जोशीमठ के 50 और घरों में दरारें:जिन होटलों में ठहराया वहां भी दरारें; लोग बोले- मरना है तो क्यों न अपने घर में रहें

उत्तराखंड के जोशीमठ में हालात और बिगड़ गए है। यहां पिछले 24 घंटों में 50 से ज्यादा अन्य मकानों में दरारें देख गईं। इससे पहले यह आंकड़ा 723 था। उधर, सीएम CM पुष्कर सिंह धामी ने रात जोशीमठ में गुजारी। इससे पहले वे पीड़ित परिवारों से मिले। गुरुवार को भूस्खलन को लेकर अधिकारियों और पार्टी नेताओं के साथ कई बैठकें करेंगे।

उधर बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात उत्तराखंड के गंगोत्री, औली समेत जोशीमठ के सुनील वार्ड में बर्फबारी हुई है।

मुनादी के बावजूद लोग घर छोड़ने तैयार नहीं
इनका कहना है कि मुआवजा तय हुए बिना वे अपनी संपत्ति कैसे छोड़ दें। कुछ लोगों को होटलों में शिफ्ट किया गया। लेकिन वहां भी दरारें थीं। इससे लोग नाराज हो गए। इनका कहना था कि जब मरना ही है तो हम अपने घरों में ही मरना पसंद करेंगे।

जोशीमठ से आज के अपडेट्स

  • उत्तराखंड सरकार ने दिल्ली HC को बताया है कि लोगों के विस्थापन के लिए 2 कमेटियां बनाई गई हैं।
  • उत्तराखंड सरकार ने प्रभावितों को देने के लिए 45 करोड़ रुपए का फंड रिलीज किया है।
  • स्वामी रामदेव की कंपनी पतंजलि ने राहत सामग्री से भरे दो ट्रक जोशीमठ भेजे हैं।
  • उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के चंबा में भी मकानों में भी दरारें आ गई हैं।
  • राहत राशि प्रभावितों को देने के लिए 11 सदस्यों की कमेटी बनाई गई है।

पहले कहा सुरक्षित फिर अगले दिन बोले- आधे घंटे में जाओ
जोशीमठ में घर के सर्वों को लेकर असमंजस बना हुआ है। लोगों का आरोप है कि सबकुछ वैसा नहीं है, जैसा दिख रहा है। एक कमरे में तीन-तीन परिवार रह रहे हैं। छोटे बच्चों वाले परिवारों के लिए सर्द रातें किसी बुरे सपने के समान साबित हो रही हैं। सुबह होने पर इनमें से ज्यादतर परिवार अपने घरों के बरामदों में आकर बैठ जाते हैं।

सिंहद्वार के रमेश सिंह नेगी ने कहा कि मंगलवार को सर्वे करने वाली टीम ने उनके मकान को सुरक्षित बताया था। रमेश बुधवार को काम पर चले गए। दोपहर में उनकी पत्नी ने फोन कर बताया कि सर्वे टीम आई है और कह रही है कि आधे घंटे में मकान खाली कर दो। रमेश तुरंत घर पहुंचे तो पत्नी बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल था। आधे घंटे में मकान कैसे खाली करेंगे। कहां जाएंगे। आसपास के कुछ घरों में भी कोहराम मचा हुआ था।

खतरे की जद में हिमालय का ये हिस्सा भी

  • मसूरी: लैंडोर के पहाड़ी इलाके में भी भूधंसाव हो रहा है। भूधंसाव वाले इलाके में पहले से ही 700 से ज्यादा गिराऊ भवन हैं। विशेषज्ञ इन मकानों के कभी भी गिरने की चेतावनी दे चुके हैं।
  • चंबा: टिहरी गढ़वाल जिले के चंबा क्षेत्र में भी कुछ घरों में दरारें आने की जानकारी है। चंबा क्षेत्र में तीन साल पहले ही ऑल वेदर रोड के लिए रोड टनल बनाई गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि रोड टनल बनने के बाद से ही मकानों में दरारें आने की शिकायतें बढ़ी हैं।
  • कर्णप्रयाग: भूधंसाव से लगभग 50 घरों में दरारें आने लगी हैं। क्षेत्र की 15 दुकानों में दरारें आई हैं। कई परिवार खौफजदा होकर अपने रिश्तेदारों के घरों में रहने के लिए चले गए हैं। प्रशासन ने यहां के लिए स्टडी टीम बुलाई है।