दुनिया के सबसे शक्तिशाली जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप के एक पार्ट में तकनीकी खराबी आ गई है। इस डिवाइस का नाम मिड-इन्फ्रारेड इंस्ट्रूमेंट (MIRI) है। धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित टेलिस्कोप पिछले साल 25 दिसंबर को लॉन्च हुआ था, जिसके बाद से ही वह वैज्ञानिकों की अंतरिक्ष के रहस्य जानने में मदद कर रहा है। अब इसकी तकनीकी समस्या को सुधारने के लिए अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने समीक्षा बोर्ड का गठन किया है।
पहले जान लें, MIRI इंस्ट्रूमेंट क्या है?
MIRI इंस्ट्रूमेंट असल में एक कैमरा और स्पेक्ट्रोग्राफ है। इसकी मदद से जेम्स वेब टेलिस्कोप 5 से 27 माइक्रोमीटर की वेवलेंथ रेंज देखने में सक्षम होता है। MIRI के चार ऑब्जर्विंग मोड हैं। इनमें इमेजिंग, लो रिजोल्यूशन स्पेक्ट्रोस्कोपी, मीडियम रिजोल्यूशन स्पेक्ट्रोस्कोपी और कोरोनाग्राफिक इमेजिंग शामिल हैं।
इंस्ट्रूमेंट में क्या खराबी आई?
नासा के अनुसार, MIRI के मीडियम रिजोल्यूशन स्पेक्ट्रोस्कोपी में टेक्निकल ग्लिच आया है। 24 अगस्त को एक साइंस ऑब्जर्वेशन के दौरान इसे सपोर्ट करने वाले एक मैकेनिज्म में जरूरत से ज्यादा फ्रिक्शन (घर्षण) पाया गया। यह मैकेनिज्म एक तरह का पहिया है, जिसके जरिए वैज्ञानिक अपनी ऑब्जर्वेशन के दौरान छोटी, मध्य और लंबी वेवलेंथ का चुनाव कर पाते हैं।
इस समस्या को पहचानने के बाद वैज्ञानिकों ने समाधान के लिए 6 सितंबर को समीक्षा बोर्ड का गठन किया। प्रॉब्लम फिक्स होने तक रिसर्चर्स टेलिस्कोप में मीडियम रिजोल्यूशन स्पेक्ट्रोस्कोपी मोड का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। हालांकि बाकी सभी ऑब्जर्विंग मोड पहले की तरह ही काम कर रहे हैं।
इससे पहले भी आ चुकी खराबी
यह पहली बार नहीं है जब 1,000 करोड़ रुपए (10 बिलियन डॉलर्स) में बने जेम्स वेब टेलिस्कोप के किसी हिस्से में तकनीकी खराबी आई है। इसी साल मई में अंतरिक्ष में मौजूद 19 छोटे पत्थरों ने टेलिस्कोप के 18 में से एक आइने को नुकसान पहुंचाया था। हालांकि उसके बाद भी टेलिस्कोप के जरिए खींची गई अंतरिक्ष की अद्भुत तस्वीरों की क्वालिटी उम्मीद से बेहतर है।