ईरान में हिजाब का विरोध ठंडा पड़ा:4 महीने में 20 हजार लोगों को जेल हुई, हताश प्रदर्शनकारी अब अपने घर लौट रहे

ईरान में चार माह से चल रहा हिजाब विरोधी प्रदर्शन अब थम गया है। हताश होकर लोगों ने प्रदर्शन छोड़कर घर वापसी करना शुरू कर दिया है। इसके पीछे तर्क यह है कि सरकार विरोधी प्रदर्शनों का सरकार पर कोई असर दिखाई नहीं दे रहा। उल्टा सरकार और भी ज्यादा सख्त रवैया अपना रही है। प्रदर्शन खत्म हो गया है। हालांकि, इसकी औपचारिक घोषणा अभी नहीं हुई है।

इधर, लोगों में सरकार के प्रति जमकर विरोध अब भी व्याप्त है। दरअसल, 13 सितंबर को 22 साल की महसा अमिनी अपने परिवार से मिलने तेहरान आई थी। उसने हिजाब नहीं पहना था। पुलिस ने तुरंत महसा को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के 3 दिन बाद यानी 16 सितंबर को उसकी मौत हो गई। इसके बाद मामला सुर्खियों में आया।

100 से ज्यादा प्रदर्शनकरियों को मौत की सजा मिली
देशभर में जमकर हिजाब विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए। इसके चलते अब तक फुटबॉलर, एक्टर, पत्रकार और छात्रों सहित लगभग 20 हजार से ज्यादा लोगों को जेल में बंद कर दिया गया है। 100 से ज्यादा लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है। 4 प्रदर्शनकारियों को फांसी पर चढ़ा दिया गया है।

इधर, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनेई भले ही चार माह बाद राहत की सांस ले रहे हैं, लेकिन लोगों में अब भी विरोध कायम है। यूनिवर्सिटी कैंपस जहां प्रदर्शन सबसे लंबे समय तक जारी रहे, सुरक्षा गार्ड्स और कैमरों के जरिए किलों में तब्दील हो गए हैं। इस्लामिक गणराज्य की प्रशंसा करने वाले बैनर लगा दिए गए हैं। इंटरनेट पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

विरोध थमा, लेकिन सरकार की परेशानियां बढ़ीं
विरोध प्रदर्शन तो थम गया है, लेकिन सरकार के लिए परेशानियां बढ़ गई हैं। देश अस्त-व्यस्त हो गया है। यात्रा करने वाले ईरानी प्लेन, ट्रेन और बस के टिकट के लिए संघर्ष कर रहे हैं। डॉलर के मुकाबले रियाल का मूल्य 50% कम हो गया है।