना है उनमें अडानी और हीरानंदानी समूहों की क्रमश: 4,900 करोड़ रुपये और 9,100 करोड़ रुपये की डाटा सेंटर परियोजनाएं और माइक्रोसाफ्ट का 2,100 करोड़ रुपये का साफ्टवेयर सेंटर शामिल हैं।

 

इनके अलावा डालमिया समूह की ओर से मीरजापुर 600 करोड़ रुपये की लागत से सीमेंट प्लांट और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के डिटर्जेंट प्लांट पर भी काम शुरू होगा। कपड़ा, पर्यटन, ऊर्जा, खाद्य प्रसंस्करण और फार्मा क्षेत्र की कई अन्य परियोजनाओं का भी शिलान्यास होगा।