डायबिटीज पर बाबा रामदेव से बातचीत:बीमारी के जेनेटिक होने की आशंका ज्यादा होती है, पर योग इसे टाल सकता है

डायबिटीज आज एक बड़ी समस्या बन चुकी है। इससे देश में लगभग 7.7 करोड़ पीड़ित हैं। इसी मुद्दे पर दैनिक भास्कर ने योग गुरु बाबा रामदेव से बातचीत की। उन्होंने डायबिटीज के बारे में विस्तार से बताया कि इसे कैसे नियंत्रित कर सकते हैं।

सवाल: डायबिटीज का सामना कैसे करें?
जवाब:
 डायबिटीज में पैंक्रियाज के बीटा सेल डीजनरेट हो जाते हैं। इन्हें एक्टिवेट करने के लिए योग में आसन की एक श्रृंखला है। इनमें मण्डूकआसन, योगमुद्रा आसन, अर्धमत्स्येंद्रासन, वक्रासन, गौमुखासन, पवनमुक्तासन, सुतेबंधु, उत्तानपादासन, लोकासन, सर्वासन प्रमुख हैं।

सवाल: मरीज को किन बीमारियों का खतरा है?
जवाब:
 डायबिटीज से कई लोगों को किडनी फेलियर होता है। 20-30% में क्रिएटिनिन स्तर बढ़ने की संभावना होती है। 20-25% लोगों को आंखों से जुड़ी समस्या होती है। मैंने कई न्यूरोपैथी के मरीज भी देखे हैं, जिसमें पूरे शरीर में जलन और पीड़ा होती है। मैंने इन सारे कॉम्प्लिकेशन्स को योग, आयुर्वेद और नेचुरोपैथी के जरिए ठीक किया है। कई गैंगरीन के मरीजों को भी अच्छा किया है।

सवाल: क्या सावधानियां बरतें?
जवाब:
 डायबिटीज से बचना बड़ी बात है क्योंकि 10% लोगों को डायबिटीज हो चुका है और 10-15% बॉर्डर लाइन पर खड़े हैं। डायबिटीज से बचने के लिए रोज आधा घंटा वर्कआउट करें। ज्यादा खाने वाले 1 घंटा वर्कआउट करें। आर्टिफिशियल मीठा जैसे चीनी को छोड़ देना चाहिए। डायबिटीज एक लाइफस्टाइल डिजीज के तौर पर महामारी की तरह बढ़ रही है। भारत डायबिटीज कैपिटल बनता जा रहा है। इससे हम लोगों को बचा सकते हैं।

सवाल: आयुर्वेद कितना कारगर?
जवाब:
 हम 30 सालों से आयुर्वेदिक औषधियां बना रहे हैं। हमने मधुनाशिनी और मधुधृति बनाई। हमने इसका प्रयोग किया है, क्लिनिकल कंट्रोल्ड ट्रायल किए हैं। इससे पैंक्रियाज के बीटा सेल्स रीएक्टीवेट होते हैं। मैंने 80 से 100 यूनिट इंसुलिन लेने वाले लोगों की डायबिटीज एक से दो हफ्ते में नियंत्रित की है।