मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब सरकार का आखिरी बजट पेश करने की तैयारी कर रहे हैं। इसी साल चुनाव होने हैं, इस लिहाज से इस बजट को वे खुद गेम चेंजर मान रहे हैं।
दैनिक भास्कर ने मुख्यमंत्री गहलोत से विधानसभा चुनाव 2023, CM फेस, भारत जोड़ो यात्रा, पेपर लीक, फ्री मोबाइल, 500 रुपए में गैस सिलेंडर, किसान कर्जमाफी सहित कई मुद्दों को लेकर बात की।
गहलोत ने दावा किया- राजस्थान में इस बार कांग्रेस 30 साल पुराना इतिहास बदलेगी, क्योंकि इस बार एंटी-इनकम्बेंसी नहीं प्रो-एफिसिएंसी है। इसी का सबूत है 9 उपचुनाव, जिनमें 7 में कांग्रेस ने जीत हासिल की। वहीं, उन्होंने साफ कर दिया है कि फिलहाल राजनीति से रिटायरमेंट लेने का उनका कोई इरादा नहीं है।
भारत जोड़ो यात्रा खत्म हो गई है, अब सरकार का अगले एक साल सबसे ज्यादा फोकस किस बात पर है?
गहलोत : राजस्थान में करीब 550 किलोमीटर की यात्रा निकली, कहीं पर भी एंटी इनकम्बेंसी जैसा माहौल देखने को नहीं मिला। यह दिखाता है कि प्रदेश की जनता सरकार के साथ है। हमारा फोकस इस चुनाव में पिछली बार से अधिक सीटें लाकर सरकार रिपीट करने का है। राजस्थान में सरकार रिपीट होने जा रही है।
आपको क्यों लगता है कि कांग्रेस पिछले 25-30 साल पुरानी परंपरा को तोड़कर इस बार सरकार रिपीट करेगी?
गहलोत : राजस्थान में 1993 के बाद से न तो कांग्रेस और न ही भाजपा रिपीट कर पाई है, लेकिन हर बार एक अंतर रहा है, कांग्रेस की सरकार जाने के बाद जनता के मन में छह महीने बाद ही ये भाव आ जाता है कि सरकार तो अशोक गहलोत की ही अच्छी थी। इसलिए 2013 में भाजपा की सरकार बनने के बाद हुए 8 उपचुनावों में से 6 में भाजपा हारी थी, क्योंकि लोग उनकी नीतियां समझ गए थे।
हमारी योजनाओं से इस बार जनता बहुत खुश है। इस बार जनता के मन में कोई एंटी-इनकम्बेंसी न होकर प्रो-एफिसिएंसी है। यही कारण है कि हम 9 में से 7 उपचुनाव जीते हैं। BJP सिर्फ एक उपचुनाव जीत सकी और उसमें भी जीत का अंतर मामूली रहा।
राजस्थान में अगला चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा?
गहलोत : कांग्रेस पार्टी की प्रथा रही है कि हमेशा चुनाव आलाकमान के नेतृत्व में लड़ा जाता है और चुनाव के बाद मुख्यमंत्री विधायकों की राय के अनुसार आलाकमान द्वारा तय किया जाता है। पंजाब एक अपवाद है, जहां CM फेस दो चुनावों में पहले घोषित किया गया।
राहुल गांधी 18 दिन राजस्थान में रहे, सबसे ज्यादा फायदा किसे हुआ?
गहलोत : सबसे ज्यादा फायदा हमारे प्रदेश व देश को हुआ है। राहुल जी की यात्रा का उद्देश्य राजनीतिक न होकर देशहित के लिए है। बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी, देश में अलग-अलग वर्ग के बीच बढ़ता तनाव, गरीब और अमीर के बीच बढ़ता अंतर आज सबको दिख रहा है।
राहुल जी इन्हीं मुद्दों के खिलाफ देश को एकजुट करने निकले हैं। राजस्थानवासियों ने भारत जोड़ो यात्रा का ऐतिहासिक स्वागत किया। ये दिखाता है कि राहुल गांधी एवं भारत जोड़ो यात्रा से लोगों की उम्मीदें जुड़ी हैं।
बजट आने वाला है, 500 रुपए में सिलेंडर देने की घोषणा आप कर चुके हैं, क्या ऐसी ही और योजनाओं से भरा होगा बजट?
गहलोत : ये कोई लोकलुभावन नहीं जरूरी कदम है। उज्ज्वला योजना में मोदी सरकार ने एक सिलेंडर तो फ्री दे दिया, लेकिन अब LPG सिलेंडर 1050 रुपए का मिल रहा है। ऐसे में लोग सिलेंडर रिफिल नहीं करवा पा रहे हैं। जहां हमारी सरकार हैं, वहां हम महंगाई को काबू में करने के कदम उठा रहे हैं। इस बार के बजट में बहुत कुछ खास होने वाला है।
पिछले बजट की मोबाइल देने वाली स्कीम का अभी भी लोग इंतजार कर रहे हैं? कब तक मिल जाएंगे?
गहलोत : कोविड के कारण वैश्विक बाजार में सेमीकंडक्टर चिप की कमी चल रही है, जो स्मार्टफोन बनाने में इस्तेमाल आती है। इसके कारण लागत अनावश्यक रूप से बढ़ती जा रही है। सरकार सुनिश्चित करेगी कि किस प्रकार प्रत्येक चिरंजीवी परिवार को अच्छी क्वालिटी के मोबाइल फोन वाजिब दाम पर खरीदकर उपलब्ध करवाए जा सकें।
खजाने से मुफ्त वाली स्कीम को लेकर बुद्धिजीवियों का मानना है कि यह सिर्फ चुनावी फायदा लेने के लिए लाई जाती हैं, इससे लॉन्ग टर्म में स्टेट और लोगों को कोई फायदा नहीं है। आप क्या मानते हैं?
गहलोत : भारत का हर नागरिक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष टैक्स देता है। सब लोग देते हैं GSTऔर एक सीमा से अधिक कमाने वाले इनकम टैक्स भी देते हैं। उस टैक्स के बदले वे सरकार से अपेक्षा करते हैं कि उसे सामाजिक सुरक्षा मिले।
अर्थव्यवस्था के बदलते दौर व कोविड ने पूरी दुनिया में एक असुरक्षा का भाव पैदा कर दिया है। अगर सरकार टैक्स के पैसे से उन्हीं टैक्सपेयर्स के लिए वापस योजनाएं बनाती है तो इसमें गलत क्या है? मेरी सरकार 3500 करोड़ रुपये खर्च कर राजस्थान के सभी नागरिकों को 10 लाख के बीमा की सुरक्षा देती है तो उसको रेवड़ी कहा जाएगा या केन्द्र सरकार मेहुल चौकसी का 7000 करोड़ रुपए का लोन राइट ऑफ कर दे उसको रेवड़ी कहा जाएगा?
मुझे लगता है कि हर नागरिक चाहेगा कि उसे स्वास्थ्य की सुरक्षा मिले। जनता के पैसे से जनता के लिए काम करने के लिए ही सरकार बनी है। जो लोग ऐसी बात करते हैं उन्हें पता होना चाहिए कि हाल ही में भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में राजस्थान की आर्थिक विकास दर देश में दूसरे स्थान पर है और 11.04% ग्रोथ रेट के साथ डबल डिजिट ग्रोथ हो रही है। हम पर आरोप लगाने वाली भाजपा का कोई भी शासित राज्य टॉप 5 राज्यों में नहीं है।
आपके हिसाब से राजनीति क्या है?
गहलोत : मेरे लिए राजनीति सेवा का माध्यम है। इस साल राजनीति में मुझे 50 साल हो जाएंगे। मेरा 50 साल का राजनीतिक जीवन ईमानदारी से गुजरा है। मैंने अपने जीवन में कोई संपत्ति नहीं बनाई। सोना-चांदी नहीं खरीदे, जो है जनता का दिया हुआ है। मैं मानता हूं कि कालाबाजारी से बचने के लिए 1972 में यूरिया की दुकान बंद कर राजनीति में आकर जनता की सेवा करने का मेरा फैसला सही था।
2018 के घोषणा पत्र के कितने वादे पूरे हो गए एवं कितने अधूरे हैं?
गहलोत : हमारी सरकार ने जनघोषणा पत्र के 80% वादों को पूरा कर लिया है और बाकी पूरे हो रहे हैं। कुछ घोषणाएं ऐसी हैं जो GST आधारित थीं, जिन्हें पूरा किया जाना बिना केन्द्र सरकार के सहयोग से संभव नहीं है। हमारे अधिकांश वादे पूरे हो चुके हैं।
विपक्ष आरोप लगाता है कि किसानों की कर्ज माफी नहीं हुई?
गहलोत : हमने 22 लाख किसानों की 14 हजार करोड़ रुपए की कर्जमाफी की है। इसमें राजस्थान सरकार के अंतर्गत आने वाले सभी बैंक शामिल हैं। हर किसान का नाम और राशि जनसूचना पोर्टल पर उपलब्ध है। विपक्ष जो झूठ बोलता है उसका जवाब तो अब किसान खुद सामने आकर देने लगे हैं।
- केन्द्र सरकार के तत्कालीन कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने 24 जुलाई 2018 को लोकसभा में कहा था- केन्द्र सरकार का किसान कर्जमाफी का कोई विचार नहीं है। कर्जमाफी से ‘डिफॉल्टर’ किसानों को प्रोत्साहन मिलता है।
- बड़े उद्योगपतियों के अरबों-खरबों के कर्ज माफ कर चुकी मोदी सरकार विपरीत परिस्थितियों के कारण कर्ज ना चुका पाने वाले किसानों को ‘डिफॉल्टर’ कह कर अपमानित करने का काम कर रही है।
क्या राष्ट्रीय बैंकों की कर्ज माफी हुई? इसके लिए कुछ कर रहे हैं?
गहलोत : हम 2018 से लेकर अब तक कई बार भारत सरकार को राष्ट्रीयकृत बैंकों से किसानों के कर्ज का उद्योगपतियों की तरह ही वन टाइम सैटलमेंट करने के लिए पत्र लिख चुके हैं। राष्ट्रीयकृत बैंकों से बात कर चुके हैं, पर बिना केन्द्र सरकार की परमिशन के यह संभव नहीं है।
हम स्पष्ट कह चुके हैं कि किसानों का पूरा हिस्सा हम चुकाएंगे, लेकिन मोदी सरकार तो किसानों को डिफॉल्टर कहकर अपमानित करती है और वो हमारे प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दे रही है।
चार साल में आपकी सरकार का सबसे बढ़िया काम कौन सा रहा आपके हिसाब से?
गहलोत : 1998 में मैं जब पहली बार मुख्यमंत्री बना तब से आज तक तीन सेक्टर मेरी प्राथमिकता में रहे हैं, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सामाजिक सुरक्षा। मुझे खुशी है कि इस बार इन तीनों सेक्टर्स में पिछले दो कार्यकालों से भी बेहतर काम हुआ है।
हेल्थ : स्वास्थ्य के क्षेत्र में राजस्थान एकमात्र प्रदेश है, जहां सरकारी अस्पतालों में इलाज पूरी तरह फ्री है। निजी अस्पतालों में इलाज के लिए 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा है। 97% महिलाओं की डिलीवरी संस्थागत यानी अस्पतालों में हुई है। मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में रिकॉर्ड गिरावट आई है।
एजुकेशन : 1650 से अधिक अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए हैं। सभी पंचायतों पर उच्च माध्यमिक विद्यालय खोले गए हैं। मेरे कार्यकाल में राजस्थान में IIT, IIIT, IIM, AIIMS, NLU, NIFT, FDDI, पांच एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, भीमराव अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी, हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय, सरदार पटेल पुलिस यूनिवर्सिटी खुले हैं।
सामाजिक सुरक्षा : हमने पुरानी पेंशन योजना लागू की है। इसके साथ ही करीब 1 करोड़ बुजुर्गों, विधवाओं, दिव्यागों और अनाथों को पेंशन दी जा रही है। मुझे खुशी है कि देशभर में आज राजस्थान शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सामाजिक सुरक्षा में अग्रणी प्रदेश है।
राजस्थान में पेपर लीक करने वाले नहीं डर रहे हैं? क्या सिर्फ आरोपी पकड़े जाने से ये रुक जाएगा? ऐसा क्या करेंगे जिससे पेपर लीक नहीं हो?
गहलोत : राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पर पेपर लीक करने वाली गैंग पर कार्रवाई हो रही है। अगर हम पेपर लीक वालों पर कार्रवाई न करें तो जनता को पता भी नहीं चलेगा और बेईमान नौकरी में लगते रहेंगे।
- पेपर तो BJP की सरकार में भी लीक हुए। खुद गुलाबचन्द कटारिया ने कहा कि पेपर तो उनकी सरकार में भी लीक हुए। क्या आपने सुना कि कोई गिरफ्तारी हुई? कोई सरकारी कर्मचारी बर्खास्त हुआ, स्कूल, कॉलेज की मान्यता रद्द हुई हो? भाजपा सरकार के दौरान हुई कुछ भर्तियों में तो जिन लोगों ने बेईमानी की वो नौकरी पा गए और मेहनती युवा रह गए।
- हमने बेईमानों को जेल में डाला, इसमें शामिल सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया, स्कूल कॉलेजों की मान्यता रद्द की और एक भी मेहनती युवा के साथ अन्याय ना हो इसलिए पेपर कैंसल कर दोबारा करवाया। हम चाहते तो पेपर रद्द नहीं करते पर किसी मेहनती युवा के साथ अन्याय न हो इसलिए हमने नफा नुकसान का न सोचकर कड़ी कार्रवाई की।
ऐसा कोई काम जो बहुत पहले हो जाना था, लेकिन अभी भी उसमें बहुत कमियां रह गईं हैं?
गहलोत : महिलाओं की माहवारी की परेशानी को समझते हुए उड़ान योजना का विचार पहले कार्यकाल में ही आ जाना चाहिए था और वो तभी से लागू हो जानी चाहिए थी।
- नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक अभी भी 15 से 24 वर्ष आयु की 64.6% महिलाएं माहवारी के दौरान अस्वच्छ तरीकों का इस्तेमाल करती हैं, जिससे उन्हें कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां और नि:संतानता तक हो जाती है। इसलिए हमने करीब 800 करोड़ रुपए बजट से उड़ान योजना लागू की है।
- प्रदेश की सभी महिलाओं को नि:शुल्क 12 सैनिटरी नैपकिन प्रतिमाह उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मुझे लगता है कि समाज को भी आगे आना चाहिए और हर बालिका एवं महिला तक सैनिटरी नैपकिन पहुंचाने में सहयोग करना चाहिए।
घोषणाओं का लाभ लोगों को मिलने लगे, ये कैसे सुनिश्चित करेंगे?
गहलोत : राजस्थान भौगोलिक रूप से भारत का सबसे बड़ा राज्य है। ऐसे में यहां सर्विस डिलीवरी मुश्किल एवं खर्चीला काम होता है, लेकिन हमारा उद्देश्य हर योजना का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। हमने कई प्रशासनिक सुधार कर यह सुनिश्चित भी किया है।
- आज चिरंजीवी योजना का लाभ 29 लाख लोगों को मिल सका है। 38 लाख परिवारों एवं 8.85 लाख किसानों को फ्री बिजली मिल सकी है। 50 लाख से अधिक महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन मिल रही हैं। 1700 अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में करीब 3 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं, 210 नए कॉलेज खुल गए हैं, 2 सरकारी यूनिवर्सिटी खुल गई हैं और 2 और यूनिवर्सिटी राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल यूनिवर्सिटी एवं बाबा आम्टे दिव्यांग यूनिवर्सिटी खुलने जा रही हैं।
- करीब 8 करोड़ थालियां इंदिरा रसोई में परोसी जा चुकी हैं, 3.50 लाख लोगों के इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार योजना में जॉब कार्ड बन गए हैं। करीब 1 करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। 238 से अधिक रिटायर्ड कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिलने लग गया है। हमारी लगभग सभी योजनाओं के लाभार्थियों का डाटा हमने जनसूचना पोर्टल पर डाला हुआ है।