मणिपुर की सरकार ने दुष्कर्म और हत्या के मामले में आरोप से बरी हुए एक शख्स को सरकारी नौकरी देने की बात कही है। इस शख्स को साल 2013 में एक रिसर्च स्टूडेंट के साथ दुष्कर्म करने और हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने सोमवार को उसे निर्दोष करार दिया। कोर्ट के फैसले के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा, ‘शख्स को सरकारी नौकरी दी जाएगी। मुझे पता चला कि निर्दोष होने के बावजूद उसे आठ साल की जेल की सजा काटनी पड़ी और उसके घर को एक भीड़ ने जला दिया था।’ सोमवार को, मुख्यमंत्री ने तौडम जिबल सिंह से मुलाकात भी की।
मुख्यमंत्री ने जिबल और उसके परिवार को न्याय का आश्वासन दिया। साथ एक घर बनाने और वन विभाग में सरकारी नौकरी प्रदान करने का वादा किया, जहां उसके पिता ने वन रक्षक के रूप में काम किया था। इंफाल ईस्ट सेशन कोर्ट के जज एम. मनोज कुमार ने उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से जिबल को बरी कर दिया और उन्हें जेल से रिहा करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने इस दौरान कहा कि अभियोजन पक्ष आपराधिक साजिश रचने के लिए जिबल के खिलाफ पर्याप्त सबूत देने में विफल रहा है। वहीं दो अन्य आरोपियों 28 साल के क्षत्रिमयम् बीजु मेइति उर्फ हॉलेंड्रो और तिजम थिसुख उर्फ जेम्स बॉन्ड को दोषी ठहराया।