PAK महिला पत्रकार की मौत:लॉन्ग मार्च कवर करते वक्त इमरान के कंटेनर ने कुचला, 24 घंटे पहले खान का इंटरव्यू किया था

शाहबाज शरीफ सरकार से इस्तीफे की मांग को लेकर लॉन्ग मार्च पर निकले पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के काफिले ने रविवार को एक महिला पत्रकार की जान ले ली। वुमन जर्नलिस्ट का नाम सदफ नईम है। सदफ चैनल 5 की रिपोर्टर थीं और खान का लॉन्ग मार्च कर रहीं थीं। उन्होंने महज एक दिन पहले इमरान का इंटरव्यू भी लिया था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सदफ इमरान के कंटेनर पर ही सवार थीं। वहां मौजूद लोगों में से किसी ने उन्हें धक्का दिया और सदफ कंटेनर से नीच गिर गईं। इसी दौरान कंटेनर का पहिया उनकी गर्दन के ऊपर से निकल गया। नईम की मौके पर ही मौत हो गई।

पहले जानिए घटना कैसे हुई

  • इमरान ने शुक्रवार को लाहौर से लॉन्ग मार्च शुरू किया था। वो 4 नवंबर को इस्लामाबाद पहुंचेंगे और वहां बेमियादी धरना देंगे। खान की मांग है कि शाहबाज शरीफ प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दें और देश में फौरन जनरल इलेक्शन कराए जाएं।
  • ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक, रविवार को इमरान का काफिला गुजरांवाला के करीब कामोकी पहुंचा था। इमरान जिस कंटेनर पर सवार हैं, उस पर कुछ जर्नलिस्ट भी मौजूद हैं। सदफ नईम इनमें से एक थीं।
  • रिपोर्ट के मुताबिक, सदफ को कंटेनर पर मौजूद किसी शख्स ने धक्का दिया और वो जमीन पर आ गिरीं। इसी दौरान कंटेनर का पहिया उनकी गर्दन के ऊपर से गुजर गया। शोरगुल इतना था कि उनके गिरने की चीख भी ज्यादा सुनाई नहीं दी। इसके फुटेज भी सामने आए हैं। कुछ खबरों में कहा गया है कि सदफ इमरान के कंटेनर के बगल में चल रही दूसरी गाड़ी पर सवार थीं।

एक दिन के लिए मार्च रुका

  • घटना के बाद इमरान खान ने एक दिन के लिए मार्च रोकने का ऐलान किया। उन्होंने सदफ को बहादुर और अच्छा जर्नलिस्ट बताया। खान ने कहा- मैं इस हादसे से बहुत दुखी हूं। एक दिन के लिए मार्च रोक रहा हूं।
  • सदफ ने शनिवार रात ही इमरान खान का खास इंटरव्यू किया था और इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर भी किया था। लाहौर पुलिस ने कहा है कि वो इस मामले की जांच कर रही है।
  • प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भी हादसे पर दुख जताया। कहा- मैं सदफ के परिवार के लिए भी बहुत परेशान हूं। हमारी सरकार उनकी फैमिली की मदद करेगी। सदफ का कॅरियर छोटा भले ही रहा हो, लेकिन उन्हें नॉलेज बहुत था।
  • मुश्किल में शाहबाज सरकार

    • इमरान के लॉन्ग मार्च से शाहबाज शरीफ सरकार फंस गई है। 28 अक्टूबर से शुरू हुआ यह मार्च बेमियादी रहेगा। नवंबर के पहले हफ्ते में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पाकिस्तान दौरे पर आने वाले हैं। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के खराब हालात देखते हुए सलमान यह दौरा रद्द कर सकते हैं। इसका ठीकरा इमरान के सिर ही फूटने वाला है।
    • इसके अलावा शाहबाज खुद 1 नवंबर को चीन की विजिट पर जा रहे हैं। मुल्क में सियासी अफरातफरी के हालात में चीन अब पाकिस्तान की कितनी मदद करेगा, यह देखने वाली बात होगी।
    • पाकिस्तान के अखबार ‘द डॉन’ के मुताबिक- इमरान की वजह से जो हालात बन रहे हैं, उससे दूसरे देश पाकिस्तान से दूरी बना सकते हैं। इसका सबसे बड़ा असर बाढ़ पीड़ित पाकिस्तानियों पर पड़ेगा। अगर यहां यही माहौल रहा तो दूसरे देश भी मदद से दूर भागेंगे। शायद यही वजह है कि लॉन्ग मार्च पर रोक लगाने के लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट तक गई, लेकिन उसने भी हाथ खींच लिए। इस मार्च के दौरान हिंसा की भी आशंका है।
    • 7 महीने में दूसरा लॉन्ग मार्च
      मई में भी इमरान ने लॉन्ग मार्च निकाला था और उस दौरान जबरदस्त हिंसा हुई थी। उस मार्च का ऐलान करते वक्त खान ने कहा था- मैं साफ कर देना चाहता हूं कि मैं सियासत नहीं, जिहाद करने के लिए निकला हूं। सरकार को 6 दिन का वक्त दिया है। अगर उन्होंने चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया तो हम फिर इस्लामाबाद पहुंचेंगे और इस बार तब तक नहीं लौटेंगे, जब तक चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हो जाता।

      इस मार्च में लोग नहीं जुटे तो खान ने इसे वापस ले लिया। कहा- इस्लामाबाद का लॉन्ग मार्च और धरना मैंने इसलिए खत्म कर दिया, क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि बेगुनाह लोगों का खून बहे। पुलिस ने हमारे लोगों पर आंसू गैस छोड़ी और लाठीचार्ज किया। इस मार्च के कुछ दिन पहले फौज ने इमरान को मैसेज भेजा था कि वो अमेरिका के खिलाफ बयानबाजी न करें। खान नहीं माने और उन्होंने अमेरिका के साथ ही अपनी ही फौज पर तंज कस दिए।