वर्ल्ड कप से पहले पर्थ को बेस बनाएगी टीम इंडिया:वार्मअप से पहले प्रैक्टिस मैच खेलेगी, ताकि खिलाड़ी बाउंस और स्पीड फ्रेंडली हो जाएं

टीम इंडिया टी-20 वर्ल्ड कप की तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। ऑस्ट्रेलिया में 16 अक्टूबर से शुरू हो रहे इस टूर्नामेंट से पहले टीम पर्थ में प्रैक्टिस करेगी। टीम इंडिया ने पर्थ को अपना बेस बनाएगी। इसके लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने अपनी सहमति दे दी है। BCCI प्रसिडेंट सौरव गांगुली ने कहा है कि वे वहां वर्ल्ड कप से दो या ढाई हफ्ते पहले पहुंच जाएंगे। वे पार्थ में ट्रेनिंग और प्रैक्टिस करेंगे। इतना ही नहीं, वे वहां कुछ प्रैक्टिस मैच भी खेलेंगे।

टीम के कोच राहुल द्राविड़ ने BCCI से वहां कुछ और प्रैक्टिस मैच अरेंज करने की मांग की थी। बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा है कि हम कुछ टीमों से बात कर रहे हैं, जो वार्मअप मैचों से पहले टीम से प्रैक्टिस मैच खेल सकें। बता दें कि टीम इंडिया ने नेट बॉलर और स्टैंड बाय खिलाड़ियों को साथ ले जाने का फैसला किया है।

साउथ अफ्रीका के साथ आखिरी टी-20 खेलने के बाद रवाना हो जाएगी टीम इंडिया
भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के बाद साउथ अफ्रीका के साथ ही घर में तीन टी-20 मैचों की सीरीज खेलनी है। सीरीज का आखिरी मैच 4 अक्टूबर को इंदौर में खेला जाना है। उसके बाद भारतीय टीम 5 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होगी। पहले टीम की योजना 9 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया जाने की थी।

पर्थ को बेस क्यों बनाया…?
पर्थ को बेस बनाने की सबसे बड़ी वजह वहां की पिच का बाउंसी होना है। ऐसे में टीम इंडिया पर्थ प्रैक्टिस कर बाउंस और स्पीड फ्रेंडली होना चाहेगी, ताकि बल्लेबाज वर्ल्ड कप में तेज गेंदबाजों का आसानी से सामना कर सकें।

ग्राउंड और पिच कंडीशन: ऑस्ट्रेलिया में दूसरी पारी में गेंदबाजी-फील्डिंग आसान
ऑस्ट्रेलिया की अधिकांश पिच तेज गेंदबाजों के लिए मददगार होती है। वहीं दूसरी पारी में गेंदबाजी और फील्डिंग आसान हो जाती है।

अब पढ़ें ऑस्ट्रेलियाई पिचों का नेचर
भास्कर ने ऑस्ट्रेलियाई पिचों का नेचर जानने के लिए ऑस्ट्रेलिया में हुए 54 टी-20 मैचों का एनालिसिस किया। हमने 3 फैक्टर्स के आधार पर रिजल्ट निकाले। आइए जानते हैं…
1. रनरेट: ऑस्ट्रेलिया में अब तक 54 टी-20 इंटरनेशनल मैच हुए हैं वहां 7.91 रन प्रति ओवर की दर से रन बनते हैं।
2. बैटिंग: ऑस्ट्रेलिया में 54 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में बल्लेबाजों ने 63 बार फिफ्टी प्लस का स्कोर बनाया है। इनमें तीन शतक और 60 अर्धशतक शामिल हैं। यानी वहां एक मैच में औसतन 1.16 बार ही बल्लेबाज फिफ्टी प्लस स्कोर बनाते हैं।
3. बॉलिंग: ऑस्ट्रेलिया में 54 मैचों में 601 विकेट गेंदबाजों ने लिए हैं। यानी हर मैच में करीब 11.13 विकेट गेंदबाज लेते हैं। यानी ऑस्ट्रेलिया में हर टी-20 इंटरनेशनल में भारत की तुलना में 5% ज्यादा विकेट गिरते हैं।