झांसी के गोकुलपुरी कॉलोनी में 4 दिन पहले बालू में दबी मिली महिला के शव की गुरुवार रात को शिनाख्त हो गई। वह इटावा के नंगलाहर गांव की रहने वाली है और डेढ़ साल से उसका पति से विवाद चल रहा है। वह आगरा से लापता हुई थी। पहचान होने के बाद पुलिस ने डीएम की परमिशन लेकर देर रात दो डॉक्टरों के बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम करवाया। रात को ही झांसी में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
डेढ़ साल से मायके में रह रही थी
इटावा के नंगलाहर गांव निवासी आरती यादव पुत्री ज्ञान सिंह की शादी करीब 5 साल पहले पास के गांव नंगलासबी निवासी अर्जुन से हुई थी। भाई ने बताया कि आरती का पति से विवाद चल रहा है। कोर्ट में तलाक का केस पेंडिंग है। आरती करीब डेढ़ साल से अपने पिता के पास रह रही थी। उसका 3 साल का बेटा भी उसके साथ रह रहा था।
भाई के साथ आ गई थी आगरा
आरती का भाई शिवपाल आगरा में फैक्ट्री में काम करता है और वहीं परिवार के साथ रहता है। भाई ने बताया कि पिछले दिनों शिवपाल घर आया था। तब आरती उसके साथ आगरा चली गई थी। बेटे को पिता के पास ही छोड़ गई थी।
17 जुलाई को आरती भाई के घर से मंदिर जाने के लिए निकली थी। इसके बाद लौटकर नहीं आई। 18 जुलाई को आरती का शव प्रेम नगर थाना क्षेत्र के गोकुलपुरी कॉलोनी में बालू के ढेर में दबा मिला था। फोटो देखकर परिजन गुरुवार को झांसी पहुंचे और शव की पहचान की।
झांसी का टिकट मिला, क्यों आई, जांच शुरू
शव की पहचान होने पर पुलिस ने डीएम की परमिशन से रात को ही शव का पोस्टमार्टम करवाया। पोस्टमार्टम के दौरान आरती के पास से आगरा से झांसी तक का टिकट मिला। वह झांसी क्यों आई, इसकी पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। डेडवॉडी डी-कंपोज हो गई थी, इसलिए मौत के कारणों का भी पता नहीं चल पाया। बिसरा रखवाया गया है। 6 भाइयों में आरती इकलौती बहन थी और सबसे छोटी थी।