इस साल की शुरुआत से ही सूर्य पर विस्फोट होने की घटनाएं बढ़ गई हैं। गुरुवार को भी एक बड़ा धमाका हुआ और सुनामी आई। इसका असर शनिवार को पृथ्वी पर दिखाई दे सकता है। सूरज से निकलने वाली सोलर विंड धरती की मैग्नेटिक फील्ड को डिस्टर्ब कर सकती है। यह जानकारी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) कोलकाता ने दी है।
सोलर स्टॉर्म क्या है?
सोलर स्टॉर्म (सौर तूफान) सूरज से निकलने वाला ऐसा रेडिएशन है जो पूरे सौरमंडल को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। यह धरती की मैग्नेटिक फील्ड पर असर करने वाली आपदा है। इससे पृथ्वी के आसपास के वातावरण की ऊर्जा पर भी असर पड़ता है।
रफ्तार बेहद तेज
जानकारी के मुताबिक, सूर्य से धरती की ओर बढ़ रहे सोलर स्टॉर्म की रफ्तार 38,26,800 किलोमीटर प्रति घंटा है। IISER का कहना है कि अभी सूर्य पर AR13056 और AR13057 नाम की दो जगहों पर खलबली है। वहीं, अमेरिका की नेशनल सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी की मानें तो AR3060 नाम के सन स्पॉट पर 21 जुलाई को एक धमाका हुआ है, जिससे वहां सोलर सुनामी भी आई है।
NOAA ने जारी किया अलर्ट
सोलर स्टॉर्म के लिए नेशनल ओशिएनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने चेतावनी दी है। एजेंसी के मुताबिक, पृथ्वी पर G1, G2 और G3 कैटेगरी का स्टॉर्म आ सकता है। ये कमजोर, मीडियम और स्ट्रॉन्ग कैटेगरी के तूफान होते हैं। इस लेवल का तूफान G5 जितना भयानक तो नहीं होता, लेकिन फिर भी काफी हद तक डैमेज कर सकता है।
दुनिया में रेडियो ब्लैकआउट की संभावना
वैज्ञानिकों का कहना है कि शनिवार को सोलर स्टॉर्म के पृथ्वी से टकराने के बाद दुनिया में रेडियो ब्लैकआउट की स्थिति पैदा हो सकती है। साथ ही GPS सिस्टम और वायरलेस इक्युपमेंट्स भी प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, इससे मोबाइल नेटवर्क, इंटरनेट और बिजली की सुविधाओं पर कोई असर नहीं होगा। आसमान में चमकती हुई लाइट भी देखने को मिल सकती है।