6 साल में तेजी से घटा बाल मृत्यु दर:रिपोर्ट में खुलासा- 2014 में हर 1000 बच्चों पर 39 मौतें, तो 2020 में 28 मौतें हुईं

भारत ने बाल मृत्यु दर में कमी लाने में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। गुरुवार को रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) की तरफ से जारी की गई सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) स्टैटिस्टिकल रिपोर्ट 2020 के मुताबिक 2019 में प्रति 1000 जीवित जन्मों पर 30 मौतें हुईं, जबकि 2020 में यह आंकड़ा घटकर 28 मौतों पर आ गया। 2014 में मौतों की संख्या 39 थी।

देश में एक साल से कम उम्र के शिशुओं की मृत्यु दर (IMR), 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR) और नवजात मृत्यु दर (NMR) में साल 2014 से भारी गिरावट दर्ज की गई है। नई SRS रिपोर्ट 2019 और 2020 के आंकड़ों में अंतर बताती है।

क्या कहते हैं रिपोर्ट के ट्रेंड्स?

U5MR की बात करें तो इसमें एक साल में 3 पॉइंट्स की गिरावट आई है। जहां 2019 में हर 1000 जीवित जन्मों पर 35 बच्चों की मौत हुई, तो वहीं 2020 में हर 1000 जीवित जन्मों पर 32 बच्चों की मौत हुई। यह आंकड़ा ग्रामीण इलाकों में 36 और शहरी इलाकों में 21 रिकॉर्ड किया गया। मृत्यु दर में सालाना गिरावट दर 8.6% दर्ज की गई।

5 साल से कम उम्र की लड़कियों की मृत्यु दर (33) लड़कों की मृत्यु दर (31) के मुकाबले ज्यादा है। एक साल में मेल U5MR में 4 पॉइंट्स की गिरावट आई और फीमेल U5MR में 3 पॉइंट्स की गिरावट आई। राज्यों की बात करें तो U5MR में सबसे ज्यादा 5 पॉइंट्स की गिरावट उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में देखी गई है।

IMR के आंकड़ों पर नजर डालें तो एक साल में 2 पॉइंट्स की गिरावट आई। 2019 में हर 1000 जीवित जन्मों पर 30 शिशुओं की मौत हुई और 2020 में 28 शिशुओं की जान गई। NMR का डेटा देखें तो इसमें भी 2 पॉइंट्स की गिरावट आई। 2019 में प्रति जीवित जन्मों पर 22 नवजातों की मौत हुई और 2020 में 20 नवजातों ने जान गंवाई।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दी बधाई

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर देश के सभी हेल्थ वर्कर्स, केयरगिवर्स और कम्यूनिटी मेंबर्स को बाल मृत्यु दर कम होने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत का टारगेट 2030 तक संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को पूरा करना है और यह कामयाबी उसी की ओर एक बड़ा कदम है। केंद्र और राज्य सरकारों की पार्टनरशिप से हम बाल मृत्यु दर को और कम कर सकेंगे।

SRS रिपोर्ट की मानें तो अब तक केरल (4), दिल्ली (9), तमिलनाडु (9), महाराष्ट्र (11), जम्मू-कश्मीर (12) और पंजाब (12) SDG टारगेट के अनुसार NMR (<=12) कम करने में कामयाब रहे हैं। वहीं केरल (8), तमिलनाडु (13), दिल्ली (14), महाराष्ट्र (!8), जम्मू-कश्मीर (17), कर्नाटक (21), पंजाब (22), पश्चिम बंगाल (22), तेलंगाना (23), हिमाचल प्रदेश (24) और गुजरात (24) SDG टारगेट के अनुसार U5MR (<=25) घटाने में सफल हुए हैं।