DDA Flat News: नियमों पर खरे नहीं उतरे डीडीए के फ्लैट, 5 योजनाओं के फ्लॉप होने की सामने आई बड़ी वजह

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के फ्लैट दिल्लीवासियों को तो लुभाने में नाकाम हो रही रहे हैं, रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) के नियमों पर भी खरे नहीं उतर रहे। यही वजह है कि तमाम कोशिशों के बावजूद डीडीए का कोई भी हाउसिंग प्रोजेक्ट रेरा से पंजीकृत नहीं हो पाया है। हालांकि डीडीए की कोशिशें जारी हैं।

रेरा दिल्ली में अपने हाउसिंग प्रोजेक्ट को पंजीकृत करवाने की प्रक्रिया डीडीए ने वर्ष 2019 में शुरू की थी। इसके बाद से अब तक डीडीए पांच हाउसिंग योजनाएं ला चुका है, लेकिन इनमें से कोई योजना रेरा में पंजीकृत नहीं हो सकी। नियमानुसार सभी बिल्डरों और सरकारी एजेंसियों को अपने रिहायशी प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी रेरा को देनी होती है और उसमें पंजीकरण भी करवाना होता है।

बताया जाता है कि इस समय भी डीडीए के एक दर्जन से अधिक प्रोजेक्ट रेरा के पास पंजीकरण के लिए लंबित हैं। पिछले साल 20 दिसंबर को हुई एक सुनवाई में डीडीए के 14 लंबित मामलों के आवेदन को रेरा ने अस्वीकृत भी कर दिया था।

वहीं, अधिकारियों का कहना था कि डीडीए सरकारी एजेंसी है और इसके सभी प्रोजेक्ट में अपना ही पैसा लगा होता है। पंजीकरण की अनिवार्यता वहां होनी चाहिए, जहां बिल्डर फ्लैट बुक करके अग्रिम पैसा लेते हैं। हालांकि, रेरा इस तर्क से सहमत नहीं हुआ।

पंजीकरण में गतिरोध

बताया जाता है कि डीडीए की ओर से लागत की सही जानकारी नहीं दी गई। कुछ प्रोजेक्ट में स्वीकृत प्लान नहीं है। इंश्योरेंस पालिसी को लेकर भी डीडीए ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया है, वहीं कुछ फाइलों में पैन कार्ड की डिटेल नहीं है। डीडीए ने एक मई, 2016 से चल रहे प्रोजेक्ट और शुरू होने वाले प्रोजेक्ट की जानकारी भी नहीं दी। निर्माण पूरा होने को लेकर भी डीडीए ने फार्म ए और फार्म बी में अलग-अलग जानकारी दी है।