अमेरिका मिड टर्म इलेक्शन:अरुणा मिलर मैरीलैंड की लेफ्टिनेंट गवर्नर बनीं; 25 साल के मैक्सवैल होंगे संसद में सबसे कम उम्र के मेंबर

अमेरिका में हो रहे मिड टर्म चुनाव के रिजल्ट्स आने लगे हैं। इसके मुताबिक, अमेरिका में रहने वाली भारतवंशी अरुणा मिलर मैरीलैंड की लेफ्टिनेंट गवर्नर बन गई हैं। वो ये पद संभालने वाली पहली अप्रवासी होंगी। वहीं, 25 साल के मैक्सवेल एलेजांद्रो फ्रॉस्ट ने फ्लोरिडा सीट जीत ली है। अब वो संसद में सबसे कम उम्र के मेंबर होंगे।

  • 58 साल की अरुणा डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं। उनका जन्म भारत के हैदराबाद में हुआ था। 7 साल की उम्र में वे अमेरिका आ गई थीं।
  • उन्होंने 1989 में मिसौरी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी से सिविल इंजीनियरिंग की। इसके बाद मॉन्टगोमरी काउंटी के लोकल ट्रांसपोर्टेशन डिपार्टमेंट में 25 साल काम किया।
  • 2010 से 2018 तक मैरीलैंड हाउस ऑफ डेलीगेट्स को रिप्रेजेंट किया। 2018 में पहली बार संसद पहुंचने के लिए चुनाव लड़ा।
  • मोंटगोमरी काउंटी में रहने वाली अरुणा ने डेव मिलर से शादी की। उनकी 3 बेटियां हैं।

हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में भारतीय-अमेरिकियों का हो सकता है दबदबा
एक्सपर्ट्स का मानना है कि संसद के हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव (लोअर हाउस) में भारतीय-अमेरिकियों का दबदबा हो सकता है। अमी बेरा, राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना और प्रमिला जयपाल को फिर से चुना जा सकता है। ये चारों डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं।

US में भारतीय अमेरिकी मतदाताओं का रोल भी अहम

भारतीय लोग अमेरिकी स्विंग वाले राज्यों में एक महत्वपूर्ण वोट के रूप में उभरे हैं, यहां हार-जीत एक हजार या कुछ हजार वोटों से तय होती है। US थिंक टैंक कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस की 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक चुनिंदा स्विंग राज्यों में, भारतीय अमेरिकी आबादी जीत के अंतर से बड़ी है, जिसने 2016 में हिलेरी क्लिंटन और 2020 में ट्रम्प को नजदीकी लड़ाई में बाहर कर दिया।

मैक्सवेल एलेजांद्रो फ्रॉस्ट

  • एपी न्यूज एजेंसी के मुताबिक, डेमोक्रेटिक पार्टी के मैक्सवेल एलेजांद्रो फ्रॉस्ट ने रिपब्लिकन पार्टी की कैंडिडेट केल्विन विम्बिश को हरा दिया। फ्रॉस्ट का जन्म 1997 में हुआ था। वे अभी 25 साल के हैं।
  • उन्होंने ऑरलैंडो में ओस्सिओला काउंटी स्कूल ऑफ आर्ट्स से पढ़ाई की। जून 2022 में उन्होंने वालेंसिया कॉलेज में एडमिशन लिया।
  • 2012 से वो पॉलिटिक्स में एटिव हो गए थे। वो बराक ओबामा के प्रेसिडेंशियल कैंपेन का हिस्सा थे।

गन वॉयलेंस का शिकार हुए थे इसलिए चुनाव में उठाया यही मुद्दा
2016 में ऑरलैंडो में हैलोवीन सेलिब्रशन के दौरान फायरिंग हुई थी। इस हादसे में फ्रॉस्ट बाल-बाल बचे थे। तभी से वो गन वॉयलेंस के खिलाफ आवाज उठाते आ रहे हैं। फ्रॉस्ट एक्टिविस्ट भी रहे हैं। वे मार्च फॉर अवर लाइव्स नाम के एंटी-गन वॉयलेंस मूवमेंट का हिस्सा थे। उन्होंने चुनाव मैदान में भी गन वॉयलेंस कंट्रोल का मुद्दा उठाया। इसके अलावा उन्हें यूथ के इंटररेस्ट वाले मुद्दों- क्लाइमेंट चेंच, हेल्थकेयर, अबॉर्शन राइट्स पर समर्थन मिला।