Coronavirus: भारत में भी आया ओमिक्रॉन BA.4 और BA.5, जानें कितने ख़तरनाक हैं ये दोनों सब-वेरिएंट्स?

 ओमिक्रॉन के BA.4 और BA.5 दोनों वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका की 5वीं कोविड-19 लहर से जुड़े हैं और हाल ही में अमेरिका और यूरोप ने भी रिपोर्ट किया है। भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने रविवार को देश में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट BA.4 और BA.5 की पुष्टि की – पहला मामला तमिलनाडु में, तो दूसरा तेलंगाना में आया है।

यूरोपियन सेंटर फॉर डिज़ीज़ प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ECDC) ने पिछले हफ्ते BA.4 और BA.5 ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट को चिंता का वेरिएंट (VOC) बताया और कहा कि वे संक्रमण में 12% से 13% की वृद्धि कर सकते हैं। यह दोनों तेज़ी से फैलने वाले ओमिक्रॉन वेरिएंट के सब-वेरिएंट हैं, जिसके कारण इस साल की शुरुआत में देश में कोविड की तीसरी लहर आई थी। दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों द्वारा खोजे गए नएओमिक्रॉन सबलाइनेज, संभावित संक्रमणों से टीके और प्राकृतिक प्रतिरक्षा से बचने में सक्षम हैं।

दक्षिण अफ्रीका स्थित सेंटर फॉर एपिडेमिक रिस्पॉन्स एंड इनोवेशन (सेरी)के निदेशक टुलिया डी ओलिवेरा का कहना है कि बीए.4 और बीए.5 में भी ठीक बीए.2 जैसे तेज़ी से फैलने वाले गुण हैं। ओलिवेरा का कहना है कि इन नए सब-वेरिएंट्स में मौजूद स्पाइक प्रोटीन में से एक डेल्टा, कप्पा और एप्सीलोन नाम के वेरिएंट्स में भी मौजूद था।

WHO ने साल की शुरुआत से ही बीए.4 और बीए.5 को ट्रैक करना शुरू कर दिया था क्योंकि उनमें हुए अतिरिक्त म्यूटेशन को समझने के लिए और अध्ययन की ज़रूरत थी। ये पता लगाने के लिए भी शोध ज़रूरी था कि इनका इंसानी शरीर पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।

एक अन्य अध्ययन में कहा गया है कि ओमिक्रॉन BA.1 संक्रमण से उत्पन्न हुईं एंटीबॉडीज़ का BA.4 और BA.5 के खिलाफ काम करने की संभावना कम होती है। अध्ययन में पाया गया कि ओमिक्रॉन BA.1 वेरिएंट से इम्युनिटी नए ओमिक्रॉन BA.4 और BA.5 वेरिएंट के साथ लगभग 7.5 गुना कम हो जाती है।

कई अध्ययनों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि प्रतिरक्षा को चकमा देने में ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट पुराने वेरिएंट्स से बेहतर हैं।

एनआईसीडी, दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञों का कहना है कि बीए.4 और बीए.5 वेरिएंट्स के संक्रमण के कुछ अलग लक्षण सामने नहीं आए हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि क्योंकि ये दोनों ओमिक्रॉन से ही उत्पन्न हुए हैं, इसलिए इनके लक्षण भी ओमिक्रॉन के बाकी वेरिएंट्स की तरह के ही होंगे।

आपको बता दें कि कोरोना वायरस के अलग-अलग वेरिएंट्स में अलग-अलग लक्षण देखने को मिले हैं। डेल्टा लहर के समय लोगों में स्वाद और सुगंध की हानी देखी गई थी, तो ओमिक्रॉन के समय गले में खराश आम लक्षण बन गया था।