हरियाणा पुलिस का ये कैसा सलूक?:बॉर्डर पर ड्यूटी छोड़ इंसाफ के लिए भटक रहे 2 फौजी, एक चोर, दूसरा लापता बेटे को ढूंढ रहा

देश की रक्षा करने के लिए विपरीत परिस्थितियों में सरहद पर तैनात रहने वाले फौजी हरियाणा में इंसाफ के लिए ड्यूटी छोड़ दर-बदर भटक रहे है। पुलिस की कार्यप्रणाली से थक हार कर फौज की वर्दी पहने एक फौजी अपने लापता बेटे को ढूंढने तो दूसरा चोर की तलाश में जुटा है। दोनों के साथ हुए घटनाक्रम की कहानी भले ही अलग है, लेकिन हरियाणा पुलिस का सलूक दोनों के साथ एक ही जैसा है।

दरअसल, हरियाणा के नारनौल शहर के सेक्टर-1 में रहने वाले जयदयाल और पानीपत के हरिनगर में रहने वाले संजय दोनों ही सेना में कार्यरत है। जयदयाल चीन बॉर्डर तो संजय पश्चिम बंगाल में तैनात है। दोनों फिलहाल ड्यूटी छोड़कर अपने-अपने शहर में पुलिस से इंसाफ की उम्मीद की टकटकी लगाए बैठे है। लेकिन पुलिस है कि आश्वासन के सिवाय अभी तक भरोसा नहीं जीत पाई। अब दोनों पुलिस की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं।

6 दिन बाद भी नहीं मिला बेटा, खुद तलाशने पहुंचा
नारनौल की सेक्टर-1 से 17 नवंबर को जयदयाल का 14 साल का बेटा जयवीर सुबह 10:30 बजे घर से लापता हो गया। बच्चा यदुवंशी स्कूल में 9वीं क्लास में पढ़ता है। घटना के वक्त जयदयाल ड्यूटी पर चाइना बॉर्डर के पास KS हिल्स पर तैनात था। जैसे ही उसे बेटे के लापता होने की खबर लगी, उसी दिन से उसने पुलिस से संपर्क कर बेटे को ढूंढने की गुहार लगानी शुरू कर दी। महाबीर चौक पुलिस चौकी में बेटे की गुमशुदगी का मामला तो दर्ज हो गया, लेकिन बेटे का पता नहीं चल पाया।
ड्यूटी की जगह मोबाइल नेटवर्क नहीं, इसलिए घर आया
जयदयाल का कहना है कि जिस जगह ड्यूटी है, वहां से फोन पर संपर्क करना भी बहुत मुश्किल है, क्योंकि नेटवर्क की समस्या रहती है। फिर भी हर वक्त उसे बेटे की चिंता सताती रही और जब 5 दिन बाद भी बेटे का सुराग नहीं लगा तो वह छुट्‌टी लेकर घर आ गया। अब वह खुद बेटे की तलाश में जुटा है। जयदयाल का कहना है कि उनके बेटे का सुराग लगाने में पुलिस का ढुलमुल रवैया है। उसने बताया कि 5 दिन में भी पुलिस उसके बेटे की तलाश नहीं कर पाई है। उसने पुलिस की कार्यप्रणाली पर असंतोष जाहिर किया। जय दयाल का कहना है कि पुलिस न तो सीसीटीवी कैमरे जांच रही है और न ही तलाशी के लिए कोई ठोस कार्रवाई कर रही है।

पुलिस नहीं पकड़ पाई चोर, ड्यूटी छोड़ घर की सुरक्षा में डटा
पानीपत के हरिनगर में रहने वाले फौजी संजय कुमार पश्चिम बंगाल में तैनात है। उनके घर में 30 अक्टूबर को लाखों रुपए की चोरी हो गई। काफी दिन बीतने के बाद भी जब पुलिस मामला नहीं सुलझा पाई तो वह ड्यूटी छोड़ घर आ गया। इसके बाद से वह 20 से ज्यादा बार वह संबंधित थाना पुलिस और पुलिस के उच्च अधिकारियों से मिल चुका है। मगर अभी तक न ही चोर गिरफ्तार हुए और न ही उसका सामान मिला है। आहत होकर फौजी संजय ने बड़ा फैसला लिया। फौजी ने कहा है कि अब वह ड्यूटी पर वापस नहीं लौटेगा। क्योंकि वारदात के बाद से उसकी पत्नी और बच्चे सहमे हुए हैं और पुलिस सिर्फ आश्वासन के सिवाए कुछ नहीं कर पाई।

फौजी संजय ने बताई पूरी कहानी…
संजय बताते है कि घटना 30 अक्टूबर 2022 की है। मैं उस समय पश्चिम बंगाल में ड्यूटी पर था और बच्चे 2:30 बजे के बाद किसी कार्यक्रम में चले गए थे। 30 अक्टूबर को चोरी होने के बाद 31 तारीख को मुझे फोन आता है। कभी-कभी फोन नहीं लग पाता तो फोन करने के लिए हम सुबह के समय ऊपर चले जाते हैं।

31 तारीख को सुबह मुझे मेरे पड़ोसी ने फोन कर बताया कि फौजी साहब आपके घर में चोरी हो गई है। मैंने 9 बजे बच्चों को इसके बारे में बताया तो वह घर पर पहुंचे। घटना की FIR 31 अक्टूबर को हो गई थी, जिसे 20 दिन हो चुके हैं। मैं 8 तारीख को घर पर पहुंचा।

मैंने उस समय ड्यूटी को जरूरी समझा, न कि अपने घर को। उस समय मेरे लिए ड्यूटी जरूरी थी। ड्यूटी के बाद मेरे बच्चों और मेरे घर के प्रति भी मेरी जिम्मेदारी बनती है। चोरी हुए 20 दिन हो चुके हैं। मैं SP से मिला तो, उन्होंने बस ये कहा कि आप की कार्रवाई चल रही है।

सांत्वना के अलावा मुझे अब तक चोरी हुए माल की कोई रिकवरी नहीं मिली है। मेरे बच्चे डरे और सहमे हुए हैं। वह मुझसे बोले कि पापा आज ये वाक्या हुआ है। कल को हमें कोई मार कर चला जाएगा। आपके अलावा हमारा कौन है।

बच्चे डरे और सहमे हुए बार-बार मुझे ड्यूटी के लिए मना कर रहे हैं, और कह रहे हैं कि पापा आप चले जाएंगे तो हम मर जाएंगे। हमें सुरक्षा दो। हम यहां पर सुरक्षित नहीं हैं। जब तक मेरा केस सॉल्व नहीं होगा और मुजरिम नहीं पकड़े जाएंगे तब तक मैं ड्यूटी जॉइन नहीं करूंगा।