देश को वर्ल्ड चैंपियनशिप और कॉमनवेल्थ गेम्स के गोल्ड मेडल दिलाने वाली मुक्केबाज निखत जरीन के लिए खेल में धर्म मायने नहीं रखता है। वे जब भी कोई टूर्नामेंट खेल रही होती हैं तो उनका लक्ष्य देश को मेडल जिताने पर रहता है। यह बात खुद निखत जरीन ने कही है। निखत वही मुक्केबाज हैं, जिसने मैरीकॉम जैसी दिग्गज मुक्केबाज को कई बात मात दी है।
हिजाब विवाद के सवाल पर 26 साल की इस मुक्केबाज ने कहा- ‘स्पोर्ट्स में मेरे लिए कोई धर्म मैटर नहीं करता है। हम यहां पर देश को रिप्रिजेंट करते हैं और देश को मेडल जिताने का ही हमारा एक लक्ष्य रहता है।’
वे भोपाल में चल रही नेशनल विमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में हिस्सा ले रही हैं। निखत ने पहला मुकाबला आसानी से जीत लिया। निखत की आक्रामकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रेफरी को बाउट रोकनी पड़ी।
पहली जीत के बाद निखत ने दैनिक भास्कर से हिजाब विवाद, ड्रेस कोड और वर्ल्ड चैंपियनशिप व पेरिस ओलिंपिक गेम्स की तैयारियों पर संक्षिप्त बातचीत की।
सवाल : इस चैंपियनशिप को कैसे देखती हैं?
इसे वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारियों के तौर पर लूंगी। यह साल की आखिरी कॉम्पिटिशन है। तो मैं उम्मीद करती हूं यहां भी गोल्ड जीतूं और इस साल का समापन गोल्ड के साथ करूं।
सवाल : अगले साल 15 मार्च से भारत ही वर्ल्ड चैंपियनशिप होस्ट करने जा रहा है और सब की नजरें आप पर होंगी। कैसे तैयारी कर रही हैं?
तैयारी तो बढ़िया ही रहेगी। पहले से और ज्यादा मेहनत करूंगी, क्योंकि चैंपियनशिप इंडिया में हो रही है, तो मेरे से लोगों की उम्मीदें भी ज्यादा रहेंगी। मेरी तरफ से पूरी कोशिश रहेगी कि अपना बेस्ट दूं और इस बार भी इस चैंपियनशिप में अपने देश के लिए गोल्ड जीत सकूं।
सवाल : आज जीत से शुरुआत की है, क्या कहेंगी उस बाउट पर?
पहले दौर में RSC (रेफरी स्टॉप द कॉन्टेस्ट) किया है, मुझे अच्छा लगा। धीरे-धीरे और सुधार करूंगी। और अच्छा करने की कोशिश करूंगी।
सवाल: सलमान खान की बड़ी फैन हैं। किसी मुलाकात का वाकया हमसे शेयर करेंगी?
हाल ही में उनसे मुलाकात हुई थी और हमने उनके गाने पर साथ में एक वीडियो भी बनाया था। सलमान ने मुझसे बहुत अच्छे से बात की है और आने वाले कॉम्पिटिशन के लिए शुभकामनाएं दीं। उनसे मिलकर अच्छा लगा।
सवाल : पेरिस ओलिंपिक के लिए निखत की क्या तैयारी है?
अल्टीमेट ड्रीम तो ओलिंपिक में गोल्ड जीतना है। मैं हर प्रतियोगिता में एक के बाद एक फोकस करना चाहती हूं। फिलहाल, नेशनल खेल रही हूं तो उसी में ध्यान है। उसके बाद मेरा फोकस वर्ल्ड चैंपियनशिप पर रहेगा।
सवाल: ईरान में हिजाब पर विवाद चल रहा है। उडुपी के सरकारी कॉलेज में भी हिजाब के साथ क्लास आने से रोका गया। एक लड़की और मुक्केबाज के तौर पर ड्रेस कोड सिस्टम पर क्या कहेंगी?
मैं एथलीट हूं और इन सब पॉलिटिकल चीजों पर कमेंट नहीं करना चाहती हूं। अगर हिजाब की बात करें तो बॉक्सिंग में इंटरनेशनल बॉडी हिजाब पहनकर खेलने की अनुमति देती है। तो यहां पर कोई रोक-टोक नहीं है। यहां आप अपने धर्म को फॉलो करते हुए और नियमों के साथ खेल सकते हैं।
सवाल: कितना सही है, इन चीजों पर सवाल उठाना, क्योंकि धर्म अलग है और गेम अलग?
स्पोर्ट्स में मेरे लिए कोई धर्म मैटर नहीं करता है। हम यहां पर देश को रिप्रेजेंट करते हैं और देश को मेडल जिताने का ही हमारा एक लक्ष्य रहता है।
सवाल: अभी आपने फाइनल से पहले भजिए खाने से मना कर दिया। अपनी डाइट को लेकर कितनी संजीदा हैं?
डाइट तो स्ट्रिक्टली फॉलो करती हूं, क्योंकि 50 KG में खेलने के लिए मुझे थोड़ा वजन घटाना भी पड़ता है और हेल्दी डाइट भी मेंटन करना पड़ता है। इसकी वजह से बाहर का खाना अवॉइड करती हूं। जैसे बिरयानी खाना मुझे बहुत पसंद है। मैं जब भी घर जाती हूं तो बिरयानी खाती हूं, लेकिन बाहर मैं नहीं खा पाती हूं। जैसे ही यह कॉम्पिटिशन खत्म होगा घर जाकर सबसे पहले मां के हाथ की बिरयानी खाऊंगी।