रेवाड़ी में डेंगू के 2 मरीज मिले:मलेरिया से 2 संक्रमित; 20 से ज्यादा जगह लारवा; रोजाना OPD में आ रहे 1500 मरीज

हरियाणा के रेवाड़ी जिले में डेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ गया है। पिछले कुछ दिन में डेंगू के 2 केस मिल चुके हैं। मलेरिया के भी 2 संक्रमित मिले है। वहीं शहर में ही 20 से ज्यादा जगह डेंगू मच्छर के लारवा मिल चुके हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अभी डेंगू से निपटने के लिए कोई खास इंतजाम नहीं किए गए हैं। नागरिक अस्पताल में जरूर डेंगू के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है, लेकिन धरातल पर कोई इंतजाम नहीं है।

दरअसल, कुछ दिन पहले रेवाड़ी शहर के सेक्टर-3 का एक शख्स डेंगू पॉजिटिव मिला था। मंगलवार को नया केस धारूहेड़ा में मिला है। दो लोगों को मलेरिया होने की भी पुष्टि हो चुकी है। वहीं नागरिक अस्पताल में रोजाना होने वाली ओपीडी बढ़कर 1500 के पार हो चुकी है। विभाग के साथ विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर अभी तक 150 से ज्यादा लोगों के ब्लड सैंपल लेकर मलेरिया और डेंगू की जांच की जा चुकी है। लोगों को सतर्क किया जा रहा है।

नजर अंदाज करना पड़ सकता भारी

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने डेंगू और मलेरिया के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करने और बरसात के मौसम में सावधानी बरतने की सलाह दी है। मलेरिया के लक्षण मादा मच्छरों के काटने के 6 से 8 दिन बाद शुरू होते हैं। इसमें ठंड लगकर बुखार का आना और बुखार के ठीक होने पर पसीना आना, थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पेट की परेशानी, उल्टियां होना, बेहोशी आना, एनीमिया, त्वचा की पीली रंग की विकृति आदि लक्षण महसूस हो तो जांच कराना बेहतर है।

बचाव ही जरूरी और एकमात्र उपाय

शहर के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. हेमेश्वर गुप्ता ने बताया कि बरसात के मौसम में बहुत सी बीमारियां फैलने लगती हैं, उनमें से एक डेंगू भी है। डेंगू मच्छर के काटने से होता है, इसलिए अपने घर के आसपास गंदे पानी को जमा न होने दें। साफ-सफाई का अधिक ध्यान रखें। डेंगू का सही समय पर उपचार करना बहुत जरूरी है, क्योंकि उचित समय पर रोकथाम न करने पर व्यक्ति का स्वास्थ्य और खराब हो सकता है। कुछ लोगों में डेंगू का अधिक प्रभाव होने के कारण उनकी मृत्यु हो जाती है।

साफ-सफाई पर ध्यान दें: नोडल अधिकारी

SMO और मलेरिया के नोडल अधिकारी डॉ. विजय प्रकाश ने कहा कि लोगों को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पानी जमा नहीं होने दें, पूरी बाजू के कपड़े पहनें, घर और प्रतिष्ठानों के मुख्य द्वार और खिड़कियों पर जाली लगवाएं, सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करें। स्वास्थ्य विभाग के पास जांच और उपचार की पूरी व्यवस्था है, जहां मलेरिया, डेंगू के मामले आ रहे हैं। वहां दवा का छिड़काव किया जा रहा है।